
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में भारत को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी भारत की केंद्रीय जांच एजेंसियों CBI और ED द्वारा किए गए संयुक्त प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर की गई है।अमेरिकी न्याय विभाग (United States Department of Justice) की ओर से पुष्टि की गई है कि नेहल मोदी को 4 जुलाई 2025 को अमेरिकी अधिकारियों ने हिरासत में लिया। प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अब अमेरिकी अदालत में आगे बढ़ेगी, जिसकी अगली सुनवाई 17 जुलाई को निर्धारित की गई है।
कौन है नेहल मोदी?
46 वर्षीय नेहल मोदी, नीरव मोदी का सगा भाई है और बेल्जियम का नागरिक है। नेहल लंबे समय से अमेरिका में रह रहा है और उसे भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में शामिल एक प्रमुख साजिशकर्ता माना जा रहा है। 2019 में इंटरपोल द्वारा नेहल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था। नेहल पर आरोप है कि उसने अपने भाई नीरव मोदी की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग योजनाओं को अंजाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह उन लोगों में से एक था जिन्होंने घोटाले का खुलासा होने के बाद सबूत नष्ट करने, गवाहों को प्रभावित करने और नीरव को देश छोड़ने में मदद करने जैसे गंभीर आरोपों का सामना किया।
क्या है PNB घोटाला?
पीएनबी घोटाला, भारत के इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है जिसमें करीब 13,600 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई। नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी ने पंजाब नेशनल बैंक की ब्रेडी हाउस शाखा से LOU (Letter of Undertaking) के जरिए अवैध तरीके से ऋण लिया और उसे चुका नहीं सके। इस मामले में सीबीआई और ईडी की जांच में कई फर्जी कंपनियों, शेल अकाउंट्स और अंतरराष्ट्रीय लेन-देन का खुलासा हुआ।
नेहल मोदी की भूमिका: सबूत नष्ट करना और मनी लॉन्ड्रिंग
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच रिपोर्ट के अनुसार, नेहल मोदी न केवल नीरव मोदी का करीबी सहयोगी था, बल्कि वह डमी कंपनियों का नेटवर्क चलाता था, जिससे बैंक से लूटे गए पैसों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छिपाया गया।
ED ने अदालत में अपनी शिकायत में कहा था:
“नेहल ने जानबूझकर नीरव मोदी की आपराधिक संपत्तियों को वैध रूप देने में मदद की और सबूतों को नष्ट करने में अग्रणी भूमिका निभाई।”
एजेंसी के अनुसार, घोटाले के उजागर होने के बाद, नेहल ने दुबई और हांगकांग में स्थित डमी कंपनियों के निदेशकों के मोबाइल फोन नष्ट कर दिए। इसके अलावा, उसने नीरव मोदी के लिए कैरो (मिस्र) तक पहुंचने के लिए फ्लाइट टिकट्स और ट्रैवल की व्यवस्था की।
15 से अधिक डमी कंपनियों का संचालन
जांच में सामने आया कि नीरव मोदी ने विदेशों में 15 से ज्यादा शेल कंपनियां बनाई थीं। इनका उपयोग निर्यात-आयात व्यापार की आड़ में लोन की रकम हेरफेर करने के लिए किया गया। ये कंपनियां दुबई, हांगकांग और कैरिबियाई देशों में रजिस्टर्ड थीं। इन कंपनियों के डायरेक्टर्स, नीरव की कंपनियों के पूर्व कर्मचारी थे, जिन्हें बहुत कम वेतन पर नियुक्त किया गया था।
नेहल इन कंपनियों के संचालन और फंड ट्रांसफर में मुख्य भूमिका निभाता था। जांच में पता चला कि कम से कम 17 ऐसे डमी निदेशक थे, जिनसे नेहल ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए और बाद में उन्हें देश से बाहर रहने के लिए मनाया।
रिकॉर्ड और संपत्ति चोरी के गंभीर आरोप
नेहल मोदी पर यह भी आरोप है कि उसने नीरव मोदी की दुबई स्थित कंपनी से करीब 50 किलो सोना, हांगकांग से नकदी, और 150 बक्सों में मोती चुराए। प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि नेहल ने ये सभी कीमती वस्तुएं गोपनीय रूप से गायब कर दीं, ताकि भारत लौटने पर इनका कोई रिकॉर्ड न मिल सके। इसके अलावा, नीरव की दो डमी कंपनियों को 335.95 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर हुई थी, जिनके निदेशक के तौर पर नेहल का नाम सामने आया है।
कानूनी कार्यवाही और प्रत्यर्पण प्रक्रिया
नेहल मोदी की गिरफ्तारी के बाद अब प्रत्यर्पण कार्यवाही अमेरिकी अदालत में शुरू हो गई है। भारतीय एजेंसियों ने विस्तृत प्रूफ और दस्तावेजी साक्ष्य अमेरिकी अदालत को भेज दिए हैं। अमेरिकी कानून के अनुसार, प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अदालत के अनुमोदन के बाद पूरी की जा सकती है।
17 जुलाई को होने वाली सुनवाई में नेहल की ओर से जमानत की याचिका दाखिल की जा सकती है। लेकिन अमेरिकी अभियोजन पक्ष ने पहले ही संकेत दे दिया है कि वे इस याचिका का विरोध करेंगे, क्योंकि नेहल फ्लाइट रिस्क है यानी उसके फरार होने की संभावना है।
नीरव मोदी कहां है?
नीरव मोदी इस समय ब्रिटेन की जेल में बंद है और भारत को सौंपे जाने की प्रक्रिया में है। ब्रिटेन की अदालतों ने पहले ही नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के खतरे का हवाला देते हुए नीरव की ओर से अपील अदालत में मामला लंबित है। इस बीच, उसकी बहन पूर्वी मोदी मेहता और मामा मेहुल चोकसी पर भी अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है। पूर्वी मोदी भी इस घोटाले में वांछित है।