
पंजाब को नशे की चपेट से बाहर निकालने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) ने शनिवार को ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ यात्रा की शुरुआत की। इस मुहिम की शुरुआत मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुआई में की गई। यात्रा की शुरुआत होशियारपुर और लुधियाना से हुई, जहां भारी जनसमूह की मौजूदगी में दोनों नेताओं ने नशे के खिलाफ अभियान को एक जनआंदोलन में बदलने का संकल्प लिया।
इस यात्रा के दौरान हजारों लोग इकट्ठा हुए और नेताओं की अगुवाई में नशा मुक्ति की शपथ ली। इस पहल में नशा छोड़ चुके लोगों ने मंच पर आकर अपनी प्रेरणादायक कहानियां साझा कीं, जो जनता के बीच जागरूकता और उम्मीद का संचार करती नजर आईं।
केजरीवाल ने बताया नशा “अभिशाप”, मुहिम को बताया ऐतिहासिक
कार्यक्रम के दौरान अरविंद केजरीवाल ने नशे को समाज का सबसे बड़ा अभिशाप करार दिया और कहा कि यह केवल एक सामाजिक समस्या नहीं, बल्कि पूरे राज्य की पीढ़ियों को तबाह करने वाला संकट है। उन्होंने कहा, “हमने ठाना है कि पंजाब के हर बच्चे को नशे से आज़ादी दिलाकर रहेंगे। ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ जैसी पहल की मिसाल आज तक देश में नहीं देखी गई है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अब सरकार और जनता मिलकर नशा तस्करी के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ रहे हैं। केजरीवाल ने दावा किया कि पंजाब में नशा तस्करी की सप्लाई चेन को बर्बाद किया गया है और अब पुनर्वास पर भी उतनी ही गंभीरता से काम हो रहा है।
“तीन करोड़ पंजाबियों की ताकत से 24 घंटे में खत्म हो सकता है नशा”
केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा कि अगर तीन करोड़ पंजाबी एकजुट होकर खड़े हो जाएं तो नशे का खात्मा महज 24 घंटे में संभव है। उन्होंने कहा, “कुछ मुट्ठीभर नशा तस्कर करोड़ों पंजाबियों की एकता के सामने टिक नहीं सकते। उन्हें ज़मीन के नीचे समा जाना होगा।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि आज जो गाँव पहले नशे के अड्डे माने जाते थे, वे अब धीरे-धीरे नशा मुक्त बन रहे हैं, और यह राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का नतीजा है।
सरकार की रणनीति: दोहरी नीति और युवाओं की भागीदारी
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार एक दोहरी रणनीति पर काम कर रही है—एक तरफ नशे की तस्करी पर कड़ी कार्रवाई और दूसरी तरफ युवाओं को रचनात्मक दिशा में मोड़ना। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को खेलों, नौकरियों और समाज सेवा की ओर प्रेरित कर रही है।
उन्होंने बताया कि अब तक 10 हजार नशा तस्करों को पकड़ा गया है, जिनमें 8500 बड़े तस्कर (बड़ी मछलियाँ) शामिल हैं। पहले जिन्हें राजनीतिक संरक्षण मिला करता था, आज वे जेल की सलाखों के पीछे हैं।
गांव-गांव तक ले जाया जाएगा अभियान
केजरीवाल ने घोषणा की कि ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ को जमीनी स्तर तक ले जाने के लिए पंजाब के 13,000 गांवों में विशेष बैठकें आयोजित की जाएंगी। इन बैठकों में लोगों को जागरूक किया जाएगा, और नशे के खिलाफ सामूहिक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी ऐलान किया कि हर गांव में खेलों के लिए एक-एक स्टेडियम का निर्माण होगा, जिससे युवाओं को व्यस्त और सक्रिय रखने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, राज्य के 3,000 बड़े गांवों में 3,000 जिम बनाए जाएंगे।
रोजगार और पुनर्वास की दिशा में कदम
केजरीवाल ने बताया कि अब तक पंजाब सरकार ने राज्य में युवाओं को 54,000 से अधिक सरकारी नौकरियां दी हैं और आगे की रणनीति के तहत हर गांव में रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नशे के शिकार युवाओं के पुनर्वास के लिए केंद्र बनाए जा रहे हैं, ताकि वे एक सम्मानजनक और सक्रिय जीवन जी सकें।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का संकल्प: युवाओं और जल को बचाना है लक्ष्य
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के भविष्य को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धताओं को दोहराया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है पंजाब के पानी और युवाओं को बचाना। इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।”
मान ने बताया कि राज्य सरकार ने योग्यता के आधार पर युवाओं को 54,000 से अधिक नौकरियां दी हैं, ताकि उन्हें प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास में भागीदार बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह एक नई शुरुआत है, और पंजाब को नशा मुक्त और आत्मनिर्भर बनाना सरकार का प्राथमिक लक्ष्य है।