
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बुधवार को तड़के उनके अमृतसर स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी उस एफआईआर के तहत की गई है, जिसमें उन पर आमदनी से अधिक संपत्ति, ड्रग मनी के इस्तेमाल और हवाला नेटवर्क के जरिए अवैध लेनदेन जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं। मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने 540 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति के साक्ष्य जुटाए हैं।
सुबह तड़के पहुंची विजिलेंस की टीम
गिरफ्तारी का यह ऑपरेशन पूरी तरह गोपनीय तरीके से अंजाम दिया गया। बुधवार सुबह करीब 6:30 बजे, विजिलेंस टीम ने अमृतसर के ग्रीन एवेन्यू स्थित बिक्रम मजीठिया के घर पर दस्तक दी। शुरुआती कुछ घंटों तक टीम ने घर की तलाशी और पूछताछ की कार्रवाई की। इसी दौरान मजीठिया से उनकी संपत्तियों, कंपनियों और लेनदेन से जुड़ी जानकारियों पर जवाब मांगे गए।
सुबह 10 बजे, विजिलेंस की एक अन्य टीम मजीठिया की पत्नी और विधायक गनीव कौर के आवास पर भी पहुंची और वहां तलाशी अभियान चलाया गया। साढ़े बारह बजे तक कार्रवाई जारी रही और फिर मजीठिया को हिरासत में ले लिया गया। शाम 4:44 बजे, विजिलेंस ने उनके खिलाफ औपचारिक एफआईआर दर्ज कर दी।
540 करोड़ की संपत्ति और ड्रग मनी के सबूत
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि मजीठिया के खिलाफ मोहाली विजिलेंस थाने में आमदनी से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया गया है। जांच के दौरान एसआईटी को ऐसे पुख्ता साक्ष्य मिले हैं, जो मजीठिया की कंपनियों में ड्रग मनी के इस्तेमाल, हवाला के ज़रिए लेनदेन, और बिना वैध स्रोत के संपत्ति अर्जित करने की पुष्टि करते हैं।
प्रवक्ता के अनुसार, मजीठिया की ओर से 540 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बनाई गई है, जो मंत्री बनने से पहले की संपत्ति की तुलना में कई गुना अधिक है। इन संपत्तियों का कोई वैध स्रोत मजीठिया या उनकी पत्नी गनीव कौर नहीं बता सके हैं।
बैंक खातों में बेहिसाबी नकदी और हवाला ट्रांजैक्शन
विजिलेंस ब्यूरो द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि मजीठिया के नियंत्रण वाली कंपनियों, खासकर सराया इंडस्ट्रीज, के बैंक खातों में 161 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी जमा की गई है। इस राशि को मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग मनी के रूप में देखा जा रहा है।
साथ ही, विदेशी संस्थाओं के माध्यम से की गई 141 करोड़ रुपये की संदिग्ध ट्रांजैक्शन की भी पुष्टि हुई है। मजीठिया की कंपनियों के वित्तीय विवरणों में बिना किसी स्पष्टीकरण के 236 करोड़ रुपये की अतिरिक्त जमा राशि मिली है।
यह सारे तथ्य इस ओर इशारा करते हैं कि मजीठिया की कंपनियां मादक पदार्थों की कमाई को वैध दिखाने के लिए एक फर्जी वित्तीय तंत्र के रूप में इस्तेमाल की जा रही थीं।
चल और अचल संपत्तियों में बेतहाशा बढ़ोतरी
विजिलेंस की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बिक्रम मजीठिया और उनकी पत्नी गनीव कौर के नाम पर बड़ी संख्या में चल और अचल संपत्तियां हैं। जिनमें फार्म हाउस, लग्जरी वाहन, विदेशी निवेश और कई औद्योगिक संपत्तियां शामिल हैं। इनमें से अधिकतर की वैध खरीद प्रक्रिया का कोई दस्तावेज नहीं मिला है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, “यह सभी संपत्तियां मंत्री रहते हुए सत्ता का दुरुपयोग कर बनाई गईं। एक आम व्यक्ति के लिए इतने कम समय में इस स्तर की संपत्ति अर्जित करना असंभव है, जब तक कि वह किसी अवैध धंधे से जुड़ा न हो।”
विजिलेंस ने क्या-क्या बरामद किया?
अभी तक की तलाशी और छापेमारी में विजिलेंस ब्यूरो ने:
- 161 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी के सबूत,
- कंपनी खातों में संदिग्ध जमा राशि,
- अघोषित चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज,
- और विदेशी ट्रांजैक्शन की रसीदें जब्त की हैं।
इन साक्ष्यों के आधार पर मजीठिया पर NDPS एक्ट, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और हवाला लेनदेन से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।