देहरादून: उत्तराखंड में होने वाले आगामी निकाय चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया को गति देना शुरू कर दिया है। मंगलवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में कुमाऊं मंडल और रुद्रप्रयाग व चमोली जिलों के कुल 57 निकायों में मेयर और अध्यक्ष पद के लिए दावेदारों के नामों पर गंभीर विचार विमर्श किया गया। इस चर्चा में विभिन्न पर्यवेक्षकों के माध्यम से तैयार किए गए नामों पर विस्तार से विचार किया गया और अंत में प्रत्येक निकाय के लिए तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया गया।
171 नामों पर हुई चर्चा, केंद्रीय चुनाव समिति से मंजूरी का इंतजार
चुनाव समिति की बैठक में कुल 57 निकायों के लिए 171 दावेदारों के नामों पर विचार किया गया। पार्टी ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किस दावेदार की सक्रियता और लोकप्रियता क्षेत्र में कितनी है, ताकि आगामी चुनावों में जीत सुनिश्चित हो सके। इन नामों को अब प्रदेश चुनाव समिति के समक्ष रखा जाएगा, जहां पर अंतिम रूप से प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की उपस्थिति में हुई इस बैठक में कुमाऊं के आठ सांगठनिक जिलों के अलावा रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के निकायों के दावेदारों के नामों पर सिलसिलेवार चर्चा की गई। खासकर हल्द्वानी नगर निगम में मेयर पद के आरक्षण में बदलाव के बाद वहां के दावेदारों के नामों पर विशेष चर्चा की गई। बैठक में हल्द्वानी के मेयर पद के लिए जोगेंद्र रौतेला, गजराज बिष्ट, प्रमोद तोलिया, प्रकाश हरबोला और कौस्तुभानंद जोशी के नामों पर विचार किया गया।
सक्रियता और लोकप्रियता को आधार बनाकर चयन
बैठक में पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने जानकारी दी कि सभी दावेदारों के नामों पर चर्चा के दौरान मुख्य ध्यान उनकी सामाजिक सक्रियता, जनप्रियता और स्थानीय स्तर पर उनकी पहुंच पर रखा गया। पार्टी ने यह सुनिश्चित किया कि जिन दावेदारों को टिकट दिया जाएगा, वे न केवल पार्टी के प्रति वफादार हों, बल्कि स्थानीय जनता में भी अच्छी खासी पहचान रखते हों।
प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार के साथ-साथ जिलावार पर्यवेक्षकों, जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारी और विधायकों के साथ विमर्श किया गया। इस विमर्श में विभिन्न निकाय क्षेत्रों में हुई रायशुमारी से सामने आए नामों पर विचार किया गया और उनके आधार पर अंतिम चयन की प्रक्रिया की गई।
बैठक में महापौर, पालिकाध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष के शीर्ष तीन नामों का पैनल तैयार कर लिया गया है। यह पैनल प्रदेश चुनाव संचालन समिति के सामने रखा जाएगा, जिसके बाद इन नामों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
चुनाव संचालन समिति की भूमिका
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पार्टी ने हर निकाय क्षेत्र के लिए चुनाव संचालन समिति बना दी है, जो आगामी दिनों में प्रत्याशियों के चयन के लिए मार्गदर्शन करेगी। इन समितियों के सदस्य उन दावेदारों के नामों पर सहमति देंगे, जिनका चयन होगा।
उन्होंने कहा कि चुनाव संचालन समिति के सदस्य आगामी चुनाव प्रचार अभियान के लिए भी रणनीति बनाएंगे और चुनावी प्रचार में एकजुटता के लिए काम करेंगे।
गढ़वाल मंडल में पैनल तैयार करने की प्रक्रिया
प्रदेश भाजपा ने कुमाऊं मंडल और रुद्रप्रयाग व चमोली जिलों में हुए पैनल चयन की प्रक्रिया के बाद गढ़वाल मंडल के शेष जिलों के लिए भी प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया। बुधवार को गढ़वाल मंडल के जिलों के पर्यवेक्षकों से मुलाकात कर वहां के निकायों के पैनल तैयार किए जाएंगे।
इससे पहले कुमाऊं मंडल के आठ जिलों के अलावा रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में विभिन्न दावेदारों के नामों पर चर्चा की गई थी। पार्टी ने हर स्तर पर यह सुनिश्चित किया कि हर उम्मीदवार का चयन सटीक मापदंडों के तहत किया जाए, ताकि चुनावी मैदान में भाजपा को मजबूती मिले।
होटल और चुनाव प्रचार की तैयारी
भा.ज.पा. के नेतृत्व में चुनावी तैयारियां और प्रचार का काम भी जोरों से चल रहा है। पार्टी ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा के बाद तुरंत चुनाव प्रचार शुरू करने की योजना बनाई है। विभिन्न जिलों में तैयार किए गए पैनल के आधार पर उम्मीदवारों को चुनावी प्रचार की जिम्मेदारी दी जाएगी।
पार्टी नेताओं ने इस बात की भी पुष्टि की कि पार्टी की सभी चुनावी गतिविधियां पूरी तरह से पार्टी के नियमों और आचार संहिता के तहत संचालित की जाएंगी। इससे पार्टी की प्रचार मुहिम में कोई रुकावट नहीं आएगी और चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहेगी।
केंद्रीय चुनाव समिति से अंतिम मंजूरी
अब इन सभी पैनलों को प्रदेश चुनाव समिति के सामने प्रस्तुत किया जाएगा, जो अंतिम चयन के बाद इन नामों पर सहमति देगी। इसके बाद मेयर के पद के लिए चुने गए दावेदारों के नाम केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेजे जाएंगे, जहां अंतिम रूप से प्रत्याशियों की मंजूरी ली जाएगी।
इस प्रक्रिया के बाद पार्टी अपनी घोषणा कर चुनाव प्रचार की दिशा तय करेगी। भाजपा का लक्ष्य इन निकाय चुनावों में सफलता प्राप्त करना है, और पार्टी इस चुनाव को अपनी ताकत को साबित करने का एक अवसर मानती है।