
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 का सीज़न राजस्थान रॉयल्स के लिए भले ही एक निराशाजनक सफर रहा हो, लेकिन इस टीम ने एक ऐसी खोज की है, जो आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा बन सकता है। हम बात कर रहे हैं वैभव सूर्यवंशी की—एक युवा बल्लेबाज, जिसने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और निर्भीक रवैये से इस सीजन सभी को प्रभावित किया।
सात पारियों में बनाए गए 252 रन, कई यादगार स्ट्रोक्स और मैदान के चारों ओर लगने वाले आक्रामक छक्के—ये सब वैभव सूर्यवंशी को खास बनाते हैं। केवल 19 साल की उम्र में इस तरह की परिपक्वता और आत्मविश्वास किसी भी खिलाड़ी को भविष्य का सितारा बनने की राह पर ले जाता है।
कोच अशोक कुमार का दावा: “वो भारत के लिए खेलेगा”
बिहार अंडर-19 और सीनियर टीम में वैभव सूर्यवंशी के कोच अशोक कुमार ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, “मुझे पूरा यकीन है कि बीसीसीआई उन्हें आने वाले दो सालों में सीनियर टी-20 टीम में मौका देगा। अगर वह अपनी फिटनेस और फील्डिंग पर लगातार मेहनत करता रहा, तो उसका भारत के लिए खेलना तय है।”
अशोक कुमार ने आगे कहा, “टीम इंडिया की मौजूदा टी-20 लाइनअप में दो से चार खिलाड़ियों को छोड़ दें, तो बाकी सभी 25 साल या उससे कम उम्र के हैं। ऐसे में वैभव जैसे टैलेंटेड युवा खिलाड़ियों के लिए दरवाजे खुले हैं।”
इंग्लैंड दौरे से होगी असली परीक्षा
भारत की अंडर-19 टीम जल्द ही इंग्लैंड का दौरा करने वाली है, जहां टीम को एक 50 ओवर का अभ्यास मैच, पांच एकदिवसीय मैच, और दो बहु-दिवसीय मुकाबले खेलने हैं। वैभव सूर्यवंशी के लिए यह दौरा खास है क्योंकि यह उनका पहला विदेशी दौरा होगा और वह भी इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण पिचों पर।
अशोक कुमार का मानना है कि यह दौरा वैभव के लिए न केवल एक अनुभव होगा, बल्कि वह वहां और भी बेहतर प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा, “आईपीएल में उसने जो प्रदर्शन किया, वह तो बस एक झलक थी। इंग्लैंड में वह अपने असली कौशल का प्रदर्शन करेगा। हमने बिहार अंडर-19 में जो कुछ भी देखा, वह अब देश को दिखेगा।”
बचपन से ही आक्रामक, लेकिन स्मार्ट सोच वाला खिलाड़ी
वैभव की बल्लेबाजी शैली को लेकर कई लोग उन्हें ‘आक्रामक बल्लेबाज’ के तौर पर जानते हैं। लेकिन कोच अशोक कुमार इससे थोड़ा हटकर सोचते हैं। “बहुत से लोग कहते हैं कि वैभव बस आक्रामक है, लेकिन असलियत ये है कि वह परिस्थिति के अनुसार खुद को ढालना जानता है। यही उसकी सबसे बड़ी ताकत है,” उन्होंने बताया।
कोच के अनुसार, वैभव का क्रिकेटिंग रवैया हमेशा से ही पेशेवर खिलाड़ियों जैसा रहा है। “उसका खेलने का इरादा, उसकी सोच और मैदान पर उसका आत्मविश्वास उसे भीड़ से अलग करता है,” अशोक ने कहा।
आत्मविश्वास से लबरेज़—“सर, मैं इंडिया खेल के ही रहूंगा”
संवाद के दौरान कोच अशोक कुमार ने एक भावुक किस्सा साझा किया। उन्होंने कहा, “अब वैभव पहले से कहीं ज्यादा आत्मविश्वास से भरा हुआ है। वह अक्सर मुझसे कहता है—‘सर, मैं इंडिया खेल के ही रहूंगा।’ यही दृढ़ निश्चय उसे और मजबूत बनाता है। यह देखकर हमें गर्व होता है कि बिहार से ऐसा बच्चा निकला है।”
पिछले प्रदर्शन का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार
वैभव का ट्रैक रिकॉर्ड बीते एक साल में शानदार रहा है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया सीरीज में भारत अंडर-19 टीम के लिए खेलते हुए 58 गेंदों में शतक जड़ा था, फिर अंडर-19 एशिया कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और अब वह इंग्लैंड दौरे के लिए चुने गए हैं।
कोच ने यह भी बताया कि जब वैभव इंग्लैंड से लौटेगा, तो संभावना है कि उसका नाम दलीप ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी जैसी प्रमुख घरेलू प्रतियोगिताओं के लिए भेजा जाए।
राजस्थान रॉयल्स ने दिया मंच, लेकिन कहानी अब शुरू हुई है
आईपीएल 2025 में भले ही राजस्थान रॉयल्स प्लेऑफ तक न पहुंच सकी, लेकिन टीम ने युवा प्रतिभाओं को मौका देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वैभव सूर्यवंशी को सात मैचों में खेलने का मौका मिला और उन्होंने मौके को दोनों हाथों से लपक लिया।
पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने कहा, “वैभव में वीरेंद्र सहवाग जैसी आक्रामकता और केएल राहुल जैसी तकनीकी समझ है। अगर वह इसी तरह निरंतरता से खेलता रहा, तो 2026 या 2027 तक वह टीम इंडिया का हिस्सा बन सकता है।”
बीसीसीआई की नजर भी टैलेंट पर
बीसीसीआई का हालिया फोकस युवा खिलाड़ियों पर रहा है। चयन समिति अब 19 से 24 साल की उम्र के खिलाड़ियों को प्राथमिकता दे रही है, जो भविष्य में विश्व कप योजनाओं का हिस्सा बन सकें। वैभव सूर्यवंशी की हालिया फॉर्म और मानसिक दृढ़ता ने उन्हें चयनकर्ताओं की नजरों में ला खड़ा किया है।