
पंजाब में नशे के खिलाफ जारी जंग में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने एक बड़ा और तकनीकी मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को तरनतारन स्थित पुलिस लाइन परिसर में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान और ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीन एंटी-ड्रोन सिस्टम का शुभारंभ किया। यह सिस्टम पाकिस्तान से सीमा पार कर पंजाब में ड्रोन के जरिए हो रही नशे और हथियारों की तस्करी पर रोक लगाने में सहायक साबित होंगे।
“अब पंजाब में नहीं घुस पाएंगे पाकिस्तान के ड्रोन” – केजरीवाल
इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब अगर कोई भी ड्रोन पाकिस्तान से उड़कर पंजाब की सीमा में दाखिल होगा तो नया एंटी-ड्रोन सिस्टम उसे तुरंत गिरा देगा। “पंजाब में जो सबसे ज़्यादा नशा बिकता है, वह पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए आता है। हमारी सरकार पंजाब को नशामुक्त करने के लिए वचनबद्ध है। यह एंटी-ड्रोन तकनीक नशे के खिलाफ जारी इस जंग में मील का पत्थर साबित होगी,”
केजरीवाल ने कहा कि पिछली सरकारों ने तस्करों से मिलकर पंजाब की पूरी जवानी को बर्बाद कर दिया। गांव-गांव में नौजवान नशे में धकेल दिए गए, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। ‘आप’ सरकार ने सत्ता में आते ही ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान छेड़ा है और अब नशा माफियाओं के साथ कोई समझौता नहीं किया जा रहा।
“बच्चों के लिए स्कूल, अस्पताल – नशे के पैसे से विकास”
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे का धंधा करने वाले चाहे कितने भी बड़े नेता या अधिकारी क्यों न हों, उन्हें जेल भेजा जा रहा है। उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जा रहा है और उस पैसे से स्कूल और अस्पताल बनाए जा रहे हैं। “नशा बेचने वाले माफियाओं की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, उनके बैंक खाते सीज़ किए जा रहे हैं और उससे होने वाली रिकवरी का उपयोग अब बच्चों के भविष्य के निर्माण में किया जा रहा है।”
देश का पहला राज्य, जहां एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात
पंजाब अब देश का पहला राज्य बन गया है जिसने अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एंटी-ड्रोन प्रणाली स्थापित की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जानकारी दी कि कुल 9 एंटी-ड्रोन सिस्टम का आदेश दिया गया है, जिसमें से फिलहाल तीन सिस्टम चालू हो चुके हैं। शेष छह सिस्टम भी जल्द पंजाब पुलिस को सौंपे जाएंगे।
इन सिस्टम की लागत ₹51.4 करोड़ है और इन्हें सीमा के उन हिस्सों पर लगाया जा रहा है जो नशा और हथियारों की तस्करी के लिए सबसे ज़्यादा संवेदनशील हैं। मान ने कहा: “देश की सेनाएं और बीएसएफ पहले से ऐसी प्रणाली का उपयोग कर रही हैं, लेकिन अब पंजाब पुलिस भी खुद ड्रोन गतिविधियों से मुकाबला करने में सक्षम होगी।”
2024 में 283 ड्रोन जब्त, 2025 में अब तक 137 बरामद
सीएम भगवंत मान ने बताया कि 2024 में कुल 283 ड्रोन जब्त किए गए थे, जबकि 2025 में अब तक 137 ड्रोन पंजाब पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा पकड़े जा चुके हैं। यह संख्या दर्शाती है कि सीमा पार से ड्रोन के जरिए नशा और हथियार भेजने की घटनाएं लगातार बढ़ रही थीं।
एंटी-ड्रोन सिस्टम से अब यह तस्करी बड़ी हद तक रोकी जा सकेगी। यह प्रणाली ड्रोन की लोकेशन और ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन तक का पता लगाने में सक्षम है। साथ ही इसमें ऑटोमेटेड अलर्ट तकनीक भी है, जिससे अधिकारियों को तुरंत सूचना मिलती है।
दूसरी सुरक्षा पंक्ति में पंजाब पुलिस
अब सीमा पर बीएसएफ की पहली पंक्ति के पीछे पंजाब पुलिस की ‘दूसरी सुरक्षा पंक्ति’ बनाई जा रही है। इसका उद्देश्य है कि अगर कोई ड्रोन बीएसएफ की नजरों से छूट जाए तो पंजाब पुलिस के पास उसे पहचान कर निष्क्रिय करने का सिस्टम हो। सीएम मान ने बताया,”हमारा लक्ष्य है कि पंजाब में नशा और हथियारों की सप्लाई पूरी तरह से बंद हो। जिन क्षेत्रों में ड्रोन गतिविधियां अधिक देखी गई हैं, वहां विशेष निगरानी की जाएगी।”
स्कूलों में भी शुरू हुई नशा विरोधी शिक्षा
‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान केवल तकनीकी पहल तक सीमित नहीं है। भगवंत मान सरकार ने सामाजिक जागरूकता की दिशा में भी कदम बढ़ाए हैं। अब राज्य के 3,658 स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को नशे के खतरे और बचाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है। “इस अभियान का उद्देश्य है 8 लाख छात्रों को नशे के प्रभावों और उनके दुष्परिणामों के प्रति सचेत करना। बड़े वैज्ञानिक, शिक्षाविद और चिकित्सक भी इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं।”
केजरीवाल: “पंजाब अब बेबस नहीं, लड़ रहा है”
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले पंजाब के लोग बेबस थे, जब सत्ता और तस्कर एक साथ मिलकर काम कर रहे थे। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। सरकार और जनता दोनों मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं। “हम पंजाब के 3 करोड़ लोगों के साथ मिलकर नशे को जड़ से खत्म करेंगे। आज का एंटी-ड्रोन सिस्टम इसी लड़ाई का अगला चरण है।”
राजनीतिक संरक्षण के खिलाफ कार्रवाई
मुख्यमंत्री मान ने स्पष्ट कहा कि 2009 के बाद राज्य में जानबूझकर राजनीतिक संरक्षण में नशे की जड़ें बोई गईं। तस्करों को बचाने के लिए नेताओं का इस्तेमाल किया गया। लेकिन अब वही तस्कर और उनके सहयोगी सलाखों के पीछे हैं। “हमने संगठित रणनीति के तहत पूरे नेटवर्क को तोड़ा है। कोई बचा नहीं है – चाहे वह नेता हो या माफिया।”
सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय
सीएम मान ने कहा कि इस प्रणाली के सफल क्रियान्वयन के लिए बीएसएफ, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और अन्य एजेंसियों के साथ घनिष्ठ तालमेल सुनिश्चित किया गया है। सीमावर्ती जिलों में विशेष प्रशिक्षण और आपसी सूचना साझा करने की व्यवस्था की जा रही है।