पंजाब में शनिवार को होने वाले नगर निकाय चुनावों से ठीक पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पटियाला और मोगा के 15 वार्डों में चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह निर्णय शुक्रवार को तब आया, जब हाई कोर्ट में दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार द्वारा किए गए चुनावी अनियमितताओं पर सवाल उठाए गए। पटियाला और मोगा के धर्मकोट क्षेत्र में नामांकन प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी के कारण चुनावों को स्थगित करने का आदेश दिया गया।
पंजाब सरकार की ओर से अनियमितताओं की स्वीकृति
उच्च न्यायालय की सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल ने यह स्वीकार किया कि पटियाला और धर्मकोट में नामांकन की प्रक्रिया के दौरान गड़बड़ियां हुईं। कोर्ट को बताया गया कि पटियाला के 7 और धर्मकोट के 8 वार्डों में चुनाव टालने का निर्णय लिया गया है। इन वार्डों के चुनाव टालने का कारण यह था कि नामांकन की प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ियां पाई गईं, और कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले में जांच चल रही है।
अवमानना याचिका पर सुनवाई: कोर्ट ने की कड़ी टिप्पणी
हाई कोर्ट में यह अवमानना याचिका पटियाला के चुनावी नामांकन के दौरान हुई गड़बड़ियों को लेकर दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि चुनाव के लिए नामांकन भरने से उन्हें जानबूझकर रोका गया और उनके कागजात फाड़ दिए गए। इस दौरान का एक वीडियो भी कोर्ट में प्रस्तुत किया गया, जिसमें यह घटनाएं सामने आईं। वीडियो में यह दिखाया गया कि एसएसपी की मौजूदगी में कागजात फाड़े गए और विपक्षी दलों के उम्मीदवारों को नामांकन करने से रोका गया।
कोर्ट ने इस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “क्या सरकार संविधान और कानून से ऊपर हो गई है?” कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर चुनावों में ऐसी गड़बड़ियां हो रही हैं तो चुनाव कराने की क्या आवश्यकता है। इसके बाद पंजाब के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को तलब किया गया और पूछा गया कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई है।
क्या कार्रवाई की गई?
सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने अदालत को बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और वीडियो में दिखाई दे रहे अधिकारियों के खिलाफ जांच की जा रही है। एडवोकेट जनरल ने यह भी बताया कि जिन वार्डों में गड़बड़ी हुई थी, उनके चुनावों को स्थगित किया गया है। पटियाला के वार्ड संख्या 1, 32, 33, 36, 41, 48 और 50 के चुनाव स्थगित किए गए हैं, जबकि धर्मकोट के वार्ड संख्या 1, 2, 3, 4, 9, 10, 11 और 13 के चुनाव भी टाल दिए गए हैं।
यह निर्णय राज्य में चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखने के लिए लिया गया है। कोर्ट ने पंजाब सरकार से यह भी कहा कि वह जल्द से जल्द मामले की गंभीरता से जांच करें और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
पंजाब में निकाय चुनावों की तैयारी और प्रशासन की स्थिति
पंजाब में शनिवार को होने वाले नगर निकाय चुनावों के लिए प्रशासन और पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। हालांकि, इन चुनावों में स्थगन और गड़बड़ी की घटनाएं राज्य की चुनावी प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न उठा रही हैं। चुनावों के लिए नामांकित उम्मीदवारों के लिए मतदान शनिवार सुबह 7 बजे से शुरू होगा और शाम 4 बजे तक चलेगा। मतदान के बाद चुनाव परिणामों की घोषणा की जाएगी।
राज्य में चुनावों को शांतिपूर्वक और निष्पक्ष रूप से आयोजित करने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद अब पटियाला और मोगा के कुछ वार्डों में चुनावों की प्रक्रिया प्रभावित होगी, जिसका असर पूरी चुनावी प्रक्रिया पर पड़ सकता है।
राज्य सरकार का रुख और विपक्ष की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार जानबूझकर चुनावों में गड़बड़ी कर रही है ताकि विपक्षी दलों को नुकसान पहुंचाया जा सके। विपक्षी नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार के तहत चुनावी प्रक्रिया में विश्वास कम हुआ है और अब यह सवाल उठता है कि क्या चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से हो पाएंगे।
वहीं राज्य सरकार ने अपनी ओर से यह स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।