
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में शानदार जीत हासिल की है जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम भाजपा मुख्यालय पहुंचे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से संबोधित करते हुए कहा कि यह “महाविजय का उत्सव” है। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में सुशासन की विजय हुई है और विभाजनकारी नीतियों की पराजय हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र ने एक बार फिर से भाजपा पर विश्वास जताया है और इसके साथ ही, इस राज्य ने ‘विकसित भारत’ की दिशा में अपने संकल्प को मजबूत किया है। मोदी ने कहा, “महाराष्ट्र में आज विकासवाद और सुशासन की जीत हुई है, और झूठ, छल, फरेब की बुरी तरह हार हुई है।”
प्रधानमंत्री ने जनादेश को विकास के प्रति विश्वास बताया
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के चुनावों के परिणाम के साथ-साथ, देश के अन्य राज्यों में हुए उपचुनावों के परिणाम भी भाजपा के पक्ष में रहे हैं। “उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में भाजपा को प्रचंड समर्थन मिला है। असम, मध्य प्रदेश और बिहार में भी एनडीए को सफलता प्राप्त हुई है,” मोदी ने कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र ने न केवल भाजपा को सफलता दी है, बल्कि देश के विकास के लिए एक मजबूत संदेश दिया है। “यह दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है,” प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी की।
‘जनता ने सुशासन के मॉडल पर जताया विश्वास’
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी याद दिलाया कि महाराष्ट्र भाजपा का छठा राज्य बन चुका है जहां लगातार तीन बार पार्टी को जनादेश मिला है। इससे पहले, भाजपा को गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा और मध्य प्रदेश में भी लगातार तीन बार जीत मिली है। उन्होंने कहा, “यह जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है।”
महाराष्ट्र में पार्टी की लगातार सफलता को मोदी ने जनता के भरोसे और भाजपा की विकासवादी नीतियों के प्रति समर्थन के रूप में देखा। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि इस विश्वास को बनाए रखने में वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
‘विभाजनकारी ताकतों की हार, एकजुटता की जीत’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि महाराष्ट्र में विभाजनकारी ताकतों को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा, “आज महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है, वहीं झूठ, छल, फरेब और विभाजनकारी राजनीति की हार हुई है।” मोदी ने यह भी जोड़ा कि परिवारवाद और नकारात्मक राजनीति की पराजय हुई है, और आज भारत के लोग विकास, सुशासन और समाज की एकजुटता की दिशा में बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के नारे को एक अहम संदेश के रूप में प्रस्तुत किया, जिसे हरियाणा और अब महाराष्ट्र के चुनावों में लोगों ने अपनाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस और उसके पारिस्थितिकी तंत्र ने सोचा था कि संविधान और आरक्षण के नाम पर लोगों को बांटकर अपनी राजनीति कर सकेंगे, लेकिन महाराष्ट्र ने इस साजिश को नकार दिया है।”
भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा का उत्साहपूर्ण संदेश
प्रधानमंत्री मोदी से पहले भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और समर्थकों को संबोधित किया। उन्होंने महाराष्ट्र और देश के अन्य राज्यों में भाजपा की जीत को ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण बताया। नड्डा ने कहा, “यह विशेष दिन है, क्योंकि महाराष्ट्र और अन्य उपचुनावों में जनता ने प्रधानमंत्री मोदी की नीति और कार्यों को फिर से मंजूरी दी है।”
नड्डा ने आगे कहा कि यह जीत मोदी सरकार के ‘विकासवाद’ के प्रति जनता के भरोसे का प्रतीक है। उन्होंने विशेष रूप से उन तत्वों की हार की ओर इशारा किया जो समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे थे। “जो लोग समाज को बांटने में लगे थे, जिन्होंने जनता को गुमराह करने का प्रयास किया, उन्हें मुंह की खानी पड़ी है। मोदी जी के विकासवादी दृष्टिकोण को देश ने फिर से सराहा है,” नड्डा ने कहा।
झारखंड के विकास पर मोदी का ध्यान
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में झारखंड की जनता का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि राज्य के तेज विकास के लिए भाजपा और उसके कार्यकर्ता अब और भी अधिक मेहनत से काम करेंगे। “हम झारखंड की जनता के प्रति प्रतिबद्ध हैं और राज्य के समग्र विकास के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।