
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर टिहरी जिला मुख्यालय में आयोजित भव्य सहकारिता सम्मेलन में आज सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य की सहकारी शक्ति को नई दिशा देने वाले कई अहम घोषणाएं कीं। सम्मेलन में उन्होंने टिहरी जिले में 25 हजार लखपति दीदियां तैयार करने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी महिला या युवा को रोजगार के अभाव में गांव छोड़ने की आवश्यकता न हो।
सम्मेलन में जिलेभर से आए सैकड़ों स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की महिलाओं, सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों और पंचायत पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। यह आयोजन न केवल सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने की दिशा में अहम साबित हुआ, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को उन्नत करने की रणनीतियों को भी स्पष्ट रूप से सामने लाया।
प्रत्येक ग्राम पंचायत में सहकारी सोसायटी का गठन
डॉ. रावत ने कहा कि राज्य सरकार टिहरी जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक सहकारी सोसायटी का गठन करेगी। इन सोसायटियों के माध्यम से ग्रामीणों को दवाइयां, जैविक उत्पाद, और आवश्यक सरकारी सेवाएं जैसे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र आदि एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएंगी। यह व्यवस्था स्थानीय स्तर पर छोटे स्तर के रोजगार सृजन का जरिया बनेगी, साथ ही गांवों में सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ाकर शहरी पलायन को रोकने में सहायक होगी।
उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर बनें, और उन्हें ऐसे संसाधन दिए जाएं जिनसे वे अपने गांव में ही अच्छा जीवनयापन कर सकें। सहकारिता ही वह माध्यम है, जो इस लक्ष्य को साकार कर सकती है।”
25 हजार ‘लखपति दीदी’ बनने का संकल्प
मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष टिहरी जिले में 25 हजार लखपति दीदियां तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। यह अभियान राज्य सरकार की उस पहल का हिस्सा है, जिसमें स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को कौशल, संसाधन और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि इस दिशा में कार्य शुरू हो चुका है और कई महिलाएं पहले से ही सालाना एक लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित कर रही हैं। भविष्य में इनके उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और राज्य स्तरीय मेलों में बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
स्वास्थ्य सेवाओं का ग्रामीण विस्तार
सम्मेलन में स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की गईं। मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि आगामी 15 दिनों के भीतर टिहरी जिले में 20 नए डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
इसके साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे, जहां स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी और आवश्यक दवाइयां नि:शुल्क वितरित की जाएंगी। उन्होंने कहा, “स्वस्थ नागरिक ही किसी भी समाज की असली पूंजी होते हैं, और सरकार का प्रयास है कि ये सुविधाएं गांव तक पहुंचें, ताकि लोगों को इलाज के लिए शहर न जाना पड़े।”
महिलाओं को ब्याजमुक्त ऋण चेक का वितरण
सम्मेलन के दौरान स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को 0% ब्याज पर ऋण के चेक भी वितरित किए गए। यह योजना उन महिलाओं के लिए एक बड़ा सहारा है, जो अपने छोटे व्यवसाय या स्टार्टअप शुरू करना चाहती हैं लेकिन पूंजी की कमी के कारण आगे नहीं बढ़ पातीं।
ऋण वितरण कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदार बनाना है। इस अवसर पर लाभार्थी महिलाओं ने अपने अनुभव भी साझा किए और बताया कि सहकारिता योजनाओं से उन्हें किस प्रकार जीवन में आत्मनिर्भरता मिली है।
राजनीतिक और प्रशासनिक नेतृत्व की भागीदारी
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक किशोर उपाध्याय, पूर्व विधायक डॉ. धन सिंह नेगी, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष सुभाष रमोला सहित कई जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने सहकारिता की भूमिका को राज्य के विकास में अहम बताते हुए सरकार की योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर सफल बनाने में सहयोग का भरोसा दिलाया।
विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि “सहकारिता एक ऐसा माध्यम है, जो ग्रामीणों को संगठन, आत्मबल और आर्थिक संसाधनों से जोड़ता है। राज्य सरकार की योजनाएं सही दिशा में जा रही हैं और आने वाले वर्षों में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।”
ग्रामीण विकास की ओर एक ठोस कदम
सहकारिता सम्मेलन केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने ग्रामीण विकास की नई राह भी दिखाई। मंत्री डॉ. रावत ने साफ कहा कि अब गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक संगठित और योजना-बद्ध अभियान चलाया जाएगा, जिसमें सहकारिता आंदोलन की केंद्रीय भूमिका होगी।
उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष हमें यह अवसर दे रहा है कि हम सहकारिता की शक्ति को पुनः समझें और उसे ग्रामीण विकास का आधार बनाएं। राज्य सरकार इस दिशा में हर संभव कदम उठा रही है।”