
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के मेधावी छात्रों को प्रशासनिक अनुभव प्रदान करने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो अहम योजनाओं की घोषणा की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के टॉपर्स को “एक दिन का जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक” बनाए जाने की योजना की घोषणा की है। साथ ही राज्य की नदियों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए ‘नदी उत्सव’ आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रदेश भर के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में शीघ्र पत्र भेजा जाए। इसके लिए शासन स्तर पर एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इस निर्णय का उद्देश्य न केवल टॉप करने वाले छात्रों को सम्मानित करना है, बल्कि उन्हें प्रशासनिक जिम्मेदारियों से भी परिचित कराना है।
मेधावी छात्रों के लिए ‘एक दिन का डीएम-एसपी’ योजना
इस योजना के अंतर्गत उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को उनके संबंधित जनपद में एक दिन के लिए जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में कार्य करने का अवसर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “यह योजना छात्रों में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास करेगी। इससे उन्हें प्रशासनिक प्रक्रिया की व्यावहारिक जानकारी मिलेगी, जो उनके करियर के लिए प्रेरणास्पद साबित होगी।”
यह योजना निकट भविष्य में सभी जिलों में लागू की जाएगी। इसमें बोर्ड टॉपर्स को उनके जिले में सम्मानपूर्वक बुलाकर डीएम और एसपी की कुर्सी पर बैठाया जाएगा। वे दिनभर अपने दायित्वों का अनुभव लेंगे, विभागीय बैठकों में भाग लेंगे और नागरिकों से संवाद करेंगे।
यह पहल न केवल छात्रों में प्रशासनिक जागरूकता और आत्मबल को बढ़ाएगी, बल्कि उन्हें भविष्य में सिविल सर्विसेज, प्रशासनिक सेवा और अन्य उच्च पदों की ओर प्रेरित भी करेगी। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रयोगात्मक सीख छात्रों को किताबों से परे जाकर असली जीवन की जटिलताओं को समझने का अवसर देगा।
‘नदी उत्सव’ : नदियों के लिए जनआंदोलन की शुरुआत
मुख्यमंत्री धामी ने इसके साथ ही राज्य की प्रमुख नदियों के नाम पर ‘नदी उत्सव’ आयोजित करने के भी निर्देश दिए हैं। यह उत्सव जनसहभागिता के माध्यम से आयोजित होंगे, जिनका उद्देश्य नदियों की सफाई, स्वच्छता, पुनर्जीवन और संरक्षण को एक जन अभियान का रूप देना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रदेश की नदियां केवल जलस्रोत नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और जीवनशैली का हिस्सा हैं। इनका संरक्षण करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।”
‘नदी उत्सव’ में विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इसमें स्कूली बच्चों, कॉलेज के छात्रों, स्वयंसेवी संगठनों, एनजीओ और स्थानीय जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। नदियों की स्वच्छता के साथ-साथ इनसे जुड़े इतिहास, लोककथाओं और पारंपरिक ज्ञान को भी इन आयोजनों में प्रस्तुत किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि जब तक जनता स्वयं इस कार्य में सहभागी नहीं होगी, तब तक नदी संरक्षण केवल सरकारी प्रयासों तक सीमित रहेगा। इसलिए इस उत्सव के जरिए लोगों को जल संरक्षण, नदी प्रदूषण के प्रभाव और वर्षाजल संचयन जैसी बातों पर शिक्षित और प्रेरित किया जाएगा।