
पंजाब की सियासत में फिर से हलचल मचाने वाली बड़ी खबर सामने आई है। शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया एक बार फिर जांच एजेंसियों के रडार पर आ गए हैं। शनिवार सुबह से मजीठिया के खिलाफ स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) और विजिलेंस विभाग की संयुक्त कार्रवाई जारी है। यह छापेमारी चंडीगढ़ स्थित कई ठिकानों और दिल्ली के हाई-प्रोफाइल इलाके सैनिक फार्म में की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई नशा तस्करी और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क को लेकर की जा रही है। दिल्ली के सैनिक फार्म में स्थित एक लग्जरी प्रॉपर्टी को मजीठिया की बेनामी संपत्तियों में से एक बताया जा रहा है, जिसकी कीमत 150 से 200 करोड़ रुपये के बीच आंकी गई है।
डिजिटल और दस्तावेजी सबूत जुटाने में जुटी टीमें
छापेमारी के दौरान तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम भी मौके पर मौजूद रही, जो डिजिटल उपकरणों, कंप्यूटरों, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डाटा की फॉरेंसिक जांच कर रही है। जांच एजेंसियों ने संभावित डिजिटल सबूत और वित्तीय दस्तावेजों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, मजीठिया और उनके परिवार से जुड़ी कई कंपनियों की गहन जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि इन कंपनियों का इस्तेमाल ड्रग्स से अर्जित काले धन को वैध बनाने के लिए किया गया था।
गवाहों के बयानों पर आधारित है कार्रवाई
सूत्र बताते हैं कि विजिलेंस की यह कार्रवाई गवाहों के बयानों और मौजूदा फाइनेंशियल इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के आधार पर की गई है। SIT के अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि बिक्रम मजीठिया और उनके सहयोगी किस तरह से नशा तस्करी से कमाई गई रकम को रियल एस्टेट और अन्य कारोबारी निवेशों में खपा रहे थे।
इस रेड के पीछे केंद्रीय एजेंसियों से मिली सूचनाएं और पिछले मामलों की कड़ियों को जोड़कर तैयार की गई जांच रिपोर्ट भी अहम भूमिका निभा रही है। एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि,“यह सिर्फ एक छापेमारी नहीं, बल्कि बड़े ड्रग नेटवर्क के वित्तीय कनेक्शन को तोड़ने की दिशा में पहला कदम है।”
14 दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ी, अगली सुनवाई 2 अगस्त को
बता दें कि बिक्रम सिंह मजीठिया पहले से ही एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें पंजाब पुलिस की एंटी ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत को 14 दिन के लिए और बढ़ा दिया है, और अब अगली सुनवाई 2 अगस्त को होगी।।
अकाली दल की प्रतिक्रिया: ‘राजनीतिक प्रतिशोध’
शिरोमणि अकाली दल ने मजीठिया के खिलाफ हो रही इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। पार्टी के प्रवक्ता ने प्रेस से बातचीत में कहा, “यह सब आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा विपक्ष को डराने-धमकाने की साजिश है। मजीठिया को बिना किसी ठोस सबूत के निशाना बनाया जा रहा है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि मजीठिया ने पहले भी एजेंसियों के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखा है और वे सभी जांचों में सहयोग कर रहे हैं।