
पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फरीदकोट जिले में तैनात डीएसपी (महिला अपराध प्रकोष्ठ) रजनपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने खिलाफ चल रही एक भ्रष्टाचार की शिकायत को रफा-दफा कराने के लिए एसएसपी कार्यालय को ₹1 लाख की रिश्वत देने की पेशकश की थी। इस गंभीर मामले में भ्रष्टाचार निरोधक कानूनों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और डीएसपी को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है।
रिश्वत देकर जांच प्रभावित करने की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक, डीएसपी रजनपाल सिंह पर पहले से ही भ्रष्टाचार से जुड़ी एक शिकायत लंबित थी, जिसकी जांच चल रही थी। शिकायत में उनके खिलाफ कथित रूप से अनियमितताओं और अपने पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। जांच की प्रक्रिया के दौरान रजनपाल सिंह ने कथित तौर पर फरीदकोट के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्यालय से सीधे संपर्क किया और मामले को “सेटल” करने के लिए ₹1 लाख की रिश्वत की पेशकश की।
हालांकि, जैसे ही यह मामला पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया, उन्होंने तुरंत एक्शन लेते हुए रजनपाल सिंह को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उन्हें हिरासत में लिया गया और उनके खिलाफ PC Act (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) की गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।
सरकार का स्पष्ट संदेश: कोई भी कानून से ऊपर नहीं
पंजाब सरकार की ओर से इस कार्रवाई को लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि:“भ्रष्टाचार चाहे किसी भी स्तर पर हो, राज्य सरकार उसे बर्दाश्त नहीं करेगी। यह कार्रवाई हमारे प्रशासनिक तंत्र में पारदर्शिता, ईमानदारी और जवाबदेही की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।” राज्य सरकार के इस कदम को प्रशासनिक जगत में एक कड़ा संदेश माना जा रहा है — कि अब किसी भी पद पर बैठा अधिकारी अगर भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
पुलिस विभाग की साख को बड़ा झटका
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा रिश्वत की पेशकश करना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि इससे पुलिस विभाग की छवि और साख पर भी सवाल उठते हैं। डीएसपी जैसे उच्च पद पर बैठे अधिकारी से इस तरह के कृत्य की उम्मीद नहीं की जाती। यह घटना उन हजारों पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत और ईमानदारी पर भी दाग लगाने का काम करती है, जो निष्ठा से अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं।
भ्रष्टाचार के मामलों में हालिया रिकॉर्ड
पंजाब सरकार ने पिछले दो वर्षों में भ्रष्टाचार के कई मामलों में बड़ी कार्रवाई की है। राज्य में पिछले एक साल में लगभग 200 से अधिक सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जिनमें से कई को निलंबित, बर्खास्त या गिरफ्तार किया गया। डीएसपी रजनपाल सिंह की गिरफ्तारी इन कार्रवाइयों की श्रृंखला में एक और महत्वपूर्ण और उदाहरणीय कदम मानी जा रही है।