
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशभर के विभिन्न राज्यों में मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र की तत्परता और आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को परखना है।
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव ने दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक गतिविधियों में वृद्धि की है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हिंदू पर्यटकों पर हुए हमले में 26 लोगों की मौत के बाद से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। भारत ने पाकिस्तान पर इस हमले में संलिप्तता का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान ने इससे इनकार किया है। इस बीच, पाकिस्तान ने तीन दिनों में दो मिसाइल परीक्षण किए हैं, जिसमें 120 किलोमीटर रेंज की Fatah सतह से सतह मिसाइल भी शामिल है ।
भारत ने इस बढ़ते खतरे के बीच नागरिक सुरक्षा तंत्र की तत्परता सुनिश्चित करने के लिए 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस अभ्यास में भाग लेने के निर्देश दिए हैं।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य और प्रक्रिया:
मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों और आपातकालीन सेवाओं के कर्मियों को युद्ध या प्राकृतिक आपदाओं जैसी आपात स्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित करना है। इस अभ्यास के दौरान, सिविल डिफेंस, पुलिस, चिकित्सा सेवाएं, अग्निशमन विभाग, और अन्य संबंधित एजेंसियां मिलकर काम करेंगी।
अभ्यास में विभिन्न परिदृश्यों का模拟 किया जाएगा, जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ, आतंकवादी हमले, प्राकृतिक आपदाएं, और अन्य आपात स्थितियां। इन परिदृश्यों के माध्यम से संबंधित एजेंसियां अपनी प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन करेंगी और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाएंगी।
राज्यवार तैयारी:
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, और पश्चिम बंगाल जैसे संवेदनशील राज्यों में विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन राज्यों में सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थिति और पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए मॉक ड्रिल की योजना बनाई गई है।