आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और विधायक दिलीप पांडे ने सोमवार को भगवंत मान सरकार के प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों को लेकर एक महत्वपूर्ण दावा किया। उन्होंने बताया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद से, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। विशेषकर, पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने में सरकार ने काफी हद तक सफलता प्राप्त की है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए नई रणनीतियां
दिलीप पांडे ने जानकारी दी कि भगवंत मान सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक अलग क्रॉप रेसिड्यू मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित किया है। इस प्रणाली को प्रभावी बनाए रखने के लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपए से अधिक का बजट आवंटित किया है। उन्होंने बताया कि यह बजट न केवल प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा, बल्कि कृषि को भी प्रोत्साहित करेगा।
थ्री टायर मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना
पंजाब में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक थ्री टायर मॉनिटरिंग सिस्टम भी विकसित किया गया है। इस सिस्टम का उद्देश्य पराली की समस्या को समग्र दृष्टिकोण से हल करना है। दिलीप पांडे ने बताया कि इस सिस्टम के अंतर्गत सीटू और एक्स सीटू दोनों प्रकार के प्रबंधन तरीके अपनाए जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, पिछले कुछ वर्षों में पंजाब में प्रदूषण नियंत्रण में बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिले हैं।
विपक्षी दलों का सहयोग न मिलने का आरोप
दिलीप पांडे ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पराली की समस्या को गंभीरता से लेने के बजाय, भाजपा शासित राज्य केवल आरोप-प्रत्यारोप में लगे रहे। उन्होंने कहा, “पराली, जो एक बड़ी आपदा बन चुकी थी, उसे पंजाब की सरकार ने नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है।”
2024 में पराली जलाने के मामलों में कमी
पांडे ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले साल अक्टूबर में पंजाब में पराली जलाने के 8,000 मामले रिकॉर्ड किए गए थे। वहीं, 2024 में इस सप्ताह के आंकड़ों के अनुसार, यह संख्या घटकर केवल 1,866 रह गई है। यह स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार के प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
केंद्र सरकार को सीखने की आवश्यकता
दिलीप पांडे ने कहा कि यह आंकड़े केंद्र सरकार के इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएआरआई) के हैं और भाजपा शासित राज्यों को पंजाब सरकार के प्रयासों से सीखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “दिल्ली और देश के लोग देख रहे हैं कि जहां भाजपा की सरकारों का योगदान शून्य है, वहीं पंजाब सरकार प्रदूषण नियंत्रण में सफलताएं हासिल कर रही है।”