
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की ओर से बड़ा झटका लग सकता है। भारतीय क्रिकेट के तेजी से बढ़ते प्रभाव के बावजूद, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल की मेज़बानी भारत को नहीं मिल रही। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले तीन डब्ल्यूटीसी फाइनल भी इंग्लैंड में ही खेले जाएंगे, जिससे भारत को कम से कम 2029 तक इंतजार करना पड़ेगा।
BCCI लंबे समय से इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेज़बानी के लिए प्रयासरत है, लेकिन ICC की संभावित योजना के अनुसार, यह सपना फिलहाल अधूरा ही रह सकता है।
ICC की आगामी घोषणा: इंग्लैंड को लगातार तीसरी बार मेज़बानी
ब्रिटेन की प्रतिष्ठित मीडिया संस्था ‘द टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के अनुसार, ICC जुलाई 2025 में सिंगापुर में होने वाली अपनी एनुअल कॉन्फ्रेंस में इस बात की घोषणा कर सकता है कि 2025, 2027 और 2029 में होने वाले तीनों WTC फाइनल इंग्लैंड में ही खेले जाएंगे।
यदि यह निर्णय औपचारिक रूप से लागू होता है, तो भारत को WTC फाइनल की मेज़बानी के लिए 2031 से पहले का कोई मौका नहीं मिलेगा। यह BCCI के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासतौर पर तब, जब भारतीय क्रिकेट बोर्ड को विश्व क्रिकेट में सबसे ताकतवर इकाई माना जाता है।
अब तक इंग्लैंड ही WTC फाइनल की स्थायी मेज़बान
- पहला WTC फाइनल 2021 में साउथेम्प्टन में खेला गया, जिसमें न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर खिताब जीता।
- दूसरा फाइनल 2023 में द ओवल, लंदन में आयोजित हुआ, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया।
- तीसरा फाइनल, जो फिलहाल चल रहा है, लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच हो रहा है।
इन सभी आयोजनों से यह स्पष्ट है कि ICC WTC फाइनल्स को इंग्लैंड में आयोजित करना अपनी नीति का हिस्सा बना चुका है, जहां जून में होने वाले मैचों के लिए मौसम अपेक्षाकृत अनुकूल माना जाता है।
BCCI के प्रयास नाकाम: जय शाह के नेतृत्व में भी नहीं मिली सफलता
BCCI पिछले छह वर्षों से ICC से भारत में WTC फाइनल कराने की अनुमति मांगता आ रहा है। विशेष बात यह है कि बीसीसीआई के पूर्व सचिव जय शाह वर्तमान में ICC के चेयरपर्सन भी हैं। बावजूद इसके, भारत को इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेज़बानी नहीं सौंपी जा सकी है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह स्थिति क्रिकेट के प्रशासनिक संतुलन की ओर इशारा करती है, जिसमें ICC अब भी खेल के पारंपरिक केंद्रों — खासकर इंग्लैंड — को प्राथमिकता देता है।
ICC का रुख: इंग्लैंड क्यों?
ICC का तर्क है कि जून के महीने में WTC फाइनल कराने के लिए इंग्लैंड का मौसम और लॉजिस्टिक व्यवस्था सबसे उपयुक्त है। अधिकांश टेस्ट-खेलने वाले देशों की गर्मी की छुट्टियां भी इसी अवधि में होती हैं, जिससे खिलाड़ियों की उपलब्धता सुनिश्चित रहती है।
इसके अलावा, इंग्लैंड में स्थित लॉर्ड्स, ओवल, साउथेम्प्टन जैसे ऐतिहासिक ग्राउंड्स, टेस्ट क्रिकेट के लिए आदर्श माने जाते हैं। यहां की दर्शक संस्कृति और प्रशंसकों का टेस्ट क्रिकेट के प्रति लगाव भी आयोजकों को आकर्षित करता है।
भारत की मेज़बानी क्षमता पर कोई शक नहीं
भारत पिछले एक दशक में ICC वर्ल्ड कप 2011, टी20 वर्ल्ड कप 2016, और वनडे वर्ल्ड कप 2023 जैसे बड़े आयोजनों की सफल मेज़बानी कर चुका है। दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम, मुंबई का वानखेड़े, चेन्नई का चेपॉक, बेंगलुरु का चिन्नास्वामी जैसे आधुनिक और ऐतिहासिक स्टेडियम भारत में उपलब्ध हैं।
इसके बावजूद ICC द्वारा भारत को नजरअंदाज किया जाना न केवल BCCI के लिए एक झटका है, बल्कि यह इस बात पर भी सवाल खड़े करता है कि क्या ICC क्रिकेट की वैश्विकता को प्रोत्साहित करने के बजाय पारंपरिक ढांचे को बनाए रखना चाहती है।
क्रिकेट विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं
क्रिकेट विशेषज्ञ और पूर्व भारतीय खिलाड़ी संजय मांजरेकर का कहना है: “भारत में टेस्ट क्रिकेट का विशाल दर्शक वर्ग है। अगर WTC फाइनल जैसे मैच यहां होंगे तो यह न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद होगा बल्कि टेस्ट क्रिकेट के प्रचार में भी सहायक होगा।”
वहीं मशहूर कमेंटेटर हर्षा भोगले ने सोशल मीडिया पर लिखा: “WTC फाइनल को हर बार इंग्लैंड में ही कराना इसकी वैश्विकता के उद्देश्य के खिलाफ है। ICC को मेज़बानी को रोटेशनल फॉर्मेट में लाना चाहिए।”