
“ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता के बाद भारत-चीन और भारत-नेपाल की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। सीमा सुरक्षा बल (SSB) और स्थानीय पुलिस प्रशासन पूरी मुस्तैदी से सीमांत जिलों में गश्त कर रही है। भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ की गई इस एयर स्ट्राइक के बाद अब चीन और नेपाल की सीमाओं पर भी चौकसी बरती जा रही है।
बृहस्पतिवार को धारचूला, झूलाघाट, बलुवाकोट, जौलजीबी और अस्कोट जैसे संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में SSB और पुलिस ने काली नदी के किनारे गश्त की। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जा रही है और बाहरी लोगों का सघन सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है।
पिथौरागढ़ की पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने जानकारी देते हुए कहा, “सीमा की सुरक्षा को लेकर हम पूरी तरह सतर्क हैं। SSB के साथ मिलकर पुलिस हर गतिविधि पर नजर रख रही है। संदिग्ध गतिविधियों और बाहरी लोगों की पहचान के लिए निगरानी तंत्र मजबूत किया गया है। फिलहाल सीमा क्षेत्र में स्थिति सामान्य है, लेकिन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकियों पर निर्णायक प्रहार
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिसे “ऑपरेशन सिंदूर” का नाम दिया गया। इस हमले में आतंकी संगठन के कई ठिकानों को नष्ट किया गया, जो पाकिस्तान की सरजमीं पर सक्रिय थे। ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना की रणनीतिक और सटीक कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, जिसने आतंकियों के मनोबल को झटका दिया है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, यह ऑपरेशन बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया, जिसमें हवाई हमलों के जरिए आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। ऑपरेशन का उद्देश्य सिर्फ आतंकियों को खत्म करना नहीं, बल्कि उन्हें समर्थन देने वाले ढांचे को भी तोड़ना था।
सेना और प्रधानमंत्री को मिला जन समर्थन
बनबसा में कांग्रेस के प्रदेश सचिव आनंद सिंह महरा ने सेना की इस कार्रवाई की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना का आभार जताया। उन्होंने कहा, “22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने जाति पूछकर पर्यटकों की हत्या की, जो न केवल अमानवीय कृत्य था बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा भी था। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने इस कायराना हरकत का करारा जवाब दिया है।”
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों पर अब और सख्त रुख अपनाने की जरूरत है। “पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है, उसकी हरकतों पर नजर बनाए रखना और हर संभावित खतरे का जवाब देना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए,” उन्होंने जोड़ा।
व्यापारियों में भी दिखा जोश
चंपावत जिले में ऑपरेशन सिंदूर की खबर से स्थानीय व्यापारियों में भी जोश देखा गया। व्यापार संघ अध्यक्ष विकास साह ने कहा, “अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब दिया जाए। जो मुल्क आतंकियों को पनाह देता है, उसे भी अंजाम भुगतना होगा। यह कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए जरूरी थी।”
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि यदि पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर से सबक नहीं लेता है, तो और भी कड़ी सैन्य कार्रवाई की जानी चाहिए। “दहशतगर्दों को उनके घर में घुसकर मारना ही अब एकमात्र रास्ता है,” उन्होंने कहा।
सीमाओं पर कड़ी निगरानी
सीमांत जिलों में अब पहले से ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है। SSB और पुलिस का संयुक्त गश्ती दल दिन-रात सीमाओं पर पहरा दे रहा है। संवेदनशील इलाकों में ड्रोन और अन्य निगरानी उपकरणों की मदद से गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। सेना और पुलिस की सतर्कता का मुख्य उद्देश्य किसी भी प्रकार की घुसपैठ, संदिग्ध गतिविधि या सुरक्षा उल्लंघन को रोकना है।
नेपाल और चीन की सीमाओं पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है। इन इलाकों में होने वाले आवागमन की सघन निगरानी की जा रही है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि का तुरंत पता चल सके। सीमावर्ती इलाकों के ग्रामीणों को भी सतर्क किया गया है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने के निर्देश दिए गए हैं। क्या आप इस खबर का एक विज़ुअल ग्राफिक या नक्शा भी देखना चाहेंगे जो संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों को दर्शाए?