
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी की एक अहम बैठक मुख्यमंत्री आवास पर संपन्न हुई। इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के साथ राज्य की संगठनात्मक स्थिति, विकास योजनाओं, पंचायत चुनावों और आगामी कार्ययोजनाओं को लेकर गहन चर्चा की।
इस महत्वपूर्ण बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट और प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार भी मौजूद रहे। यह बैठक आगामी चुनावी और सांगठनिक चुनौतियों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व पर जताया संतोष
बैठक की शुरुआत में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों और सुशासन की सराहना की। उन्होंने राज्य में चल रही योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और जमीनी स्तर पर जनता तक लाभ पहुंचाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को “सराहनीय” बताया।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर राज्य में चल रही प्रमुख योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, उत्तराखंड उद्यमिता प्रोत्साहन योजना, महिला कल्याण मिशन, सड़क व स्वास्थ्य परियोजनाएं आदि की प्रगति पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में विकास और जनकल्याण की पंचधारा — सड़क, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार — को प्राथमिकता दे रही है।
संगठनात्मक समीक्षा और पुनर्गठन पर विशेष जोर
बैठक का एक महत्वपूर्ण पहलू भाजपा संगठन की आंतरिक समीक्षा और भविष्य की रणनीति रहा। शिव प्रकाश ने प्रदेश नेतृत्व के साथ मिलकर संगठन की मौजूदा संरचना की गहन समीक्षा की और सुझाव दिया कि पार्टी की सांगठनिक इकाइयों को और अधिक अनुशासित, प्रभावशाली और जमीनी स्तर से जुड़ा हुआ बनाया जाए।
बैठक में यह तय किया गया कि निकट भविष्य में प्रदेश व जिला स्तर पर संगठनात्मक इकाइयों का पुनर्गठन किया जाएगा। इसके लिए एक प्रशिक्षण और मूल्यांकन तंत्र भी तैयार किया जाएगा, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं की क्षमताओं और जनसंपर्क कौशल को बेहतर किया जा सके।
प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार ने बताया कि पार्टी की आगामी कार्ययोजनाएं पूरी तरह से बूथ स्तर पर कार्यकर्ता सक्रियता और संवाद बढ़ाने के उद्देश्य पर केंद्रित होंगी।
सांसदों-विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग की तैयारी
बैठक में सितंबर 2025 में प्रस्तावित सांसदों और विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग की तैयारी पर विशेष चर्चा हुई। यह प्रशिक्षण वर्ग न केवल राजनीतिक-सांगठनिक प्रशिक्षण, बल्कि विकास योजनाओं की जानकारी, जनसंपर्क कौशल और नीति-निर्माण के आयामों पर केंद्रित होगा।
शिव प्रकाश ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण शिविर कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों को राजनीतिक दृष्टि, वैचारिक स्पष्टता और प्रशासनिक समझ देने में मदद करते हैं, जिससे वे जनता के बीच और अधिक प्रभावशाली भूमिका निभा सकें। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि प्रशिक्षण वर्ग में वरिष्ठ नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों और नीति विशेषज्ञों के व्याख्यान भी आयोजित किए जाएंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर प्रभावी नेतृत्व तैयार हो सके।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की समीक्षा
राज्य में वर्तमान में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर भी बैठक में विस्तृत चर्चा हुई। पहले चरण की प्रगति की समीक्षा की गई और द्वितीय चरण की रणनीति पर विशेष मंथन किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि पंचायत चुनावों में पार्टी की अच्छी स्थिति बनी हुई है, लेकिन अब दूसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं की सक्रियता, महिला भागीदारी और युवा नेतृत्व पर अधिक ध्यान देना होगा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पंचायत चुनावों में स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाई जाए, जिससे जनता में सरकार के प्रति विश्वास और मजबूत हो।
जनसंपर्क अभियान और कार्यकर्ता सक्रियता पर बल
भाजपा के लिए संगठन की रीढ़ माने जाने वाले बूथ कार्यकर्ताओं की भूमिका को और अधिक सशक्त करने के लिए, बैठक में जनसंपर्क अभियानों को तीव्र करने पर विशेष बल दिया गया। शिव प्रकाश ने सुझाव दिया कि पार्टी कार्यकर्ता “हर घर संपर्क” और “नमो ऐप” जैसी डिजिटल पहल के जरिए जनता से सीधे संवाद करें। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म आज के समय में न केवल प्रचार का माध्यम हैं, बल्कि जनमत को प्रभावित करने वाले सबसे प्रभावशाली उपकरण भी हैं। मुख्यमंत्री धामी ने भी सहमति जताते हुए कहा कि राज्य में “विकास संवाद” कार्यक्रम की तर्ज पर पार्टी भी “कार्यकर्ता संवाद” जैसे कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिससे जमीनी कार्यकर्ता सीधे राज्य नेतृत्व से जुड़ सकें।
राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री का मार्गदर्शन
बैठक के अंत में शिव प्रकाश ने प्रदेश नेतृत्व को आश्वस्त किया कि राष्ट्रीय नेतृत्व उत्तराखंड को लेकर विशेष रूप से उत्साहित और प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 2027 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए अभी से संगठनात्मक तैयारी को गति देना आवश्यक है।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पार्टी कार्यकर्ता केवल चुनावों के समय नहीं, बल्कि समय-समय पर सेवा, जनसंपर्क, सामाजिक पहल आदि में सक्रिय रहकर जनता के साथ विश्वास का रिश्ता बनाए रखें।