
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब में 8 लाख 2 हजार 493 राशन कार्डों को काटने की साजिश रची है, जिससे लगभग 32 लाख लोग राशन सुविधा से वंचित हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने इस कदम को न केवल जनविरोधी बल्कि राजनीतिक साजिश बताया और केंद्र द्वारा तय किए गए राशन कार्ड वेरिफिकेशन के क्राइटेरिया को “गलत और पक्षपाती” करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक वह मुख्यमंत्री हैं, पंजाब के एक भी पात्र नागरिक को राशन से वंचित नहीं होने देंगे।
“देश का पेट भरने वाले पंजाब को भूखा न करें” — भगवंत मान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा “पंजाब पूरे देश का पेट भरता है। देश को गेहूं और धान की आपूर्ति करने वाला राज्य अगर खुद ही भूखा रहे, तो ये बेहद शर्मनाक बात होगी। केंद्र सरकार यह ना भूले कि पंजाब की मेहनत से ही देश का राशन भरा रहता है।” उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार अपने संसाधनों से जरूरतमंदों को राशन मुहैया कराएगी, लेकिन एक भी कार्डधारी को भूखे नहीं रहने दिया जाएगा।
केंद्र से मांगा 6 महीने का समय
मान ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र भेजकर राशन कार्ड वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करने के लिए 6 महीने का समय मांगा है। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में कुल 1 करोड़ 53 लाख राशन कार्डधारी हैं, जिनमें से अब तक 1 करोड़ 29 लाख लोगों का वेरिफिकेशन पूरा किया जा चुका है। “हमने यह मांग की है कि केंद्र हमें खुद वेरिफिकेशन करने का समय दे। उसके बाद जो वास्तविक आंकड़े होंगे, उनके आधार पर अगर कोई कार्रवाई करनी है, तो हम खुद करेंगे,” — भगवंत मान
“भाजपा की डाटा चोरी और वोट हेराफेरी की चालें चल रही हैं”
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा “विशेष शिविरों” के नाम पर लोगों का निजी डाटा एकत्रित कर रही है, जिसका बाद में दुरुपयोग “वोट कटवाने” और “साइबर फ्रॉड” के लिए किया जाएगा। “भाजपा के लोग वोट चोरी तो पहले से करते थे, अब राशन चोरी भी शुरू कर दी है। हमें पंजाब के कई जिलों से शिकायतें मिली हैं कि भाजपा कार्यकर्ता राशन और मतदाता डाटा इकट्ठा कर रहे हैं। इस पर हम सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।”
सीएम ने केंद्र से पूछा कि यदि इन शिविरों के जरिए जुटाया गया डेटा AI तकनीक या अन्य डिजिटल माध्यमों से दुरुपयोग किया गया, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मुआवज़ा और गिरदावरी का एलान
प्रेस वार्ता के दौरान सीएम भगवंत मान ने राज्य में हाल में आई बाढ़ का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने बताया कि बाढ़ से कई जिलों में फसलें और संपत्ति बर्बाद हुई हैं, जिसके लिए विशेष गिरदावरी (फसल नुकसान का सर्वेक्षण) के आदेश दिए जा चुके हैं। “जब पानी की कमी होती है तो हरियाणा और राजस्थान पानी के लिए आवाज़ उठाते हैं। अब जब हमारे जिले बाढ़ से डूब रहे हैं तो कोई मुख्यमंत्री पानी नहीं मांग रहा। क्या अब पंजाब अकेला है?” — भगवंत मान
उन्होंने भरोसा दिलाया कि बाढ़ से प्रभावित किसानों को मुआवज़ा दिया जाएगा और सरकार उनके सभी नुकसानों की भरपाई करेगी।
राजनीति नहीं, संवेदनशीलता चाहिए: जसविंदर भल्ला को श्रद्धांजलि
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रसिद्ध हास्य कलाकार जसविंदर भल्ला को श्रद्धांजलि दी, जिनका हाल ही में निधन हो गया। उन्होंने कहा “भल्ला जी जैसे कलाकार का जाना कला जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके हास्य के पीछे एक गहरी सामाजिक समझ थी। उनके जाने से मेरा मन बहुत व्यथित है।”
भगवंत मान स्वयं भी हास्य कलाकार रह चुके हैं और भल्ला जी के साथ उनका व्यक्तिगत और पेशेवर रिश्ता भी रहा है।
राशन कार्ड काटने का क्या है आधार?
केंद्र सरकार की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों में उन लोगों के राशन कार्ड रद्द किए जाने की बात कही गई है जिनकी आय, संपत्ति या अन्य सामाजिक-आर्थिक मानक सरकारी योजनाओं के दायरे से बाहर जाते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि ये मानक पुराने और अप्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति की तुलना करना गलत है, और राशन कार्ड काटने के लिए एक समान क्राइटेरिया नहीं चल सकता।