
आम आदमी पार्टी (आप) की महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को “महिला विंग लीडरशिप ट्रेनिंग कार्यक्रम” को संबोधित किया। यह कार्यक्रम खास तौर पर महिलाओं को राजनीति में नेतृत्व और भागीदारी के लिए तैयार करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया, महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष और मोगा से विधायक अमनदीप कौर अरोड़ा, और पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन राजलाली गिल भी मौजूद रहीं। वहीं, अरविंद केजरीवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर उपस्थित महिलाओं को संबोधित किया।
“केवल आम आदमी पार्टी देती है महिलाओं को असली राजनीतिक अवसर” — केजरीवाल
अपने संबोधन में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश में केवल आम आदमी पार्टी ही ऐसी पार्टी है जो साधारण घरों की महिलाओं को सक्रिय राजनीति में आने का मंच और अवसर देती है। “अन्य पार्टियां सिर्फ महिलाओं का चेहरा दिखाने के लिए उनका इस्तेमाल करती हैं। वे रैलियों में भीड़ बढ़ाने या महिला कार्यक्रमों में उपस्थिति के लिए महिलाओं को बुलाती हैं, लेकिन उन्हें राजनीति के केंद्र में लाने की ईमानदार कोशिश कभी नहीं की जाती,” केजरीवाल ने कहा।
उन्होंने पार्टी की ओर से शुरू की गई योजनाओं को गिनाते हुए बताया कि दिल्ली और पंजाब में आप सरकारों ने महिलाओं के कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। खासकर, ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ अभियान से महिलाओं को सबसे ज्यादा राहत मिली है।
“नशा केवल एक व्यक्ति नहीं, पूरे परिवार को तबाह करता है”
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब कोई व्यक्ति नशे की चपेट में आता है, तो सबसे ज्यादा कष्ट उसकी मां, पत्नी और बहनें झेलती हैं। बच्चों का भविष्य बर्बाद होता है और घर की आर्थिक स्थिति चरमरा जाती है। “इसलिए हमने ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ अभियान की शुरुआत की जिसमें महिलाओं को अहम भूमिका निभानी चाहिए।”
उन्होंने उपस्थित महिलाओं से आग्रह किया कि यदि उनके आस-पास कोई पुरुष नशे का शिकार है—चाहे वह बेटा हो, पति हो या पिता—तो वे बिना संकोच के उन्हें नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती कराएं। “हमारे नशा मुक्ति केंद्रों में AC की सुविधा तक है ताकि मरीजों को गर्मी में परेशानी न हो।” इसके अलावा उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ जनजागरूकता अभियान में महिलाएं नेतृत्व करें, क्योंकि यह एक सबसे पुण्य का कार्य है।
“हमें तोड़ने की साजिश की गई, लेकिन हम जनता के आशीर्वाद से खड़े हैं”
अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में पार्टी को लेकर रची गई साजिशों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि “हम गरीबों के लिए काम करते हैं, इसलिए हम पर हमले भी सबसे ज्यादा होते हैं। हमें और हमारे साथियों को जेल भेजने की कोशिश की गई, पार्टी को तोड़ने की साजिश हुई—but हम आज भी डटे हुए हैं क्योंकि आम आदमी हमारे साथ है।” उन्होंने पार्टी की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि स्कूलों, मोहल्ला क्लीनिकों, मुफ्त बिजली जैसी योजनाओं ने गरीबों का जीवन आसान बनाया है। “इतनी महंगाई में गरीबों के लिए जीना मुश्किल है, लेकिन हम उनकी मदद के लिए खड़े हैं। यही वजह है कि अब बीजेपी और कांग्रेस के पारंपरिक वोटर भी हमारी तारीफ करने लगे हैं।”
“महिलाओं के बिना न देश चल सकता है, न घर” — भगवंत मान
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे कोई घर बिना महिला के नहीं चल सकता, वैसे ही देश की प्रगति में भी महिलाओं की भागीदारी अनिवार्य है। “अन्य पार्टियों की महिला विंग केवल कागजी होती है, जबकि आम आदमी पार्टी में महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है, उन्हें राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका सौंपी जाती है।” उन्होंने कहा कि आम घरों की महिलाओं को राजनीतिक प्रशिक्षण देना और उन्हें नेतृत्व की भूमिका में लाना पार्टी की प्रमुख नीति का हिस्सा है।
मुफ्त बिजली और मोहल्ला क्लीनिक: महिलाओं के लिए राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं का सबसे बड़ा लाभ महिलाओं को हुआ है। “300 यूनिट तक बिजली मुफ्त करने से महिलाओं पर आर्थिक बोझ घटा है। अब उन्हें रसोई का खर्च संभालने में मदद मिलती है।”
एक किस्सा सुनाते हुए भगवंत मान ने कहा: “एक दूध वाला मिला, उसने कहा कि 300 यूनिट मुफ्त बिजली से घर में पैसे बचते हैं, इसलिए अब लोग समय पर दूध का पैसा दे देते हैं। ये बदलाव छोटे हैं लेकिन असर गहरा है।” उन्होंने कहा कि अब कई महिलाओं ने राशन, बच्चों की पढ़ाई और इलाज पर होने वाले खर्च में राहत महसूस की है।
“महिलाएं नशे के खिलाफ संघर्ष की नायिका बनें”
मुख्यमंत्री ने भी ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ अभियान को महिलाओं के हित में बताया। उन्होंने कहा कि:”नशे से अगर कोई सबसे ज्यादा पीड़ित होता है, तो वह महिलाएं हैं—मां, पत्नी और बहनें, जो अपने परिवार के बिखरते देखती हैं।” उन्होंने बताया कि अब अभियान के कारण नशे की घटनाओं में कमी आई है, जिससे महिलाएं राहत महसूस कर रही हैं।
आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में कदम
भगवंत मान ने बताया कि सरकार सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (SHGs) को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि: “संगरूर में 100 महिलाओं के ग्रुप ने अपना व्यवसाय शुरू किया, अब उनका मासिक टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।” इसके अलावा, पंजाब पुलिस में हजारों महिलाओं की भर्ती की गई है ताकि वे हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी दर्ज करा सकें।
350 महिला सरपंचों को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया महाराष्ट्र
मुख्यमंत्री ने एक और बड़ी पहल की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज ही पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से करीब 350 महिला सरपंचों और पंचों को सरकारी खर्चे पर ट्रेनिंग के लिए महाराष्ट्र भेजा गया है। “उनकी ट्रेनिंग, यात्रा, रहने और खाने का पूरा खर्च सरकार उठा रही है।” उन्होंने यह भी दोहराया कि आने वाले समय में सरकार और महिलाओं को नेतृत्व की भूमिकाएं सौंपेगी और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव संसाधन मुहैया कराएगी।