
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में साइबर ठगों ने एक बार फिर तकनीक के माध्यम से दो नागरिकों को अपने जाल में फंसाया और उन्हें शेयर बाजार में निवेश के नाम पर 14 लाख रुपये से ज्यादा की चपत लगा दी। दोनों मामलों में ठगों ने सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए संपर्क कर पहले विश्वास जमाया और फिर मुनाफे का लालच देकर मोटी रकम ऐंठ ली। पुलिस ने दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पहला मामला: प्रेमनगर के युवक से 10.5 लाख की ठगी
पहला मामला देहरादून के प्रेमनगर थाना क्षेत्र का है, जहां पौंधा निवासी विकास कुमार नामक युवक को शेयर बाजार में निवेश के बहाने शातिर ठगों ने अपना शिकार बनाया। पीड़ित के अनुसार, उसे 20 फरवरी 2025 को एक अज्ञात व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ लिया गया था, जिसका नाम ‘Ask Financial Investment Learning Club-T903’ था। इस ग्रुप को ‘प्रिया शर्मा’ नाम की महिला संचालित कर रही थी।
विकास कुमार ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि ग्रुप में निवेश से जुड़े आकर्षक ऑफर और भारी लाभ के स्क्रीनशॉट साझा किए जाते थे। प्रिया शर्मा लगातार निवेश के लिए प्रेरित करती रही और आखिरकार युवक उसकी बातों में आ गया।
किस तरह फंसा जाल में
- 17 अप्रैल को विकास ने पहली बार 50,000 रुपये महिला द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर किए।
- इसके बाद 18 से 24 अप्रैल के बीच विभिन्न खातों में कुल 10 लाख रुपये और ट्रांसफर किए।
- कुल निवेश: ₹10.5 लाख
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर विकास को उसके निवेश पर ₹26 लाख का लाभ दिखाया गया। लेकिन जब उसने यह राशि निकालनी चाही, तो उसे कहा गया कि आईपीओ ट्रांजैक्शन पूरा करने के लिए और ₹21 लाख जमा कराने होंगे। यहीं पर विकास को धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
पुलिस की कार्रवाई
विकास की शिकायत पर प्रेमनगर थाने में प्रिया शर्मा और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। एसओ मोहन सिंह ने बताया कि साइबर सेल के सहयोग से मामले की गहराई से जांच की जा रही है। आरोपियों की डिजिटल गतिविधियों को ट्रैक किया जा रहा है और बैंक खातों का विवरण खंगाला जा रहा है।
दूसरा मामला: कोतवाली क्षेत्र के युवक से 3.8 लाख रुपये की ठगी
दूसरा मामला शहर कोतवाली थाना क्षेत्र का है, जहां धनंजय डोभाल नामक युवक को इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क कर निवेश का लालच देकर ठगा गया। पीड़ित ने बताया कि 9 फरवरी को उसे सोशल मीडिया ऐप इंस्टाग्राम पर एक मैसेज मिला जिसमें उसे ‘Ask In Investment’ नाम की कथित कंपनी का ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया।
इस ऐप को भी एक महिला प्रिया शर्मा द्वारा ही संचालित किया जा रहा था, जो पहली घटना की आरोपी है। महिला ने उसे भरोसा दिलाया कि यह एक प्रशिक्षित फाइनेंशियल लर्निंग प्लेटफॉर्म है और उसमें निवेश करने पर अच्छा लाभ मिलेगा।
ट्रांजैक्शन का विवरण
- 6 मार्च: ₹50,000
- 11 मार्च: ₹50,000
- 24 मार्च: ₹50,000
- 26 मार्च: ₹50,000
- 28 मार्च: ₹1.8 लाख
- कुल ठगी गई राशि: ₹3.8 लाख
निवेश के बाद जब धनंजय ने लाभ की रकम निकालने की कोशिश की, तो महिला ने कहा कि पहले उसे 15% GST जमा करना होगा। जब युवक ने मना किया, तो उसे ग्रुप से निकालने की धमकी दी गई। इसी के बाद उसे ठगी का एहसास हुआ।
पुलिस जांच जारी
शहर कोतवाल चंद्रभान सिंह अधिकारी ने बताया कि इस मामले में भी अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि यह गिरोह एक संगठित साइबर ठग नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है, जो देशभर में इसी तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। पुलिस टीम तकनीकी जांच और बैंक खातों की निगरानी के माध्यम से आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
साइबर अपराध की नई चुनौती
इन दोनों मामलों ने यह साफ कर दिया है कि साइबर ठग अब केवल बैंकिंग फ्रॉड या यूपीआई स्कैम तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने अब शेयर बाजार और निवेश जैसे क्षेत्रों को भी अपना जरिया बना लिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि लोग जल्दी लाभ के लालच में आकर बिना जांच-पड़ताल के अपने पैसे भेज देते हैं। ऐसे में जरूरी है कि निवेश से पहले कंपनी की वैधता, उसकी वेबसाइट, रजिस्ट्रेशन, और संपर्क विवरणों की जांच अवश्य की जाए।
पुलिस की अपील
देहरादून पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्हाट्सएप ग्रुप या सोशल मीडिया मैसेज पर भरोसा न करें। यदि कोई निवेश संबंधी जानकारी मिले तो पहले उसकी पूरी पुष्टि करें और फिर ही कोई निर्णय लें। पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर मिलने वाले ऐप्स को बिना सोचे-समझे डाउनलोड करना बहुत खतरनाक हो सकता है।