
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद देश की राजनीति में उठे नए सियासी तूफान के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) ने शुक्रवार को औपचारिक रूप से ‘INDIA’ गठबंधन से अपनी दूरी बना ली है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने स्पष्ट किया कि AAP अब इस विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं है और कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं। यह बयान उस समय आया है जब INDIA गठबंधन के घटक दलों की एक डिजिटल बैठक शनिवार शाम को प्रस्तावित है। संजय सिंह के इस बयान ने न सिर्फ विपक्षी एकता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि आम आदमी पार्टी आगामी चुनावों में अपने दम पर राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी।
कांग्रेस के नेतृत्व पर AAP का तीखा हमला
प्रेस वार्ता में बोलते हुए संजय सिंह ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना करते हुए कहा, “यह बच्चों का खेल नहीं है। क्या लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने कोई INDIA गठबंधन की बैठक बुलाई? क्या गठबंधन के विस्तार की कोई गंभीर पहल हुई? कभी वे अखिलेश यादव की आलोचना करते हैं, कभी उद्धव ठाकरे की, और कभी ममता बनर्जी की।”
संजय सिंह का यह बयान स्पष्ट करता है कि AAP कांग्रेस को विपक्षी एकता की सबसे बड़ी बाधा मानती है। उनका कहना था कि जब कांग्रेस खुद अपने सहयोगी दलों के नेताओं की आलोचना करती है, तो विपक्ष का एकजुट रहना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस INDIA गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद एक जिम्मेदार नेतृत्व देने में नाकाम रही है।
चुनाव बाद INDIA गठबंधन निष्क्रिय, AAP का आरोप
AAP का कहना है कि INDIA गठबंधन का गठन लोकसभा चुनाव 2024 से पहले किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य भाजपा का विरोध था। लेकिन चुनाव समाप्त होने के बाद, न तो कोई ठोस रणनीति बनाई गई, न ही किसी समन्वय बैठक का आयोजन हुआ।
संजय सिंह ने सवाल उठाया कि, “क्या कांग्रेस ने विपक्ष को एकजुट करने के लिए कोई गंभीर प्रयास किया? क्या INDIA गठबंधन आज भी कोई राजनीतिक ताकत है, या सिर्फ नाम भर रह गया है?”इस बयान से यह साफ हो गया कि AAP अब इस गठबंधन से कोई उम्मीद नहीं रखती और राजनीतिक रूप से स्वतंत्र राह पर चलना चाहती है।
गुजरात उपचुनाव और AAP-कांग्रेस संबंधों में तनाव
AAP और कांग्रेस के बीच तल्खी हाल ही में और बढ़ी जब गुजरात के विसावदर विधानसभा उपचुनाव में AAP को जीत मिली। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने कांग्रेस को AAP को हराने के लिए मैदान में उतारा था।
केजरीवाल के इस बयान ने साफ कर दिया कि कांग्रेस और AAP के बीच किसी भी प्रकार का राजनीतिक तालमेल संभव नहीं है। संजय सिंह ने इसी बात को दोहराते हुए कहा, “हमने पंजाब और गुजरात में उपचुनाव अपने बूते लड़ा और जीते। हम हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनाव भी अकेले लड़ेंगे। अब हम बिहार में भी अकेले उतरेंगे।”
AAP का भविष्य की रणनीति: अकेले चुनाव, मजबूत विपक्ष
संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने राजनीतिक रुख को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब पार्टी सभी चुनावों में अकेले उतरने की रणनीति अपनाएगी। उनका कहना था कि AAP ने कभी भाजपा के खिलाफ अपनी भूमिका से मुंह नहीं मोड़ा और संसद से लेकर सड़क तक, हर जगह उसने जनता के मुद्दों को उठाया है। “हमने हमेशा एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाई है, और आगे भी निभाएंगे। हम लोकसभा में किसानों, महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को पूरी ताकत से उठाएंगे।”