
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव और संभावित युद्ध जैसे हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने देशभर में एक अभूतपूर्व नागरिक सुरक्षा अभ्यास का आदेश दिया है। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य है – युद्ध या हवाई हमले जैसी आपात स्थिति में नागरिकों और प्रशासन की तैयारी की जांच करना। इस आदेश के तहत चंडीगढ़ में भी बुधवार, 7 मई को शाम 7:30 बजे मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें शहरभर के नागरिकों से शाम 7:40 तक घरों की लाइट बंद रखने और घर के भीतर रहने की अपील की गई है।
चंडीगढ़ प्रशासन ने मंगलवार को एक आपात बैठक आयोजित की, जिसमें उपायुक्त (डीसी) निशांत कुमार यादव समेत वरिष्ठ अधिकारियों ने मॉक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक पूर्वाभ्यास है, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सभी नागरिकों को सतर्क और सहयोगी भूमिका निभाने की आवश्यकता है।
चंडीगढ़ प्रशासन की तैयारी: बैठक में लिए गए फैसले
चंडीगढ़ प्रशासन ने मंगलवार को शाम 4 बजे एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें नागरिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, पुलिस और होमगार्ड्स विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि:
- 7 मई को शाम 7:30 बजे सायरन बजेगा, जो संभावित हवाई हमले या युद्ध की स्थिति का संकेत होगा।
- 7:30 से 7:40 बजे तक शहर के सभी नागरिकों से घर की लाइटें बंद रखने और घर के अंदर रहने की अपील की गई है।
- सभी सरकारी भवनों, संस्थानों और प्रमुख प्रतिष्ठानों में भी मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें कर्मचारियों को बताया जाएगा कि आपातकाल के दौरान क्या करना है।
- शहरी और बहुमंजिला इमारतों में ब्लैकआउट और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने का अभ्यास भी किया जाएगा।
डीसी निशांत कुमार यादव की अपील
डीसी निशांत कुमार यादव ने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और पूरी जिम्मेदारी के साथ इस अभ्यास में भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा: “यह अभ्यास केवल आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है। कृपया इसे गंभीरता से लें लेकिन डरें नहीं। अफवाहों से बचें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। इस तरह के अभ्यास से हम भविष्य की किसी भी आपात स्थिति में अधिक सक्षम बन सकते हैं।”
देशभर में 244 जिलों में होगी मॉक ड्रिल
गृह मंत्रालय ने देश के 244 सीमावर्ती और तटीय जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास का आदेश दिया है। इसके तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने इलाकों में नागरिकों को युद्ध जैसे हालात से निपटने के लिए प्रशिक्षित करें। गृह मंत्रालय के नागरिक सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक बी. संदीपकृष्ण ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर इस अभ्यास की अनिवार्यता पर जोर दिया है।
अभ्यास में क्या-क्या शामिल होगा?
मॉक ड्रिल का संचालन बहुस्तरीय होगा और इसमें निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:
1. सायरन सिस्टम की जाँच और उपयोग
- हर क्षेत्र में सायरन की कार्यक्षमता जांची जाएगी।
- जनता को सायरन के संकेतों की जानकारी दी जाएगी, ताकि वास्तविक आपदा में भ्रम की स्थिति न हो।
2. ब्लैकआउट और सुरक्षित स्थानों की जानकारी
- नागरिकों को ब्लैकआउट के समय लाइट्स बंद करने और खिड़कियां ढकने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
- घरों में सुरक्षित स्थानों की पहचान और उन्हें कैसे तैयार करना है, इसका अभ्यास।
3. महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा
- अहम फैक्टरियों और सरकारी प्रतिष्ठानों की पहचान छिपाने के इंतजाम किए जाएंगे ताकि दुश्मन हवाई निगरानी से उन्हें निशाना न बना सके।
4. आपातकालीन आपूर्ति और निकासी योजना
- नागरिकों को निकासी के सुरक्षित रास्ते, अस्थायी शरण स्थलों और प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी दी जाएगी।
5. घरों में तैयारियां
- नागरिकों को घर में टॉर्च, मोमबत्तियां, रेडियो, प्राथमिक चिकित्सा किट और आवश्यक नकदी रखने की सलाह दी गई है।
- इलेक्ट्रॉनिक फेल्योर की स्थिति में गैर-डिजिटल माध्यमों से सूचना प्राप्त करने की व्यवस्था की जाएगी।