
पंजाब पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सीमा पार से संचालित ड्रग तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में दो मुख्य आरोपियों – गुरभेज सिंह उर्फ भेजा और अभिजीत सिंह उर्फ हैप्पी को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 4.5 किलो हेरोइन और ₹11 लाख नकद “ड्रग मनी” बरामद की गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह रैकेट पाकिस्तान से हेरोइन की खेप भारत लाने और पंजाब में उसकी बिक्री का संचालन करता था। गिरफ्तार आरोपियों में से एक, गुरभेज सिंह, पाकिस्तान में सक्रिय कुख्यात तस्कर “राणा” के सीधे संपर्क में था और खेप की डिलीवरी का समन्वय करता था।
पुलिस की कार्रवाई: सूचना पर आधारित ऑपरेशन
ANTF को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध युवक भारी मात्रा में हेरोइन की डील करने वाले हैं। इसी आधार पर अमृतसर ज़िले में एक विशेष छापेमारी की गई, जिसमें दोनों आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा गया।
पुलिस अधीक्षक (नारकोटिक्स) ने बताया, “हमारे अधिकारियों ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया और जैसे ही आरोपी हेरोइन बेचने के लिए पहुंचे, उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। मौके से भारी मात्रा में मादक पदार्थ और नकदी जब्त की गई।”
बरामद सामान और प्रारंभिक पूछताछ
पकड़े गए आरोपियों से 4.5 किलो उच्च गुणवत्ता वाली हेरोइन और ₹11 लाख की नकदी बरामद हुई है, जो ड्रग मनी मानी जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने यह स्वीकार किया है कि यह खेप पाकिस्तान से आई थी और वह इसे अमृतसर, तरनतारन और एसएएस नगर जैसे इलाकों में सप्लाई करने की तैयारी कर रहे थे।
अधिकारियों के अनुसार, गुरभेज सिंह पाकिस्तान में सक्रिय तस्कर राणा के संपर्क में था, जो सीमा पार से ड्रोन या पारंपरिक तस्करी नेटवर्क के माध्यम से नशीले पदार्थ भेजता है।
पाकिस्तानी कनेक्शन: सीमा पार का गहरा नेटवर्क
पुलिस की प्रारंभिक जांच इस ओर इशारा करती है कि गुरभेज और अभिजीत सीमा पार तस्करी रैकेट का हिस्सा हैं, जो पाकिस्तान से ड्रग्स मंगवाकर पंजाब और आसपास के राज्यों में वितरित करता है। गुरभेज का पाकिस्तान स्थित तस्कर राणा से व्हाट्सएप कॉल और एन्क्रिप्टेड चैट के ज़रिए नियमित संपर्क था।
जांच अधिकारियों का कहना है कि ड्रोन के माध्यम से खेप को सीमा के इस पार गिराया जाता था, और गुरभेज उसका रिसीवर था, जो फिर स्थानीय नेटवर्क के माध्यम से हेरोइन की छोटी खेपों में आपूर्ति करता था।
NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज
गिरफ्तार दोनों आरोपियों के खिलाफ NDPS (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) अधिनियम के तहत एसएएस नगर में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है, और यह पता लगाया जा रहा है कि ये पहले किसी अन्य मामले में शामिल रहे हैं या नहीं।
ड्रग्स का बढ़ता खतरा: पंजाब पर मंडरा रहा संकट
पंजाब में नशे की समस्या कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस तरह की बड़ी खेपों की लगातार बरामदगी यह दर्शाती है कि सीमा पार तस्करी नेटवर्क अब भी सक्रिय है। ड्रोन के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी पिछले कुछ वर्षों में एक आम तकनीक बन गई है।
राज्य पुलिस और बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) पहले भी कई बार ड्रोन गिराकर मादक पदार्थ, हथियार और नकली करेंसी बरामद कर चुकी हैं। यह कार्रवाई उसी श्रृंखला में एक और बड़ी सफलता मानी जा रही है।
पुलिस की रणनीति: नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने की कोशिश
एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल एक शुरुआत है। गिरफ्तार आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर अब पूरे नेटवर्क को चिन्हित किया जा रहा है, जिसमें फाइनेंसर, सप्लायर, ड्रोन ऑपरेटर और डीलर शामिल हैं।
पुलिस महानिदेशक (DGP) पंजाब ने कहा, “यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का नेटवर्क है, और हम इसकी पूरी श्रृंखला को नष्ट करने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं। डिजिटल ट्रेसिंग, कॉल रिकॉर्ड, बैंक लेन-देन और सोशल मीडिया की मदद से हर संदिग्ध को ट्रैक किया जा रहा है।”