
महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। महाराष्ट्र में एक चरण में मतदान 20 नवंबर को होगा, जबकि झारखंड में दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। दोनों राज्यों के चुनाव नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव की तारीखें नजदीक आने के साथ ही इन दोनों राज्यों में इंडिया गठबंधन में फूट दिखाई दे रही है।
सीट बंटवारे की समस्या
महाराष्ट्र और झारखंड में इंडिया गठबंधन के दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई है। झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कांग्रेस के लिए स्थिति को मुश्किल बना दिया है, जबकि महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी (सपा) की एंट्री ने सीट बंटवारे को और पेचीदा बना दिया है।
झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने 41 और कांग्रेस ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा है। यह निर्णय रविवार (20 अक्टूबर) को हेमंत सोरेन के आवास पर आयोजित एक बैठक के बाद लिया गया। सोरेन ने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस बार वामपंथी दल भी गठबंधन में शामिल हो गए हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है।
राजद की बगावत
राजद के सांसद मनोज झा ने गठबंधन के भीतर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा, “जब सभी दल के नेता रांची में ही मौजूद हैं तो हमें इस बात से दुखी हैं कि गठबंधन की बनावट की प्रक्रिया में हमें शामिल नहीं किया गया।” उन्होंने संकेत दिया कि पार्टी के पास कई विकल्प खुले हैं, जिससे संभावित संकट और गहरा सकता है।
महाराष्ट्र में सपा की एंट्री
महाराष्ट्र में भी महाविकास अघाड़ी (MVA) के बीच सीट शेयरिंग का मामला अभी तक सुलझा नहीं है। कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसीपी) के बीच हुई बैठकों के बाद, स्थिति में कोई सकारात्मक बदलाव नहीं आया है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने महाराष्ट्र में 12 सीटों की मांग की है, जिससे विवाद और बढ़ने की संभावना है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पहले ही धुले विधानसभा सीट से उम्मीदवार की घोषणा कर दी है, जो सत्तारूढ़ दलों के लिए चुनौती बन सकती है।
सीटों के बंटवारे पर बातचीत जारी
पार्टी सूत्रों के अनुसार दोनों राज्यों में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत अंतिम समय तक चलने की संभावना है। सभी दल इस मुद्दे को शीघ्र सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं। लेकिन गठबंधन में दरार के चलते यह प्रक्रिया जटिल होती जा रही है।