
उत्तर प्रदेश के मीरापुर में 18 नवंबर को हुई एक जनसभा में असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) पर जमकर हमला बोला। इस जनसभा में ओवैसी ने अपनी पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलमीन (AIMIM), के उम्मीदवार अरशद राणा के समर्थन में ये बयान दिए। मीरापुर सीट पर AIMIM के उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए ओवैसी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार किया।
सपा पर ओवैसी का आरोप
ओवैसी ने अपनी जनसभा में सबसे पहले समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा यह तंज करती है कि जहां AIMIM चुनाव लड़ती है, वहां भाजपा को फायदा होता है। ओवैसी ने करहल विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा, “करहल से अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव के बहनोई चुनाव लड़ रहे हैं। अगर सपा परिवार के लोग ही चुनाव लड़ रहे हैं तो हमें क्यों दोष दे रहे हो कि AIMIM की वजह से भाजपा को फायदा होगा?”
ओवैसी ने आगे कहा, “सपा कहती है कि हम मुसलमानों को साथ लेकर चलते हैं, लेकिन जब उनके अपने परिवार के लोग चुनाव मैदान में हैं, तो यह सब उन्हें दिखाई नहीं देता। यही दोहरा मापदंड है।” उन्होंने सपा पर कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि पार्टी अपनी नीतियों के बजाय केवल परिवारवाद को बढ़ावा देती है।
मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र
जनसभा के दौरान ओवैसी ने 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार में मुजफ्फरनगर में 50,000 से ज्यादा मुसलमान बेघर हो गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय जब पीड़ित मुसलमान राहत शिविरों में रहकर अपनी जिंदगी गुजार रहे थे, तब अखिलेश यादव सैफई में बॉलीवुड के सितारों के साथ नाच गा रहे थे।
“अखिलेश यादव की सरकार में दंगे के बाद मुसलमानों को कोई राहत नहीं मिली। लोग राहत कैंपों में रहने को मजबूर थे, जबकि सपा के नेता अपनी रैलियों और पार्टी कार्यक्रमों में व्यस्त थे।” ओवैसी ने यह बयान मुसलमानों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए दिया और सपा सरकार की विफलताओं को सामने रखा।
भाजपा पर हमला
ओवैसी ने भाजपा सरकार पर भी आरोप लगाया और पूछा कि आखिर किसके लिए नफरत फैलाई जा रही है। उन्होंने खासकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर इशारा करते हुए कहा, “योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि बंटेंगे तो कटेंगे, लेकिन क्या यही नफरत का संदेश भारत को मजबूत बना सकता है?”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब महाराष्ट्र में बंटवारे की बात की जा रही थी, तब एक व्यक्ति ने अपने धर्म को न देखते हुए 10 बच्चों की जान बचाई। “याकूब मंसूरी ने अपनी जान की परवाह किए बिना झांसी में आग में कूदकर बच्चों को बचाया, लेकिन क्या योगी आदित्यनाथ इनकी तारीफ करेंगे या उन्हें भी नफरत की भावना का शिकार बनाएंगे?” ओवैसी ने सवाल किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा और योगी आदित्यनाथ का यह नफरत फैलाने का खेल देश के लिए खतरे की घंटी है। “अगर आप एक समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाते रहेंगे, तो क्या यह देश मजबूत होगा? क्या यह लोकतंत्र के लिए अच्छा है?” ओवैसी ने यह सवाल उठाया।
‘बाबा, तुम्हारा बुलडोजर अब नहीं चलेगा’
ओवैसी ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मुस्लिम समाज के खिलाफ चलाए गए बुलडोजर अभियान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “बाबा तुम्हारा बुलडोजर अब नहीं चलेगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि किसी भी व्यक्ति के घर को तोड़ने से पहले 15 दिन का नोटिस दिया जाए। बुलडोजर चलाने से पहले अब कोर्ट की सुनवाई भी होगी।”
ओवैसी ने दावा किया कि अब भाजपा और योगी आदित्यनाथ को अपनी नीतियों में बदलाव करना पड़ेगा। “अगर अब बुलडोजर चलाया गया, तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। अब तुम्हारा बुलडोजर चला गया, और अब तुम अपनी ज़बान से यह कहकर दिखाओ कि यह कार्यवाही न्यायपूर्ण है।” ओवैसी ने यह बयान बीजेपी की मुस्लिम विरोधी नीतियों के खिलाफ दिया और यह दिखाने की कोशिश की कि अब यह आंदोलन उन पर भारी पड़ेगा।
भारत की ताकत ‘अनेकता में एकता’ में है
ओवैसी ने अपने भाषण में भारतीय समाज की विविधता और समानता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “भारत की ताकत उसकी विविधता में है। हम कई धर्मों, जातियों और समुदायों के लोग हैं, और यही हमारे देश की असली ताकत है।” ओवैसी ने “अनेक हैं तो अखंड हैं” का नारा देते हुए कहा कि भारत को एकता और भाईचारे की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है।