
पंजाब की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। जालंधर सेंट्रल से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक रमन अरोड़ा को आज जबरन वसूली के एक नए मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी तब हुई जब उन्हें एक दिन पहले ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत मिली थी। रमन अरोड़ा को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया है, जहां इस ताज़ा गिरफ्तारी पर कानूनी कार्यवाही चल रही है।
विधायक अरोड़ा की गिरफ्तारी आम आदमी पार्टी की “भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” की नीति पर भी सवाल उठा रही है, हालांकि पार्टी ने स्पष्ट किया है कि कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है — चाहे वह पार्टी के अंदर हो या बाहर।
पहले भ्रष्टाचार का आरोप, अब जबरन वसूली में गिरफ्तारी
54 वर्षीय रमन अरोड़ा के खिलाफ पहली कार्रवाई 23 मई 2025 को हुई थी, जब उन्हें और नगर निगम के कुछ अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उनके साथ सहायक नगर योजनाकार (ATP) सुखदेव सिंह, निरीक्षक हरप्रीत कौर और अन्य अधिकारी भी शामिल थे।
विजिलेंस ब्यूरो ने आरोप लगाया था कि रमन अरोड़ा ने फर्जी नोटिस जारी कर, ज़मीन और निर्माण कार्यों से जुड़े लोगों से मोटी रकम वसूली। इसके बाद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था। यह मामला फिलहाल कोर्ट में लंबित है।
लेकिन ताज़ा गिरफ्तारी एक अलग मामला है। पुलिस ने अरोड़ा को 30 अगस्त को दर्ज एक एफआईआर के तहत अरेस्ट किया है। यह शिकायत रामा मंडी क्षेत्र के एक निजी संस्थान द्वारा दर्ज करवाई गई थी, जिसमें रमन अरोड़ा पर जबरन वसूली का आरोप लगाया गया था। सूत्रों के मुताबिक, अरोड़ा को नाभा जेल से बाहर निकलते ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और सीधे कोर्ट में पेश किया।
हाई कोर्ट से मिली थी राहत
3 सितंबर को रमन अरोड़ा और सह-आरोपी सुखदेव विशिष्ट को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में पक्की जमानत (Regular Bail) दे दी थी। इससे पहले दोनों की जमानत याचिका निचली अदालत से खारिज हो चुकी थी।
कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि जांच एजेंसियों को राजनीतिक द्वेष की भावना से कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, लेकिन साथ ही कहा गया कि भ्रष्टाचार जैसे मामलों में गंभीरता से जांच ज़रूरी है। हालांकि, जैसे ही रमन अरोड़ा को इस मामले में राहत मिली, तुरंत अगले ही दिन उन्हें दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि विधायक की कानूनी परेशानियां अभी खत्म नहीं हुई हैं।
बेटे के खिलाफ भी मामला दर्ज
विधायक रमन अरोड़ा के परिवार पर भी कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। उनके बेटे पर भी विजिलेंस ब्यूरो ने पहले ही मामला दर्ज किया हुआ है। आरोप हैं कि उन्होंने भी सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर आर्थिक लाभ उठाया। हालांकि उनके बेटे को अग्रिम जमानत मिल चुकी है और फिलहाल वे पुलिस हिरासत से बाहर हैं। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम से अरोड़ा परिवार पर कानूनी दबाव बना हुआ है।
AAP का बयान: “कानून सभी के लिए समान”
रमन अरोड़ा की गिरफ्तारी पर आम आदमी पार्टी ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पार्टी की नीति भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी तरह सख्त है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “हमारी पार्टी ने हमेशा कानून का पालन किया है। चाहे कोई विधायक हो या पदाधिकारी, अगर कोई गलत करता है तो वह कार्रवाई से नहीं बच सकता। रमन अरोड़ा का मामला इसका उदाहरण है।”
AAP के वरिष्ठ नेताओं ने भी संकेत दिए हैं कि पार्टी अंदरूनी तौर पर मामले की समीक्षा कर रही है। पार्टी नेतृत्व इस बात को लेकर सतर्क है कि ऐसे मामलों से पार्टी की छवि को नुकसान न पहुंचे।
कौन हैं रमन अरोड़ा?
रमन अरोड़ा 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में जालंधर सेंट्रल सीट से चुने गए थे। आम आदमी पार्टी की लहर में उन्होंने कांग्रेस और अकाली दल जैसे दिग्गजों को हराकर सीट पर कब्ज़ा जमाया था। व्यवसायी पृष्ठभूमि से आने वाले रमन अरोड़ा को पार्टी में “साफ-सुथरी छवि” के साथ पेश किया गया था। लेकिन अब उनके खिलाफ एक के बाद एक गंभीर आरोपों ने उनकी राजनीतिक साख को झटका दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर आरोप सिद्ध हुए, तो पार्टी को जालंधर में नुकसान उठाना पड़ सकता है, जहां आम आदमी पार्टी ने बड़ी मेहनत से जनाधार बनाया है।