
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक और नया पक्का घाट बनने जा रहा है, जो काशी के अर्धचंद्राकार घाटों की श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण जोड़ होगा। योगी सरकार ने गंगा नदी के सामने स्थित पुराने कच्चे घाट का पुनर्विकास कर उसे भव्य और आधुनिक स्वरूप में तैयार किया है। यह घाट न केवल काशी के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और बढ़ाएगा, बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए भी एक नया आकर्षण बनेगा। इस घाट का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावित वाराणसी दौरे के दौरान हो सकता है, जो काशी के विकास में एक नया अध्याय जोड़ने वाला होगा।
घाट के निर्माण में 1055.43 लाख रुपये का खर्च
उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अनुसार, इस घाट के निर्माण पर कुल 1055.43 लाख रुपये की लागत आई है। घाट की लंबाई 110 मीटर है और इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह काशी के ऐतिहासिक घाटों की वास्तुशिल्पीय विरासत का बेहतरीन उदाहरण पेश करता है। इसमें चुनार स्टोन से बनी छतरियां, गजिबो, चेंजिंग रूम, पूजा-अर्चना के लिए प्लेटफॉर्म, हाईमास्ट और स्ट्रीट लाइट्स, पेयजल व्यवस्था, पाथवे, पार्किंग, दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए रैंप, और साइनेज जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
घाट के पुनर्निर्माण में न केवल आधुनिक सुविधाओं का ध्यान रखा गया है, बल्कि इसे काशी की पुरानी परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का भी प्रयास किया गया है। यह घाट अब सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि एक आकर्षक पर्यटन स्थल भी बन चुका है, जो काशी के आगंतुकों को एक शांति और स्वच्छता का अनुभव कराएगा।
स्थानीय लोगों को मिलेगा लाभ, धार्मिक आयोजनों के लिए बेहतरीन स्थान
इस घाट के पुनर्निर्माण से स्थानीय लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी। अब वे गंगा स्नान, धार्मिक आयोजनों, छठ, देव दीपावली जैसे पर्वों को मनाने में अधिक सहूलियत महसूस करेंगे। घाट पर हरियाली बढ़ाने के लिए हॉर्टिकल्चर का भी ध्यान रखा गया है, जिससे यहाँ का वातावरण और भी सुंदर और शांतिपूर्ण हो गया है। यह घाट न केवल धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोगी होगा, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में भी काम करेगा।
यह घाट अब एक ऐसे स्थल के रूप में उभरेगा जहां लोग न केवल धार्मिक आयोजनों में भाग ले सकेंगे, बल्कि अपने दैनिक जीवन की शांति और सुकून को भी महसूस कर सकेंगे। घाट के पुनर्निर्माण ने काशी के परंपरागत और धार्मिक महत्व को और अधिक मजबूत किया है।
घाट पर सुविधाओं का विस्तार और भविष्य की योजनाएं
इस नए घाट की सुंदरता को बढ़ाने के लिए विभिन्न सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है। घाट पर अब पर्यटकों के लिए वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के आयोजन की योजना बनाई गई है। यह घाट न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि भविष्य में इसे वॉटर स्पोर्ट्स के केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा। इस तरह से काशी के पर्यटकों को अब केवल धार्मिक यात्रा नहीं बल्कि रोमांचक जलक्रीड़ा का भी अनुभव मिलेगा, जिससे काशी की पर्यटन गतिविधियों में और अधिक विविधता आएगी।
इसके अलावा, घाट के आसपास की संरचनाओं को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे पर्यटकों के अनुभव को और भी सुखद बनाएं। इसमें आरामदायक बैठने की व्यवस्था, छायादार क्षेत्र और स्थानीय कला एवं संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए विशेष स्थान शामिल हैं। यह घाट काशी के प्रसिद्ध 84 घाटों की श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कड़ी बनकर उभरेगा।
काशी के कायाकल्प का हिस्सा: पीएम मोदी की कोशिशों से हुई बड़ी सफलता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से सांसद चुने जाने के बाद से काशी में लगातार विकास कार्यों की श्रृंखला जारी है। काशी का कायाकल्प एक मिशन के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने की कोशिश की जा रही है, बल्कि यहां की बुनियादी सुविधाओं में भी सुधार किया जा रहा है। घाटों का पुनर्निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम का विकास, सड़कें, पार्किंग व्यवस्था, और पर्यटकों के लिए नई सुविधाएं देने के प्रयास लगातार जारी हैं।
वाराणसी के इस विकास ने न केवल काशीवासियों को लाभ पहुँचाया है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण बना है कि कैसे एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल को आधुनिक विकास के साथ जोड़ा जा सकता है। काशी के पर्यटन में बेतहाशा वृद्धि हुई है, और यह घाट इसका एक अहम हिस्सा बनकर उभरेगा।