
फिरोजपुर शहर स्थित मक्खू गेट के पास वीरवार को हुई गैंगवार की वारदात के बाद पंजाब पुलिस और काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस गैंगवार में एक नौजवान, आशु मोंगा की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी, जिससे शहर में तनाव और गुस्से का माहौल बन गया था।
डीआईजी और एसएसपी भूपेंद्र सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि तीन आरोपी गांव रत्ता खेड़ा के पास स्थित सेमनाले के पुल के रास्ते से गुजरने वाले हैं। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए इलाके में नाकाबंदी की गई। जब पुलिस ने संदिग्धों को रोकने की कोशिश की, तो आरोपियों ने पुलिस टीम पर सीधे फायरिंग शुरू कर दी।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में तीनों आरोपी घायल
पुलिस की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में तीनों आरोपियों के पैरों में गोली लगी और वे घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें काबू कर लिया और इलाज के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सोनू, अमरीक सिंह और बलजिंदर उर्फ घोड़ा के रूप में हुई है। तीनों का संबंध एक कुख्यात गैंग से बताया जा रहा है, जो फिरोजपुर और आसपास के इलाकों में सक्रिय है।
घटनास्थल से चार पिस्तौल और दो वाहन बरामद
पुलिस ने इन आरोपियों के कब्जे से चार पिस्तौल बरामद की हैं, जो वीरवार को हुए गैंगवार में इस्तेमाल की गई थीं। इसके अलावा जिन दो वाहनों—एक एक्टिवा स्कूटर और एक बाइक—पर सवार होकर आरोपी वारदात के बाद फरार हुए थे, उन्हें भी जब्त कर लिया गया है। यह हथियार और वाहन सबूत के तौर पर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।
गैंगवार की पृष्ठभूमि और हत्या की वजह
वीरवार को हुई इस गैंगवार की जड़ें आपसी रंजिश में बताई जा रही हैं। जानकारी के अनुसार, आशु मोंगा का एक गैंग के साथ पहले से विवाद चल रहा था। मक्खू गेट इलाके में पहले भी कई बार गैंग गतिविधियों की सूचना पुलिस को मिलती रही है। इस बार यह टकराव खून-खराबे में बदल गया और आशु की मौके पर ही मौत हो गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना के वक्त इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी और कई राउंड गोलियां चली थीं। इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए थे। पूरे शहर में इस घटना के बाद दहशत का माहौल बन गया था।
पुलिस की रणनीति और कामयाब ऑपरेशन
डीआईजी भूपेंद्र सिंह सिद्धू ने बताया कि इस ऑपरेशन को अंजाम देने में काउंटर इंटेलिजेंस और जिला पुलिस की टीम ने गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी का सहारा लिया। यह ऑपरेशन पूरी तरह से प्लानिंग के साथ किया गया और पुलिस ने पहले ही संभावित रास्तों पर नाकाबंदी कर रखी थी। जैसे ही आरोपी वाहन लेकर सेमनाले के पुल की ओर बढ़े, पुलिस ने उन्हें घेर लिया।
फायरिंग की शुरुआत आरोपियों ने की, लेकिन पुलिस ने संयमित और सटीक जवाबी कार्रवाई कर तीनों को घायल करके पकड़ लिया। इस कार्रवाई में पुलिस का कोई जवान घायल नहीं हुआ, जो एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
शहर में बढ़ती गैंग गतिविधियों पर सख्त रुख
फिरोजपुर में बीते कुछ महीनों में गैंगवार और गैंगस्टर गतिविधियों में इजाफा देखा गया है। शहर में कई युवा गैंगों की ओर आकर्षित हो रहे हैं और सोशल मीडिया पर भी इन गैंगों का दबदबा बढ़ता दिख रहा है। इस घटनाक्रम के बाद पुलिस ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अब गैंग गतिविधियों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जाएगी।
डीआईजी सिद्धू ने कहा, “हम किसी भी हाल में अपराधियों को खुला नहीं छोड़ेंगे। जो लोग समाज में डर और हिंसा का माहौल बना रहे हैं, उन्हें सख्त परिणाम भुगतने होंगे।”
बाकी आरोपियों की तलाश जारी
हालांकि पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस हत्याकांड में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश अभी भी जारी है। पुलिस को शक है कि इस वारदात की साजिश कई दिनों पहले रची गई थी और इसमें कई सहयोगी शामिल हैं। कुछ नाम सामने आए हैं और कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।