
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान जालंधर में जल्द ही अपना घर बदलेंगे। यहां 11 एकड़ में फैला पुराना हाउस उनके लिए तैयार किया गया है। इससे वह जालंधर को अपना दूसरा घर बनाने के वादे को भी पूरा कर पाएंगे, ताकि यहीं से एरिया के लोगों के काम हो सकें।
उनके लिए जो घर फाइनल किया गया है, वह शहर के पुराने बारादरी इलाके में स्थित हाउस नंबर 1 है, जो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से भी पुराना है। यहां तक कि जालंधर डिवीजन के पहले ब्रिटिश कमिश्नर सर जॉन लॉरेंस 1848 में इस घर में रहने आए थे। उस समय जालंधर महाराजा रणजीत सिंह के साम्राज्य का हिस्सा था। इसे उस समय की प्रचलित निर्माण सामग्री, अनूठी नानकशाही ईंटों और चूना पत्थर से बनाया गया था। निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा ईंटों, सीमेंट और अन्य सामग्री भेजी है। सुरक्षा के लिए दो गार्ड तैनात कर दिए गए हैं, लेकिन इस घर में ज्यादा कुछ बदलाव नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसे 2002-03 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्मारक का दर्जा दिया गया था।
इससे पहले जालंधर में किराए का मकान लेते हुए सीएम ने कहा था कि अब माझे और दोआबे के लोगों को अब चंडीगढ़ नहीं जाना पड़ेगा, उनकी समस्याएं यहीं दूर की जाएंगी। यहीं रहकर हम लोगों की परेशानी कम करेंगे और लोगों को हमसे सीधा संपर्क स्थापित करने के हर संभव प्रयास करेंगे। सीएम मान का पिछला मकान शहर से थोड़ा दूर था, लेकिन अब ये मकान बीचों बीच होने के चलते लोगों को शिकायत लेकर आने में दिक्कत नहीं होगी।
सीएम मान के नए घर में कई सुविधाएं होंगी। इसमें चार ड्राइंग रूम, चार बेडरूम, तीन ऑफिस रूम, एक बाहरी बरामदा और साथ ही सहायक कर्मियों के लिए 10 दो कमरों वाले फैमिली फ्लैट भी हैं। घर के सामने वाले हिस्से में बड़ा गॉर्डन है और साथ ही इसके पिछली तरफ चर्चित क्लब जिमखाना है।
पिछले 176 सालों में इस घर में 140 कमिश्नर रह चुके हैं। पिछले डिवीजनल कमिश्नर आईएएस अधिकारी गुरप्रीत सपरा भी इस घर में रहीं, लेकिन उसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा इस घर पर ध्यान केंद्रित किया गया तो इसे मुख्यमंत्री के दूसरे घर के रूप में तैयार करने की शुरुआत की गई।