
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए होशियारपुर जिले के बुल्लोवाल पुलिस स्टेशन में तैनात दो पुलिसकर्मियों को रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस मामले में सब-इंस्पेक्टर रमन कुमार और उसके अधीनस्थ सहायक सब-इंस्पेक्टर गुरदीप सिंह को एक लाख 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी एक ऑनलाइन शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई कार्रवाई की लाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई थी।
रिश्वत मांगने की शिकायत और गिरफ्तारी की कहानी
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता, जो होशियारपुर जिले के असलपुर गांव का निवासी है, ने मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार निरोधक कार्रवाई लाइन पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसके भतीजे के खिलाफ बुल्लोवाल पुलिस स्टेशन में एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने शिकायतकर्ता के बेटे को इस मामले में फंसाने की धमकी दी और उसके बेटे को केस से बाहर निकालने के बदले एक लाख 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। हालांकि, बातचीत के बाद रिश्वत की राशि घटाकर एक लाख रुपये कर दी गई।
ऑडियो साक्ष्य ने खोला मामला
शिकायतकर्ता ने पुलिसकर्मियों के बीच हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया और इसे ऑडियो साक्ष्य के रूप में विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया। इस महत्वपूर्ण सबूत के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो ने जांच शुरू की। ऑडियो रिकॉर्डिंग में साफ तौर पर रिश्वत की मांग की बात सामने आई, जो पुलिसकर्मियों की भ्रष्टाचार में लिप्तता को उजागर करता है।
विजिलेंस ब्यूरो की जांच और गिरफ्तारी
विजिलेंस ब्यूरो की होशियारपुर इकाई ने शिकायत की जांच की और कानूनी सलाह लेने के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 7 और 7ए, बीएनएस की धारा 61 (2) और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 59 के तहत जालंधर रेंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया।
एसएसपी विजिलेंस ब्यूरो जालंधर रेंज, हरप्रीत सिंह मंडेर ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि दोनों को जल्द ही सक्षम अदालत में पेश किया जाएगा और मामले में आगे की जांच जारी है।
पंजाब पुलिस में भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई
यह घटना पंजाब पुलिस में भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों का एक हिस्सा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और लगातार ऐसे मामलों में कार्रवाई की जा रही है। विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई पुलिसकर्मियों की कथित भ्रष्ट गतिविधियों को उजागर करती है और राज्य में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से की गई है।
पुलिस कर्मियों द्वारा रिश्वत मांगने का मामला
यह पहली बार नहीं है जब पुलिसकर्मियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की गई हो। राज्य भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें पुलिसकर्मियों ने रिश्वत की मांग की। ऐसे मामलों में पीड़ितों ने या तो शिकायत दर्ज कराई है या विजिलेंस ब्यूरो ने स्वतः संज्ञान लिया है।
रिश्वत मांगने का यह मामला पंजाब पुलिस के भीतर व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है, जो आम जनता के लिए चिंता का विषय है। पंजाब पुलिस की छवि पर ऐसे मामलों का नकारात्मक असर पड़ता है और इसके कारण आम लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास में कमी आती है।
विजिलेंस ब्यूरो का लगातार प्रयास
विजिलेंस ब्यूरो का कहना है कि वे राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों में कोई ढील नहीं बरतेंगे। प्रत्येक शिकायत की गंभीरता से जांच की जाती है, और आरोपी को कानून के तहत सजा दिलवाने के लिए कठोर कार्रवाई की जाती है। एसएसपी हरप्रीत सिंह मंडेर ने इस मुद्दे पर कहा, “हम भ्रष्टाचार से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इस मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और अब उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए विजिलेंस ब्यूरो लगातार प्रयासरत है। हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाती है और दोषियों को सजा दिलवाने के लिए अदालतों से सहयोग लिया जाता है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता का सहयोग
विजिलेंस ब्यूरो अधिकारियों ने यह भी अपील की है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को सफल बनाने के लिए आम जनता का सहयोग जरूरी है। यदि किसी को किसी सरकारी अधिकारी या पुलिसकर्मी द्वारा रिश्वत की मांग की जाती है, तो उसे तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून बनाए हैं, और इन कानूनों के तहत कोई भी अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर सजा का भागी बनेगा।
शिकायतकर्ताओं को विश्वास दिलाया गया है कि उनकी शिकायतों पर पूरी गोपनीयता बनाए रखी जाएगी और उनके साथ किसी भी प्रकार की प्रताड़ना नहीं की जाएगी। विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार की जांच में जनता से पूर्ण सहयोग की अपील की है।