
उत्तराखंड की प्रतिष्ठित चारधाम यात्रा एक बार फिर प्रकृति की चुनौती से प्रभावित हो गई है। विशेष रूप से यमुनोत्री हाईवे पर स्थिति अभी भी सामान्य नहीं हो सकी है। लगातार तीसरे दिन भी यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित है और सैकड़ों श्रद्धालु रास्ते में फंसे हुए हैं। बारिश के कारण हुए भूस्खलन और सड़क धंसने की वजह से यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
स्थानीय प्रशासन की ओर से हालांकि राजमार्ग को खोलने के प्रयास युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। प्रशासनिक मदद के अभाव में, स्थानीय ग्रामीण और समाजसेवी संगठन फंसे श्रद्धालुओं के लिए आगे आए हैं और निःशुल्क भोजन और ठहरने की व्यवस्था कर रहे हैं।
यमुनोत्री हाईवे पर भूस्खलन और वाशआउट
स्याना चट्टी क्षेत्र, जो यमुनोत्री मार्ग का अहम हिस्सा है, वहां पर यमुना नदी के कारण बनी झील अभी भी बनी हुई है। वहीं, सिलाई बैंड और ओजरी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा वाश आउट हो चुका है, यानी सड़क का एक हिस्सा पूरी तरह बह गया है। इसके कारण हाईवे का ट्रैफिक बाधित है और भारी मशीनरी से सड़क की मरम्मत की जा रही है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, सड़क की मरम्मत में कुछ और समय लग सकता है, क्योंकि भारी बारिश के चलते कार्य में बाधाएं आ रही हैं।
गंगोत्री धाम का मार्ग सुचारु
दूसरी ओर राहत की खबर यह है कि गंगोत्री धाम का यात्रा मार्ग पूरी तरह सुचारु है। श्रद्धालु गंगोत्री धाम पर दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं और वहां पर किसी तरह की व्यवधान की सूचना नहीं है। गंगोत्री यात्रा मार्ग खुला होने से हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन कर रहे हैं, और स्थानीय प्रशासन वहां पर व्यवस्थाएं संभाल रहा है।
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
यमुनोत्री मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं की मदद के लिए अब तक कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है, जिससे लोगों में आक्रोश भी देखा जा रहा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि सरकार और प्रशासन की लापरवाही के चलते उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है। हालांकि स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों की मदद से हालात नियंत्रण में बने हुए हैं।
सरकार ने चारधाम यात्रा पर से हटाया प्रतिबंध
इस बीच एक बड़ा निर्णय लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा पर लगाई गई अस्थाई रोक को सोमवार सुबह हटा लिया। गौरतलब है कि राज्य में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी था, जिस कारण एहतियातन चारधाम यात्रा पर रोक लगाई गई थी। लेकिन अब मौसम की स्थिति में कुछ सुधार आने के बाद यह रोक हटा दी गई है।
गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने जानकारी दी कि यात्रा पर चौबीस घंटे की जो अस्थाई रोक लगाई गई थी, वह अब हटा ली गई है। उन्होंने कहा कि सरकार श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रत्येक जिले के जिलाधिकारियों को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में मौसम की स्थिति के अनुसार यात्रा की अनुमति दें या रोकें। यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई है ताकि स्थानीय स्थिति के अनुसार त्वरित निर्णय लिए जा सकें।
दर्शन और पंजीकरण के आंकड़े
चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटों में चारधाम और हेमकुंड साहिब में 19,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इसके अतिरिक्त 2684 श्रद्धालुओं ने ऑफलाइन पंजीकरण भी कराया है, जिससे यह स्पष्ट है कि यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में अभी भी भारी उत्साह बना हुआ है।