
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में आगामी 19 अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र को लेकर राज्य सरकार और विधानसभा प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्र से पूर्व अपने बयान में कहा कि, “हमारा विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है, और इसके लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। जैसा कि पूर्व में प्रस्तावित था, यह सत्र भराड़ीसैंण में ही होगा।”
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सत्र को लेकर पहले से ही सभी प्रकार की बातचीत और विचार-विमर्श हो चुका है और अब विधानसभा कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने की दिशा में सभी व्यवस्थाएं अंतिम चरण में हैं। वहीं विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक भी संपन्न हो चुकी है, जिसमें सुरक्षा, तकनीकी सेवाएं और जनसुविधाओं को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
सत्र की तैयारियां पूरी, 32 विधायकों ने भेजे 547 प्रश्न
विधानसभा सचिवालय के अनुसार, 19 अगस्त से शुरू हो रहे इस मानसून सत्र के लिए अब तक 32 विधायकों की ओर से कुल 547 प्रश्न प्राप्त हो चुके हैं, जो विभिन्न विभागों से संबंधित हैं। इससे स्पष्ट है कि विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही इस सत्र में सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार हैं। यह सत्र न केवल विधायी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहने वाला है, बल्कि सरकार की आगामी नीतियों और जनहित के मुद्दों पर भी व्यापक चर्चा की संभावना है।
गैरसैंण में मानसून सत्र: स्थायी राजधानी के भाव का प्रतीक
गौरतलब है कि भराड़ीसैंण में आयोजित होने वाला विधानसभा सत्र हमेशा से खास महत्व रखता है, क्योंकि यह राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी में आयोजित होता है। भराड़ीसैंण का यह मानसून सत्र राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों दृष्टियों से प्रतीकात्मक महत्व रखता है। गैरसैंण को राज्य की स्थायी राजधानी बनाए जाने की मांग लम्बे समय से चली आ रही है और यहां सत्र का आयोजन इस दिशा में निरंतरता का परिचायक है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, बिना पास के नहीं मिलेगा प्रवेश
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से आयोजित समीक्षा बैठक में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सत्र के दौरान सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक नहीं होनी चाहिए।
- विधानसभा परिसर में प्रवेश केवल पासधारकों को ही मिलेगा।
- बिना प्रवेश पत्र के किसी भी वाहन या व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
- मंत्रियों और विधायकों की सिफारिश पर अधिकतम दो-दो आगंतुकों को ही प्रवेश पत्र जारी किए जाएंगे।
- सभी वाहनों की जांच होगी और कर्मचारियों के वाहनों पर भी सख्त निगरानी रखी जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि “हर स्तर पर सतर्कता जरूरी है ताकि सत्र का संचालन बिना किसी व्यवधान के किया जा सके।”
डिजिटल व्यवस्था: नेवा (NEVA) के तहत होगा सत्र संचालन
इस बार का मानसून सत्र तकनीकी दृष्टि से भी अत्याधुनिक रहेगा। नेवा (National e-Vidhan Application) के तहत पूरा सत्र डिजिटल तरीके से संचालित किया जाएगा। इसके लिए आईटीडीए (ITDA) को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। संचार कंपनियों द्वारा विधानसभा परिसर में हाई-स्पीड नेटवर्क उपलब्ध कराया जाएगा। पूरे परिसर में वाई-फाई सुविधा स्थापित की जा रही है, ताकि विधायकों और कर्मचारियों को तकनीकी बाधाओं का सामना न करना पड़े। सदन की कार्यवाही अब पेपरलेस हो रही है, जिससे समय और संसाधनों की बचत के साथ-साथ पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
यह कदम उत्तराखंड को डिजिटल विधानसभा के रास्ते पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी
सत्र के दौरान बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति सुचारु रखने के भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि विधानसभा परिसर में 24×7 बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। पेयजल और स्वच्छता सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए मेडिकल टीम और एम्बुलेंस तैनात रहेंगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सत्र के दौरान न तो विधायकों को और न ही कर्मचारियों को किसी तरह की असुविधा हो।”