
मंगलवार को पंजाब के पटियाला जिले के राजपुरा के पास नेशनल हाईवे पर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब एक रिफाइंड तेल से भरे टैंकर ट्रक के केबिन में अचानक आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि ट्रक का अगला हिस्सा जलकर पूरी तरह राख हो गया, लेकिन चालक की त्वरित सूझबूझ से न केवल उसकी जान बच गई, बल्कि एक संभावित भयानक विस्फोट भी टल गया।
यह हादसा उस वक्त हुआ जब आंध्र प्रदेश से जम्मू की ओर जा रहा यह भारी वाहन चमारू गांव के फ्लाईओवर से गुजर रहा था। अचानक ट्रक के इंजन वाले हिस्से से आग की लपटें उठने लगीं, और चंद ही सेकंडों में वह आग विकराल रूप ले चुकी थी। हादसे के बाद हाईवे पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया और यातायात पूरी तरह थम गया।
चालक की बहादुरी ने बचाई सैकड़ों ज़िंदगियाँ
ट्रक चालक राधे श्याम, जो आंध्र प्रदेश से रिफाइंड तेल लेकर जम्मू जा रहा था, ने बताया, “फ्लाईओवर पर अचानक सामने से धुआं उठता दिखा और फिर आग भड़क गई। मैं तुरंत ट्रक से कूद गया। कुछ सेकंड की भी देर होती, तो मेरी जान नहीं बचती। मौत मेरे सामने थी, लेकिन ऊपर वाले की दया और मेरी किस्मत ने मुझे बचा लिया।”
चालक की बहादुरी और सूझबूझ की जितनी सराहना की जाए, कम है। उसने तुरंत ट्रक को रोककर केबिन छोड़ दिया और अपनी जान बचाई। अगर ट्रक आग की चपेट में पूरी तरह आ जाता और आग रिफाइंड तेल तक पहुंचती, तो एक विनाशकारी धमाका हो सकता था, जिससे आसपास के क्षेत्र में व्यापक नुकसान होता।
प्रत्यक्षदर्शियों की आपबीती: “धुएं का गुबार और चीख-पुकार”
घटना के प्रत्यक्षदर्शी बलबीर सिंह, जो उसी समय हाईवे से गुजर रहे थे, ने बताया, “अचानक एक धमाके जैसी आवाज़ आई और फिर धुएं का गुबार उठा। ट्रक के आगे की तरफ आग की भीषण लपटें उठ रही थीं। लोग अपनी-अपनी गाड़ियाँ छोड़कर भागने लगे। अफरा-तफरी का माहौल बन गया।”
पास के दुकानदारों और स्थानीय ग्रामीणों ने भी घटना की पुष्टि की और बताया कि फ्लाईओवर के पास काफी देर तक तेज धुएं और आग की लपटें दिखाई देती रहीं। लोगों में दहशत का माहौल था और हर कोई यही सोच रहा था कि अगर टैंकर फट गया, तो भारी जानमाल का नुकसान हो सकता था।
एनएचएआई की त्वरित कार्रवाई: बड़ा हादसा टला
घटना की सूचना मिलते ही एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की स्थानीय टीम मौके पर पहुंच गई। टीम का नेतृत्व कर रहे रणजीत सिंह ने बताया, “हमें जैसे ही हादसे की जानकारी मिली, हमने तुरंत ट्रैफिक रोक दिया और सुरक्षा उपाय शुरू कर दिए। टैंकर के केबिन में आग लग चुकी थी लेकिन मुख्य टैंक, जिसमें रिफाइंड तेल था, पूरी तरह सुरक्षित रहा। अगर आग टैंक तक पहुंचती, तो बड़ा विस्फोट हो सकता था।”
रणजीत सिंह ने आगे बताया कि हाईवे को फौरन बंद कर दिया गया और पास की सड़कों से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया ताकि किसी अन्य वाहन को नुकसान न पहुंचे। क्रेन और अन्य मशीनरी मंगाई गई जिससे जले हुए टैंकर को सड़क से हटाया जा सके और यातायात को दोबारा सुचारु किया जा सके।
यातायात जाम और राहत कार्य
आग लगने के बाद करीब दो घंटे तक हाईवे पर यातायात ठप रहा। चमारू गांव के फ्लाईओवर और इसके दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय पुलिस ने भी मौके पर पहुंच कर मोर्चा संभाला। लोगों को वैकल्पिक मार्गों की ओर मोड़ा गया और धीरे-धीरे जाम की स्थिति को नियंत्रित किया गया।
स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग की टीमों ने आग पर काबू पाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि तब तक ट्रक का अगला हिस्सा पूरी तरह जल चुका था, लेकिन आग को फैलने से रोक लिया गया।