
पंजाब में एक ओर जहां नशे के खिलाफ राज्य सरकार युद्ध स्तर पर अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर सीमावर्ती इलाकों से नशा तस्करी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी बीच अमृतसर पुलिस ने नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 किलो से ज्यादा हेरोइन के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इसे मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा चलाए जा रहे “ड्रग फ्री पंजाब” अभियान की एक बड़ी कामयाबी बताया है।
अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार तीनों तस्कर तरनतारन जिले के रहने वाले हैं और इनका संबंध सीमापार ड्रग तस्करी रैकेट से माना जा रहा है। पुलिस ने तस्करों के कब्जे से 10 किलो 248 ग्राम हेरोइन बरामद की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री के अभियान को मिली अहम सफलता
पुलिस कमिश्नर भुल्लर ने बताया, “ड्रग्स के खिलाफ मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा चलाए जा रहे राज्यव्यापी अभियान के तहत कमिश्नरेट पुलिस को यह एक बहुत बड़ी सफलता मिली है। यह न केवल तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि आने वाले समय में इस तरह की तस्करी की गतिविधियों को हतोत्साहित भी करेगा।”
गौरतलब है कि भगवंत मान सरकार ने 31 मई 2025 तक राज्य को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए मंत्रियों, विधायकों और सरकारी अधिकारियों द्वारा नशा विरोधी यात्राएं और कार्यक्रम राज्य भर में चलाए जा रहे हैं।
पाकिस्तान बॉर्डर बना चुनौती
पंजाब की भौगोलिक स्थिति, विशेषकर पाकिस्तान के साथ सटी लगभग 553 किलोमीटर लंबी सीमा, राज्य में नशा तस्करी के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बनी हुई है। सीमा पार से ड्रोन, सुरंगों और अन्य आधुनिक तरीकों से नशे की खेप लगातार पंजाब में भेजी जा रही है। अमृतसर, तरनतारन, फाजिल्का और गुरदासपुर जैसे जिले ड्रग तस्करी के हॉटस्पॉट माने जाते हैं।
तरनतारन से ताल्लुक रखने वाले तीनों गिरफ्तार तस्करों का नाम पुलिस ने अभी सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन उनके बारे में बताया गया है कि वे पहले भी नशे के मामलों में संलिप्त रहे हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि इनका नेटवर्क सीमापार बैठे तस्करों से जुड़ा हो सकता है।
पुलिस की सतर्कता से बड़ी खेप जब्त
पुलिस कमिश्नर भुल्लर ने बताया कि इस पूरी कार्रवाई को गुप्त सूचना के आधार पर अंजाम दिया गया। सूचना मिलने पर विशेष टीम ने निगरानी बढ़ाई और एक सुनियोजित तरीके से तस्करों को धर दबोचा।
“हम लगातार सीमावर्ती क्षेत्रों पर नजर बनाए हुए हैं। ड्रग्स की इस खेप को जब्त कर हमनें एक बड़ी तस्करी की योजना को विफल किया है। जांच एजेंसियां अब यह भी पता लगाने में जुटी हैं कि इस खेप को कहां से लाया गया और इसका अगला गंतव्य क्या था,” उन्होंने कहा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों में
पुलिस के मुताबिक बरामद की गई 10.248 किलो हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। यह नशे की खेप यदि बाजार में पहुंच जाती, तो इससे न केवल हजारों युवाओं का जीवन बर्बाद होता, बल्कि तस्करी नेटवर्क और भी मजबूत हो सकता था।