
उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था के लिए आज का दिन ऐतिहासिक और निर्णायक साबित हुआ, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि राज्य के 550 सरकारी स्कूलों को देश के प्रमुख औद्योगिक समूह गोद लेंगे। इस पहल का उद्देश्य राज्य के शैक्षणिक ढांचे को मजबूत बनाना और विशेषकर दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के स्कूलों को आवश्यक संसाधन और तकनीकी सहायता प्रदान करना है। इस ऐतिहासिक घोषणा के साथ ही उत्तराखंड शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की ओर कदम बढ़ा रहा है, जिसकी प्रतिध्वनि आने वाले वर्षों तक सुनाई देगी।
सीएम धामी की घोषणा: “यह सिर्फ स्कूल गोद लेने की योजना नहीं, शिक्षा की पुनर्परिभाषा है”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा, “हम एक ऐसी ऐतिहासिक पहल के साक्षी बन रहे हैं, जो न केवल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करेगी, बल्कि आने वाली कई पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला भी रखेगी।” उन्होंने बताया कि यह कोई साधारण कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह शिक्षा की बुनियाद को फिर से मजबूत करने का एक गंभीर और दूरगामी प्रयास है। “आज का दिन उत्तराखंड के शैक्षणिक इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा,” सीएम ने जोड़ा।
किन स्कूलों को मिलेगा लाभ?
मुख्यमंत्री के अनुसार, जिन 550 स्कूलों को गोद लिया जा रहा है, उनमें से अधिकांश स्कूल दूरस्थ पर्वतीय और ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह साझेदारी सरकार और निजी क्षेत्र के बीच एक स्वस्थ सहयोग का प्रतीक है। “सरकार की इच्छा शक्ति और निजी क्षेत्र की कार्यकुशलता जब मिलती है, तो असंभव भी संभव हो जाता है।” उन्होंने यह भी बताया कि इन स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित ऑडिट और निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी ताकि छात्रों और अभिभावकों को भरोसा हो कि परिवर्तन वास्तविक हैं।
दूरदराज के छात्र होंगे सबसे बड़े लाभार्थी
यह योजना विशेष रूप से उन दूरदराज क्षेत्रों के विद्यार्थियों के लिए लाई गई है, जो आज तक केवल नाम मात्र की शिक्षा प्राप्त कर पाते थे। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि यह 550 स्कूलों का पहला चरण है। यदि यह योजना सफल रहती है, तो भविष्य में इसे राज्य के 1,000 अन्य स्कूलों तक भी विस्तारित किया जा सकता है। राज्य सरकार जल्द ही एक ‘स्कूल डेवेलपमेंट डैशबोर्ड’ भी लॉन्च करेगी, जिसमें हर स्कूल की स्थिति, आवश्यक सुधार और प्रगति की जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जाएग