
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इस वर्ष एक नए बदलाव के साथ शुरू हो रही है। बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिरों के प्रांगण में इस बार श्रद्धालुओं को दर्शन करने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए मंदिर परिसर के 30 मीटर के दायरे में वीडियो और रील बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी कर ली है। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया और वीडियो बनाने पर नियंत्रण
चारधाम यात्रा के दौरान प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु केदारनाथ और बदरीनाथ मंदिरों में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। पिछली यात्रा में यह देखा गया था कि श्रद्धालु अपने मोबाइल फोन से वीडियो और रील बनाने के लिए मंदिर परिसर में इकट्ठा हो जाते थे, जिसके कारण भीड़ नियंत्रण में समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं। इसके चलते अन्य श्रद्धालुओं को दर्शन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, बीकेटीसी ने इस बार बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिरों के परिसर में 30 मीटर के दायरे में वीडियो और रील बनाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम श्रद्धालुओं को बेहतर और बिना रुकावट के दर्शन सुविधा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। बीकेटीसी का मानना है कि इस निर्णय से मंदिरों में दर्शन के दौरान होने वाली अव्यवस्था में कमी आएगी और श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन करने का अवसर मिलेगा।
बीकेटीसी की तैयारियाँ और मुख्यमंत्री के निर्देश
बीकेटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विजय प्रसाद थपलियाल ने कहा, “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशानिर्देशों के तहत इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन में कोई भी परेशानी न हो। वीडियो और रील बनाने पर रोक लगाने का यह निर्णय इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
उन्होंने यह भी बताया कि बीकेटीसी द्वारा व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने के लिए अन्य कई उपाय भी किए जा रहे हैं। इनमें मंदिर परिसर के अंदर और बाहर भीड़ नियंत्रण, दर्शनों के लिए लंबी लाइनों का प्रबंधन, पार्किंग की व्यवस्था, और सुरक्षा इंतजाम भी शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई
इसके साथ ही, बीकेटीसी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस बार यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर गलत या भ्रामक जानकारी फैलाकर श्रद्धालुओं के मन में भ्रम पैदा करते हैं। इसके तहत बीकेटीसी ने सोशल मीडिया पर नजर रखने और भ्रामक सूचनाओं को तुरंत हटाने के लिए एक टीम गठित की है।
विजय प्रसाद थपलियाल ने इस विषय पर कहा, “हम सोशल मीडिया के माध्यम से फैलने वाली गलत जानकारी को गंभीरता से लेते हैं। इस बार की यात्रा में, यदि किसी ने भ्रामक जानकारी फैलाने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
यात्रा की व्यवस्थित प्रक्रिया और भीड़ प्रबंधन
उत्तराखंड सरकार और बीकेटीसी का मुख्य लक्ष्य इस वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए एक व्यवस्थित और सुरक्षित यात्रा अनुभव सुनिश्चित करना है। इसके लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- भीड़ नियंत्रण: यात्रा के दौरान आने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बीकेटीसी ने अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों और पुलिस बल की तैनाती की है। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं को अलग-अलग समय स्लॉट में दर्शन कराने की योजना भी बनाई गई है।
- सुरक्षा व्यवस्था: यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, बीकेटीसी और राज्य सरकार ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। मंदिरों के आस-पास के इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और सभी प्रमुख मार्गों पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है।
- स्वास्थ्य सेवाएँ: चूंकि यात्रा में बड़ी संख्या में बुजुर्ग और बीमार श्रद्धालु भी आते हैं, बीकेटीसी ने स्वास्थ्य सेवाओं को भी बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त चिकित्सा टीमों की तैनाती की है। अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भीड़ कम करने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की व्यवस्था की गई है।
- स्वच्छता व्यवस्था: यात्रा के दौरान सफाई बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है। बीकेटीसी ने सुनिश्चित किया है कि श्रद्धालुओं को एक साफ-सुथरे वातावरण में दर्शन करने का अवसर मिले।
श्रद्धालुओं के लिए नई सुविधाएँ
इस वर्ष यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए कई नई सुविधाएँ भी प्रदान की गई हैं। बीकेटीसी ने विशेष रूप से पवित्र स्थलों के पास आरामदायक विश्राम स्थल, बैठने की व्यवस्था, पेयजल और खाद्य आपूर्ति की व्यवस्था में सुधार किया है।
इसके अलावा यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं के लिए मार्गदर्शन करने के लिए नए संकेतक लगाए गए हैं ताकि कोई भी श्रद्धालु रास्ता भटकने की स्थिति में न हो।