
दिल्ली की राजनीति में शनिवार को बड़ा भूचाल आया जब आम आदमी पार्टी (AAP) के 13 पार्षदों ने सामूहिक रूप से पार्टी से इस्तीफा देकर नया राजनीतिक मोर्चा बनाने का ऐलान कर दिया। इन बागी पार्षदों ने घोषणा की कि वे अब “इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी” (IVP) के बैनर तले राजधानी की राजनीति में नई शुरुआत करेंगे। पार्टी का नेतृत्व हेमचंद गोयल करेंगे, जबकि मुकेश गोयल को पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
इस घटनाक्रम ने दिल्ली नगर निगम (MCD) में आम आदमी पार्टी की स्थिति को कमजोर कर दिया है और एक नए राजनीतिक मोर्चे की शुरुआत का संकेत भी दे दिया है। इस्तीफा देने वाले पार्षदों ने AAP नेतृत्व पर विकास के वादे न निभाने, गठबंधन और संवाद की कमी, और स्थानीय स्तर पर कामकाज ठप होने का आरोप लगाया है।
बागी पार्षदों ने क्यों छोड़ा AAP?
इस्तीफा देने वाले पार्षदों ने आरोप लगाया कि AAP ने 2022 में किए गए वादों को पूरा नहीं किया। हिमानी जैन, जो कि इन बागियों में शामिल हैं, ने कहा: “हमने नई पार्टी बनाई है – इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी। हमने AAP से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि पिछले ढाई साल में निगम में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। हम सत्ता में थे, मगर फिर भी कुछ नहीं कर पाए। हमारी विचारधारा अब दिल्ली के वास्तविक विकास पर केंद्रित है।”
हिमानी जैन का यह बयान इस बात का संकेत है कि पार्टी में अंदरूनी असंतोष लंबे समय से पनप रहा था, जो अब सार्वजनिक रूप से फूट पड़ा है।
इस्तीफा देने वाले पार्षदों की सूची
- हेमचंद गोयल
- दिनेश भारद्वाज
- हिमानी जैन
- उषा शर्मा
- साहिब कुमार
- राखी कुमार
- अशोक पांडेय
- राजेश कुमार
- अनिल राणा
- देवेंद्र कुमार
सूत्रों की मानें तो अब तक 15 पार्षद इस्तीफा दे चुके हैं, और कुछ अन्य पार्षद भी जल्द ही इस नए मोर्चे से जुड़ सकते हैं। यदि यह संख्या बढ़ती है, तो MCD में AAP की स्थिति और भी डांवाडोल हो सकती है।
नई पार्टी का एजेंडा: “विकास, पारदर्शिता और जनता की भागीदारी”
इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी (IVP) ने अपने प्राथमिक एजेंडे में कहा है कि वह दिल्ली के स्थानीय विकास, वॉर्ड स्तर पर पारदर्शी प्रशासन, और जनता की सीधी भागीदारी को प्राथमिकता देगी। पार्टी अध्यक्ष मुकेश गोयल ने कहा: “दिल्ली की जनता ठगी गई है। निगम में बहुमत मिलने के बावजूद AAP नेतृत्व से न तो संवाद मिला और न ही कोई ठोस नीति। हम नई पार्टी बनाकर स्थानीय जनता की आवाज़ को वास्तविक मंच देने जा रहे हैं।”
AAP के लिए खतरे की घंटी
2022 में हुए MCD चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भाजपा से सत्ता छीनकर बहुमत प्राप्त किया था। लेकिन यह नया घटनाक्रम पार्टी के लिए राजनीतिक अस्थिरता और विधानसभा चुनावों से पहले साख पर असर डाल सकता है। MCD में पहले ही अधिकारियों और राजनीतिक नेतृत्व के बीच समन्वय की कमी की शिकायतें उठती रही हैं।
बागियों के इस्तीफे से यह संकेत मिलता है कि पार्टी के अंदरूनी लोकतंत्र और पारदर्शिता को लेकर भी गहरे सवाल उठाए जा रहे हैं। यदि यह विद्रोह और गहराता है, तो दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी की पकड़ कमजोर पड़ सकती है।