
ईरान और इजराइल के बीच चल रहे गहरे तनाव और सैन्य झड़पों को लेकर भारत में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। इस कड़ी में महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आसिम आज़मी ने अमेरिका और इजराइल पर तीखा हमला बोला है और ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला सैयद अली खामेनेई की खुलेआम सराहना की है।
सोलापुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए आज़मी ने कहा कि अमेरिका की चौधराहट अब खत्म होनी चाहिए और भारत को किसी भी सूरत में अमेरिकी प्रभाव से दूर रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार से ईरान ने इजराइल को जवाब दिया, वह एक “जबरदस्त कदम” है।
“भारत में अमेरिका का हस्तक्षेप खत्म होना चाहिए”
अबू आसिम आज़मी ने मीडिया से बातचीत के दौरान सीधे शब्दों में कहा, “हमारे देश में अमेरिका का हस्तक्षेप अब बंद होना चाहिए। अमेरिका फिलिस्तीन में भूख से मर रहे बच्चों और हो रही बमबारी पर चुप है, लेकिन इजराइल का समर्थन कर रहा है। पहले हमला इजराइल ने किया, और फिर ईरान ने उसे करारा जवाब दिया।”
आजमी ने अपने बयान में पश्चिमी देशों की दोहरी नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नैतिकता और इंसानियत की बात सिर्फ कमजोर देशों के लिए की जाती है, जबकि शक्तिशाली राष्ट्र अपने हितों के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं।
“खामेनेई के अंदर भारत का खून, उन्हें बधाई देता हूं”
अबू आसिम आज़मी ने अली खामेनेई को “भारतवंशी” बताते हुए कहा, “वह व्यक्ति (अली खामेनेई) 85 साल के हैं और उनके दादा उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में पैदा हुए थे। उनके अंदर भारत का खून है। जिस तरह से उन्होंने इजराइल को जवाब दिया, मैं उन्हें बधाई देता हूं।”
यह बयान न सिर्फ खामेनेई की प्रशंसा है, बल्कि भारत के साथ उनके कथित ऐतिहासिक संबंधों को भी रेखांकित करता है। हालांकि, खामेनेई के भारतीय मूल को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई पुष्ट प्रमाण नहीं है, लेकिन आज़मी के इस दावे ने राजनीतिक हलकों में चर्चा जरूर छेड़ दी है।
अमेरिका को लेकर तीखा हमला: “हमेशा देता है धमकी”
अबू आसिम आज़मी ने अमेरिका की नीतियों को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अमेरिका हमेशा धमकी देता रहा है और दक्षिण एशिया में शांति स्थापना की उसकी कोशिशें दिखावटी हैं। “राम मनोहर लोहिया ने वर्षों पहले कहा था कि भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका का एक महासंघ बनना चाहिए। क्योंकि अमेरिका हमेशा हमारे क्षेत्र में दखल देता है। अभी अमेरिका कह रहा है कि भारत-पाकिस्तान की जंग हमने रुकवाई, ये भारत के लिए अपमान की बात है।”
उन्होंने पीएम मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अमेरिका के दावे के जवाब में भारत को और सख्ती से जवाब देना चाहिए था।
ईरान-इजराइल संघर्ष: क्या है पृष्ठभूमि?
पिछले कुछ हफ्तों से ईरान और इजराइल के बीच तनाव चरम पर है।
सैन्य और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इजराइल ने पहले ईरानी सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसके जवाब में ईरान ने एक संगठित मिसाइल और ड्रोन हमला किया।
इस हमले में इजराइल को नुकसान हुआ, हालांकि उसने अपने रक्षा प्रणाली के माध्यम से अधिकांश मिसाइलों को बीच में ही रोक लिया।
यह घटनाक्रम तब और गंभीर हो गया जब अमेरिका और यूरोपीय देशों ने खुलकर इजराइल का समर्थन किया, जबकि रूस और कुछ अन्य देशों ने ईरान की स्थिति को रक्षात्मक और जायज ठहराया। इस पूरी लड़ाई के बीच फिलिस्तीन और गाजा पट्टी एक बार फिर संघर्ष का केंद्र बन गए।