
पंजाब में नशे के खिलाफ जारी अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। अमृतसर शहरी पुलिस ने नाबालिग सहित चार तस्करों को गिरफ्तार कर अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। गिरफ्तार तस्करों के पास से 6 किलो से अधिक हेरोइन बरामद की गई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों रुपये में आंकी जा रही है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सरबजीत उर्फ जोबन निवासी खंड वाला, धर्म सिंह और कुलबीर सिंह निवासी अजनाला शामिल हैं। इनके साथ एक नाबालिग आरोपी भी पकड़ा गया है। यह मामला सिर्फ नशा तस्करी का नहीं, बल्कि सीमा पार बैठे ड्रग नेटवर्क और ड्रोन के ज़रिए हो रही हेरोइन तस्करी का भी एक खतरनाक उदाहरण है।
सीमा पार से भेजी गई हेरोइन, जोबन ने की रिसीव
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने प्रेस वार्ता में बताया कि कुछ दिन पहले पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए हेरोइन की एक बड़ी खेप भारतीय सीमा में भेजी गई थी। यह खेप अमृतसर जिले के सीमावर्ती इलाके में गिराई गई, जिसे आरोपी सरबजीत उर्फ जोबन और उसका नाबालिग साथी रिसीव करने पहुंचे थे।
पुलिस को विश्वसनीय सूत्रों से इस गतिविधि की जानकारी मिली और एक विशेष टीम ने कार्रवाई करते हुए जोबन और उसके नाबालिग साथी को धर दबोचा। तलाशी के दौरान इन दोनों के पास से 1 किलो हेरोइन बरामद की गई। शुरुआती पूछताछ में इन्होंने कबूल किया कि यह खेप पाकिस्तान से आई थी और वे इसे स्थानीय स्तर पर आगे सप्लाई करने वाले थे।
धर्म सिंह और कुलबीर से मिली 5 किलो से ज्यादा हेरोइन
जोबन और नाबालिग की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में जो जानकारियां सामने आईं, उनके आधार पर पुलिस ने दो और तस्करों धर्म सिंह और कुलबीर सिंह को अजनाला क्षेत्र से गिरफ्तार किया। इन दोनों के पास से 5 किलो से ज्यादा हेरोइन बरामद की गई है।
पुलिस कमिश्नर भुल्लर के अनुसार, यह पूरी खेप एक ही नेटवर्क से संबंधित थी और सभी आरोपी आपस में जुड़े हुए थे। अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि मुख्य आरोपी सरबजीत उर्फ जोबन, पाकिस्तान में बैठे एक कुख्यात तस्कर राणा के सीधे संपर्क में था।
नाबालिग की संलिप्तता ने चौंकाया
इस पूरे मामले में एक नाबालिग की संलिप्तता पुलिस और समाज दोनों के लिए चिंता का विषय बन गई है। कम उम्र के लड़कों को तस्करी के जाल में फंसाना अब एक आम रणनीति बनती जा रही है, क्योंकि नाबालिगों को न्यायिक प्रणाली से जल्दी राहत मिल जाती है।
पुलिस इस पहलू की भी जांच कर रही है कि क्या इस नाबालिग को जानबूझकर तस्करी में शामिल किया गया था या वह किसी दबाव में था। संबंधित बाल संरक्षण संस्थाओं को भी इस केस की जानकारी दे दी गई है ताकि नाबालिग को काउंसलिंग और कानूनी संरक्षण दिया जा सके।
NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज
सभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाना एयरपोर्ट और पुलिस थाना छेहरटा में एनडीपीएस एक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) की संबंधित धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज कर लिए गए हैं। पुलिस फिलहाल चारों आरोपियों से पूछताछ कर रही है और इस बात की कोशिश की जा रही है कि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों तक भी पहुंचा जा सके।
पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ड्रोन का उपयोग कहां-कहां और कितनी बार हुआ है, और इसके पीछे कौन-कौन से अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क सक्रिय हैं।
ड्रोन से तस्करी: बढ़ता खतरा
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए नशे की खेप भारत में भेजी गई हो। पिछले कुछ महीनों में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां ड्रोन का उपयोग कर सीमावर्ती इलाकों में ड्रग्स, हथियार और अन्य गैरकानूनी सामग्री गिराई जाती है।
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस खतरे को भली-भांति समझ रही हैं और इसके खिलाफ निगरानी को तेज कर रही हैं। हाल ही में सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भी पंजाब में कई ड्रोन को मार गिराया था और उनके जरिए भेजे गए पैकेट जब्त किए थे।
पुलिस कमिश्नर का बयान
कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने स्पष्ट किया कि “नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम किया जा रहा है। जो भी व्यक्ति या गिरोह इस अवैध धंधे में लिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमने अब तक कई अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को तोड़ा है और यह कार्रवाई उसी दिशा में एक और सफलता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी को बढ़ा रही है और ड्रोन मूवमेंट पर नजर रखने के लिए सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त संसाधन लगाए जा रहे हैं।