
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में मंगलवार को 5वां दीक्षांत समारोह गरिमामय ढंग से संपन्न हुआ। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शिरकत की और 434 मेडिकल छात्रों को अपने हाथों से उपाधियां प्रदान कीं। कार्यक्रम के दौरान नड्डा ने छात्रों को शुभकामनाएं दीं और स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों एवं भावी योजनाओं को साझा किया।
दीक्षांत समारोह में कुल 434 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें एमबीबीएस, बीएससी नर्सिंग, एमडी, एमएस, डीएम, पीएचडी समेत कई डिग्री कार्यक्रम शामिल रहे। विशेष उपलब्धियों के लिए 14 छात्रों को गोल्ड मेडल, एक छात्रा को सिल्वर मेडल, और एक अन्य छात्रा को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे।
434 छात्रों को मिली उपाधियां
एम्स ऋषिकेश के इस दीक्षांत समारोह में विभिन्न चिकित्सा पाठ्यक्रमों के अंतर्गत 434 छात्रों को उपाधियां प्रदान की गईं। इनमें शामिल हैं:
- एमबीबीएस: 98 छात्र
- बीएससी नर्सिंग: 95 छात्र
- बीएससी एलाइड हेल्थ साइंसेज: 54 छात्र
- एमडी, एमएस, एमडीएस: 109 छात्र
- एमएससी नर्सिंग: 17 छात्र
- एमएससी मेडिकल एलाइड साइंसेज: 1 छात्र
- मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ (MPH): 12 छात्र
- डीएम/एमसीएच: 40 छात्र
- पीएचडी: 8 छात्र
इसमें से जिन छात्रों ने शैक्षणिक और शोध में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, उन्हें विशिष्ट पदकों से नवाजा गया।
नड्डा बोले—हर गरीब तक पहुंचानी है गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कहा, “हमारा लक्ष्य है कि देश के हर गरीब व्यक्ति को सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। इसके लिए केंद्र सरकार अनेक योजनाएं चला रही है।” उन्होंने कहा कि आज के दौर में बीमारियां तेजी से बदल रही हैं और ऐसे में शोध आधारित चिकित्सा का महत्व अधिक हो गया है। उन्होंने एम्स ऋषिकेश की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान चिकित्सा शोध और गंभीर मरीजों की देखभाल में उत्कृष्ट भूमिका निभा रहा है।
एम्स ऋषिकेश ने बनाई खास पहचान
नड्डा ने कहा कि एम्स ऋषिकेश ने उत्तर भारत के राज्यों विशेषकर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के लिए चिकित्सा सुविधा के एक मजबूत केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने जानकारी दी कि यहां की हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं के माध्यम से अब तक 309 गंभीर मरीजों को राहत पहुंचाई जा चुकी है।
उन्होंने कहा, “पहाड़ी क्षेत्रों में एयर एंबुलेंस जैसी सुविधाएं मिलना बड़ी बात है और यह केंद्र सरकार की ‘सबका साथ, सबका विकास’ नीति की उपलब्धि है।”
देश में अब 23 एम्स, मेडिकल शिक्षा में जबरदस्त उन्नति
जेपी नड्डा ने बताया कि कभी भारत में केवल एक एम्स (दिल्ली) था, लेकिन अब देशभर में 23 एम्स संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 101% बढ़कर 780 हो चुकी है। इसके अलावा:
- एमबीबीएस सीटों में 130% की वृद्धि
- पीजी (MD/MS) सीटों में 138% की बढ़ोतरी
- 157 नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की प्रक्रिया जारी, जो मेडिकल कॉलेजों से जुड़कर काम करेंगे
उन्होंने इसे “मोदी सरकार के हेल्थ फॉर ऑल” विजन का हिस्सा बताया।
उद्घाटन किए कई अत्याधुनिक चिकित्सा केंद्र
अपने दौरे के दौरान जेपी नड्डा ने एम्स ऋषिकेश परिसर में कई नई स्वास्थ्य सुविधाओं का भी उद्घाटन किया, जिनमें शामिल हैं:
- आयुष विभाग में एकीकृत चिकित्सा प्रणाली
- न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में पीईटी स्कैन मशीन
- रेडियोलॉजी विभाग में पीएसीएस (PACS) सुविधा
- बाल चिकित्सा देखभाल में उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र
नड्डा ने कहा कि इन सुविधाओं से न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि आसपास के पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा।
उत्तराखंड सरकार का फोकस भी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एम्स ऋषिकेश जैसे संस्थान प्रदेश को उन्नत चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने में सहायक हैं। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में अब तक 5000 से अधिक ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं। साथ ही प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है।
धामी ने कहा, “हमने रोबोटिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी जैसी आधुनिक सुविधाएं एम्स ऋषिकेश में उपलब्ध कराई हैं, जिससे राज्य के मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ता।”
1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर बन चुके हैं
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि देशभर में अब तक 1.75 लाख ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ (Health and Wellness Centers) खोले जा चुके हैं। ये केंद्र न केवल प्राथमिक उपचार बल्कि निदान, जांच, परामर्श और दवाइयों की सुविधाएं भी उपलब्ध करवा रहे हैं।
नव-चिकित्सकों को नड्डा का संदेश: “सेवा को रखें प्राथमिकता पर”
जेपी नड्डा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “चिकित्सा केवल पेशा नहीं, बल्कि एक सेवा है। अपने ज्ञान और कौशल को समाज की सेवा में लगाएं।” उन्होंने कहा कि देश को आज ऐसे चिकित्सकों की जरूरत है जो संवेदनशील, तकनीकी रूप से दक्ष और सेवा भावना से ओत-प्रोत हों।