दिल्ली के रोहिणी के प्रशांत विहार इलाके में स्थित सीआरपीएफ के स्कूल के पास रविवार को एक धमाका हुआ। इस घटना के बाद घटनास्थल पर धुएं के गुब्बार उठते हुए देखे गए। धमाके के तुरंत बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई, और फ़ॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की टीम भी घटनास्थल पर मौजूद है। दिल्ली पुलिस ने एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है और इसे जल्द ही स्पेशल सेल को ट्रांसफर किया जाएगा।
घटनास्थल की स्थिति
घटना के तुरंत बाद, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके को कोर्डन ऑफ कर दिया और घटनास्थल की मैपिंग शुरू कर दी। पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और स्थानीय लोगों को वहाँ से दूर रहने की सलाह दी गई है। सीआरपीएफ, एनआईए, और एनएसजी ब्लास्ट की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं, जो इस मामले की जांच कर रही हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक घटनास्थल से कुछ महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। एफएसएल की टीम को कुछ तारों जैसी चीजें मिली हैं, साथ ही मौके पर सफेद पाउडर भी पाया गया है। इस पाउडर का सैंपल सभी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लिया गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह किस प्रकार का पदार्थ है और इसका धमाके से क्या संबंध है।
CCTV फुटेज की जांच
पुलिस ने आस-पास की दुकानों के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच शुरू कर दी है। इससे उन्हें यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि धमाके के समय वहाँ कौन मौजूद था और क्या किसी संदिग्ध गतिविधि का पता चल सकता है। इस प्रकार की तकनीकी जांचें इस तरह के मामलों में बहुत महत्वपूर्ण होती हैं, ताकि जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान की जा सके।
डॉग स्क्वायड की भूमिका
इस मामले में डॉग स्क्वायड भी सक्रिय है। विशेष रूप से, कॉकर स्पैनियल डॉग का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो बमों की पहचान करने में विशेष दक्षता रखते हैं। इन डॉग की गंध पहचानने की क्षमता बहुत अधिक होती है, और ये मौके पर किसी भी संभावित विस्फोटक सामग्री की पहचान करने में मदद कर सकते हैं।
मौके पर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेट की टीम
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल टीम भी मौके पर मौजूद है. सूत्रों के मुताबिक ब्लास्ट की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास की गाड़ियों के शीशे भी टूट गए हैं. सीआरपीएफ के स्कूल की दीवार के आसपास कुछ दुकानें भी हैं और हो सकता है कि सिलेंडर में ब्लास्ट हुआ हो लेकिन अभी तक कुछ भी स्पष्ट सामने नहीं हुआ है.