
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम हुआ है और युद्धविराम लागू हो गया है। हालांकि हालात सामान्य होते दिख रहे हैं, लेकिन सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पीके साहू की रिहाई अब भी अधर में है। वह पिछले 20 दिनों से पाकिस्तान की हिरासत में हैं और अब तक उन्हें भारत वापस नहीं लाया जा सका है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने 7 मई को पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर घुसकर एयर स्ट्राइक की थी। इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था, लेकिन अब सीजफायर लागू हो जाने के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। इसी के साथ जवान पीके साहू की रिहाई को लेकर उम्मीदें भी जगी हैं।
गलती से पार की सीमा, पाकिस्तान ने कर लिया गिरफ्तार
23 अप्रैल की शाम को पंजाब के फिरोजपुर बॉर्डर पर तैनात कांस्टेबल पीके साहू गलती से सीमा पार कर गए थे, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जवान उस समय वर्दी में थे और उनके पास सर्विस राइफल भी थी। वे सीमा के पास किसानों के एक समूह के साथ गश्त पर थे और कथित तौर पर एक पेड़ के नीचे आराम करने के लिए आगे बढ़े थे, जब अनजाने में वे पाक सीमा में प्रवेश कर गए।
इस घटना के बाद से बीएसएफ अधिकारियों ने पाकिस्तान रेंजर्स के साथ कई बार फ्लैग मीटिंग की, लेकिन अब तक साहू की रिहाई नहीं हो सकी है। अब जबकि दोनों देशों के बीच युद्धविराम लागू हो गया है, उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक के माध्यम से जवान को वापस लाया जा सकेगा।
जवान की रिहाई को लेकर परिवार की अपील
जवान पीके साहू पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा स्थित हरिसभा क्षेत्र के निवासी हैं। उनके परिवार में माता-पिता और पत्नी हैं, जो पिछले 20 दिनों से बुरी तरह से चिंता में हैं। सैनिक की पत्नी रजनी साहू ने चंडीगढ़ आकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात की और पति की रिहाई की अपील की।
रजनी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं बता नहीं सकती कि मैं कितने तनाव में हूं। बीएसएफ अधिकारी मुझसे सिर्फ इतना कह रहे हैं कि चिंता मत करो, लेकिन कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही। इसलिए मैंने अपनी स्थिति की परवाह किए बिना चंडीगढ़ यात्रा की।”
उन्होंने बताया कि वे फिरोजपुर बॉर्डर तक जाना चाहती थीं, लेकिन अधिकारियों से मुलाकात के बाद उन्हें वापस घर भेज दिया गया।
माता-पिता की गुहार: “हमें हमारा बेटा वापस चाहिए”
पीके साहू के माता-पिता ने केंद्र सरकार से अपील की है कि उनके बेटे की सुरक्षित और शीघ्र रिहाई के लिए हरसंभव कदम उठाया जाए। उनकी मां ने कहा,
“हम बहुत तनाव में हैं। हमें हर पल चिंता सता रही है कि हमारा बेटा किस हाल में होगा। हम बीएसएफ अधिकारियों और केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं कि वह सुरक्षित घर लौटे।”
अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत कार्रवाई की मांग
बीएसएफ सूत्रों ने बताया कि जवान की गिरफ्तारी के बाद से ही पाकिस्तान के अधिकारियों से कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से संपर्क बनाए रखा गया है। फ्लैग मीटिंग्स के अलावा भारतीय उच्चायोग ने भी इस मामले को पाकिस्तान सरकार के समक्ष उठाया है।
भारत सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि पीके साहू को अंतरराष्ट्रीय नियमों और जिनेवा संधि के तहत मानवीय व्यवहार दिया जाना चाहिए, और जल्द से जल्द उन्हें भारत को सौंपा जाए।