
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सीजफायर समझौते के बाद पंजाब के सीमावर्ती जिलों में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। इसी कड़ी में, बीते छह दिनों से बंद स्कूलों को बुधवार (14 मई) से फिर से खोल दिया गया है।
पाकिस्तान के साथ सीमा पर बढ़ते सैन्य तनाव के चलते पंजाब सरकार ने आठ मई को पांच सीमावर्ती जिलों में स्थित सभी स्कूलों को एहतियातन बंद करने का आदेश दिया था। अब जबकि सीमापार संघर्षविराम लागू हो चुका है और गोलीबारी थमी है, प्रशासन ने स्थिति का जायजा लेने के बाद स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति दी है।
कई जिलों में पहले ही शुरू हो गई थी कक्षाएं
पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्कूल मंगलवार (13 मई) को ही खोल दिए गए थे, जबकि अमृतसर, पठानकोट, तरनतारन, फाजिल्का और फिरोजपुर में बुधवार (14 मई) से स्कूलों में फिर से शिक्षण कार्य शुरू हुआ।
अमृतसर के अटारी स्थित श्री गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल के एक शिक्षक ने बताया, “सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार हम आज से स्कूल पुन: खोल रहे हैं। अभिभावकों में भी अब पहले जैसी घबराहट नहीं है और बच्चे स्कूल लौटने लगे हैं।”
अमृतसर जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि स्कूल अब सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक खुलेंगे। यह समय अस्थायी रूप से लागू किया गया है ताकि स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने तक स्कूलों में गतिविधियां संवेदनशीलता के साथ संचालित की जा सकें।
छात्रों की उपस्थिति में दिखा विश्वास
पठानकोट जिले के एक सरकारी विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि बुधवार को पहले दिन छात्रों की उपस्थिति 80 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि “बच्चे उत्साह के साथ लौटे हैं। अभिभावकों को भी अब भरोसा है कि उनके बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।”
कई अभिभावकों ने स्कूल खुलने की अनुमति पर संतोष जताते हुए कहा कि सरकारी प्रबंधन और सुरक्षा एजेंसियों के भरोसे के कारण उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजा। वहीं, शिक्षकों ने भी बच्चों को तनावमुक्त वातावरण देने के लिए सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया।
बाजारों में भी लौटी रौनक
सिर्फ स्कूल ही नहीं, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर भी चहल-पहल लौट आई है। अटारी, फाजिल्का और फिरोजपुर जैसे सीमावर्ती कस्बों में बीते कुछ दिनों से सन्नाटा पसरा हुआ था। अब दुकानें खुलने लगी हैं, यातायात सामान्य हो रहा है और स्थानीय लोग फिर से अपने दैनिक कार्यों में लौट आए हैं।
फाजिल्का के व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने कहा, “सीजफायर के बाद से हालात बेहतर हो रहे हैं। अब लोगों में डर की भावना कम हुई है और व्यापारिक गतिविधियां भी दोबारा रफ्तार पकड़ने लगी हैं।”
सीमावर्ती सुरक्षा व्यवस्था अब भी सतर्क
हालांकि स्थिति सामान्य होने की ओर है, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और स्थानीय प्रशासन अब भी पूरी तरह सतर्क हैं। पंजाब सरकार के निर्देशानुसार सभी सीमावर्ती स्कूलों और गांवों में सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य किया गया है।
साथ ही प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि संवेदनशील इलाकों में बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो। हर स्कूल में आपातकालीन संपर्क व्यवस्था, सुरक्षा प्रशिक्षण, और स्थानीय थानों से समन्वय स्थापित किया गया है।
पंजाब की सीमा रेखा: संवेदनशील परिधि
पंजाब की 553 किलोमीटर लंबी सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है, जो कि गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, पठानकोट, फाजिल्का और फिरोजपुर जैसे जिलों से होकर गुजरती है। इन जिलों में सुरक्षा संबंधी जोखिम ज्यादा होते हैं, और अक्सर भारत-पाक तनाव का सीधा प्रभाव इन क्षेत्रों में दिखाई देता है।
पिछले सप्ताह सीमा पर ड्रोन गतिविधियों, गोलाबारी और जवाबी सैन्य कार्रवाई की खबरों के बाद स्थानीय प्रशासन ने उच्च सतर्कता अपनाई थी। उसी के चलते स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया था, ताकि किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति में बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।