
पंजाब में बड़ी संख्या में वाहन आज भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) के बिना सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पंजीकृत कुल 1.47 करोड़ वाहनों में से 55.45 लाख (करीब 37.62%) वाहन ऐसे हैं जिन पर अभी तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाई गई है। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी इन आंकड़ों ने राज्य में प्रशासनिक चिंता बढ़ा दी है।
अब पंजाब सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न लगाने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ चालान काटने की तैयारी शुरू कर दी है। परिवहन विभाग द्वारा तैयार की गई वाहनों की सूची पुलिस विभाग को सौंप दी गई है और जल्द ही पूरे राज्य में विशेष अभियान चलाया जाएगा।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की अनदेखी
पंजाब सरकार पिछले कई वर्षों से वाहन मालिकों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगवाने के लिए जागरूक कर रही है। वर्ष 2021 में इस दिशा में पहली बार सख्ती बरती गई थी, जबकि वर्ष 2023 में एक विशेष अभियान के तहत अंतिम डेडलाइन भी तय की गई थी। इसके बावजूद बड़ी संख्या में वाहन मालिकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
हालांकि सरकार ने समय-समय पर मोहलत देकर वाहन चालकों को HSRP लगवाने का अवसर दिया, लेकिन जागरूकता और अनुपालन की कमी अब प्रशासन को दंडात्मक कार्रवाई की ओर ले जा रही है।
पुलिस करेगी चालान की कार्रवाई
राज्य परिवहन विभाग ने हाल ही में ऐसे सभी वाहनों की सूची तैयार की है, जिन पर HSRP नहीं लगी है। इस सूची को केंद्र सरकार के साथ साझा करने के बाद अब पुलिस विभाग को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह हाईवे, शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में इन वाहनों की पहचान कर चालान करे। सितंबर के पहले सप्ताह से पूरे राज्य में व्यापक स्तर पर चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। ऐसे वाहन चालकों पर ₹2000 से ₹3000 तक का चालान किया जा सकता है, जो HSRP नहीं लगवाते हैं।
हरियाणा की स्थिति भी बेहतर नहीं
पड़ोसी राज्य हरियाणा की स्थिति भी पंजाब से बहुत अलग नहीं है। यहां 1.39 करोड़ पंजीकृत वाहनों में से 47.74 लाख पर HSRP नहीं लगी है, यानी लगभग 34.22% वाहन अब भी बिना इस जरूरी नंबर प्लेट के चल रहे हैं। हालांकि हरियाणा में पिछले कुछ वर्षों में कई बार सख्त अभियान चलाए गए, जिससे अनुपालन में थोड़ी तेजी आई है, लेकिन संख्या अब भी चिंताजनक बनी हुई है।
क्या है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP)?
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एक विशेष प्रकार की नंबर प्लेट होती है, जिसे सुरक्षा के लिहाज से डिजाइन किया गया है। इसे एल्युमिनियम से तैयार किया जाता है और इसके ऊपरी हिस्से में क्रोमियम आधारित होलोग्राम होता है। प्लेट को वाहन पर एक नॉन-रिमूवेबल और नॉन-रियूजेबल लॉक फिटिंग सिस्टम के जरिए लगाया जाता है, जिससे इसे दोबारा हटाना या उपयोग करना असंभव हो जाता है।
हर HSRP पर एक यूनिक कोड होता है, जो वाहन की पहचान को सुरक्षित करता है। यह कोड वाहन के मालिक, इंजन और चेसिस नंबर सहित सभी जरूरी जानकारियों से लिंक होता है।
HSRP के क्या हैं फायदे?
- वाहन चोरी पर लगाम:
HSRP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे चोरी हुए वाहनों को ट्रेस करना आसान हो जाता है। इस प्लेट की नकल करना आसान नहीं होता और यदि कोई चोरी के वाहन पर नकली नंबर लगाकर इस्तेमाल करना चाहे, तो तुरंत पकड़ा जा सकता है। - दुर्घटना की स्थिति में मददगार:
अगर कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है, तो नंबर प्लेट पर मौजूद यूनिक कोड की मदद से वाहन मालिक की पहचान तेजी से की जा सकती है। इससे आपातकालीन स्थिति में परिवार वालों तक सूचना पहुंचाने में आसानी होती है। - नकली नंबर प्लेट पर रोक:
हाई सिक्योरिटी प्लेट को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, जिससे नकली नंबर प्लेट या फर्जी वाहनों की संभावना लगभग खत्म हो जाती है। - अन्य अपराधों में रोकथाम:
कई बार अपराधी चोरी के वाहनों का इस्तेमाल कर अपराध करते हैं। HSRP की सहायता से ऐसे वाहनों को जल्दी ट्रेस किया जा सकता है, जिससे अपराध नियंत्रण में भी मदद मिलती है।
केंद्र सरकार की पहल और राज्यों की भूमिका
भारत सरकार ने वर्ष 2012 में देशभर में HSRP को अनिवार्य कर दिया था, लेकिन राज्यों में इसका कार्यान्वयन काफी धीमा रहा। कई राज्यों ने इसे लागू करने में समय लिया, वहीं कई वाहन मालिकों ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया।
पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में भारी संख्या में पुराने वाहन हैं, जिनके मालिक HSRP लगवाने से बचते रहे हैं। कई बार तकनीकी दिक्कतें, लंबा प्रोसेस और खर्च के कारण लोग इससे दूर रहे हैं। अब सरकार डिजिटल पोर्टल और डीलर नेटवर्क के माध्यम से इस प्रक्रिया को आसान बना रही है।
अब नहीं चलेगी ढील
पंजाब सरकार का कहना है कि अब और मोहलत नहीं दी जाएगी। जिन वाहनों पर HSRP नहीं लगी है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है। साथ ही, पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे सड़क सुरक्षा की दृष्टि से इसे प्राथमिकता दें। आने वाले महीनों में पूरे राज्य में इस अभियान को व्यापक रूप से लागू किया जाएगा।
क्या करें वाहन मालिक?
यदि आपके वाहन पर अभी तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी है, तो आप जल्द से जल्द इसे लगवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार की अधिकृत वेबसाइट या संबंधित डीलर के माध्यम से ऑनलाइन बुकिंग कर HSRP लगवाई जा सकती है।
HSRP का खर्च वाहन की श्रेणी और मॉडल पर निर्भर करता है, लेकिन आम तौर पर यह ₹400 से ₹600 तक होता है, जो एक बार की सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जा सकता है।