
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने आज संसद भवन में एक अहम सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की। बैठक का उद्देश्य देश में एकजुटता का प्रदर्शन करना और इस हमले के जवाब में उठाए जाने वाले कदमों पर विचार करना था।
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और अन्य दलों के प्रमुख नेता उपस्थित रहे।
सरकार का रुख: सख्त कार्रवाई के संकेत
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया, “यह घटना बेहद दुखद है। पूरी सरकार और देश शोक में है। इस हमले को लेकर सरकार ने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है और अब और अधिक सख्त कदम उठाए जाएंगे।”
रिजिजू ने कहा कि सरकार की मंशा आतंकियों को उनके ठिकानों पर जवाब देने की है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ज़मीन पर प्रभावी रणनीति पर काम हो रहा है।
विपक्ष का स्वर: शांति की अपील और जवाबदेही की मांग
बैठक में विपक्ष ने भी हमले की कड़ी निंदा की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “बैठक में रक्षा मंत्री ने सभी दलों को स्थिति की जानकारी दी। हमने सरकार से आग्रह किया कि जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए प्रभावी और टिकाऊ कदम उठाए जाएं।”
खरगे ने यह भी दोहराया कि आतंकवाद का मुकाबला पूरे राजनीतिक स्पेक्ट्रम की एकता से ही किया जा सकता है। उन्होंने इस अवसर पर राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर एकजुटता दिखाने की अपील की।
AAP का आरोप: सुरक्षा में गंभीर चूक
आप सांसद संजय सिंह ने बैठक के बाद सरकार पर तीखा सवाल उठाते हुए कहा, “पूरा देश गुस्से और दुख में है। लोग चाहते हैं कि सरकार आतंकियों को उनकी भाषा में जवाब दे। हमने यह भी मांग की कि पाकिस्तान को भी इस हमले के लिए उत्तरदायी ठहराया जाए और उसके खिलाफ ठोस कूटनीतिक और सैन्य कार्रवाई की जाए।”
संजय सिंह ने आगे आरोप लगाया कि “हमले से दो दिन पहले यानी 20 अप्रैल को जिस स्थान पर हमला हुआ, वह सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी दिए बिना खोल दिया गया था। यह एक गंभीर चूक है और इसकी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि इस चूक के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पहलगाम आतंकी हमला: घटना का विवरण
22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन मैदान (पहलगाम) में अंधाधुंध गोलीबारी की थी। हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली पर्यटक की जान चली गई थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। यह हमला पर्यटकों को निशाना बनाकर किया गया, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों के तार पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से जुड़े हैं। हमले के तुरंत बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया था।