
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तमिलनाडु के दौरे के दौरान राज्य में मुख्यमंत्री ब्रेकफास्ट स्कीम लागू करने की संभावनाएं तलाशने की औपचारिक घोषणा की है। चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु के इस प्रगतिशील मॉडल की सराहना की और कहा कि पंजाब सरकार अब इस योजना को अपने राज्य में अपनाने की दिशा में गंभीरता से विचार करेगी।
तमिलनाडु में शहरी सरकारी स्कूलों में लागू ‘ब्रेकफास्ट स्कीम’ के तहत छात्रों को सुबह का पौष्टिक नाश्ता दिया जाता है, जिससे न केवल उनकी पोषण स्थिति में सुधार होता है, बल्कि स्कूल उपस्थिति में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। भगवंत मान ने इस योजना को “ऐतिहासिक कदम” करार देते हुए इसे पंजाब में लागू करने के लिए अपने मंत्रिमंडल के साथ विचार-विमर्श की बात कही।
मुख्यमंत्री का तमिलनाडु दौरा और संदेश
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के आमंत्रण पर चेन्नई पहुंचे भगवंत मान ने सरकारी स्कूल के एक कार्यक्रम में शिरकत की, जहां उन्होंने बच्चों को स्वयं अपने हाथों से भोजन परोसा। इस मौके पर उन्होंने कहा,“तमिलनाडु सरकार की यह पहल अत्यंत सराहनीय है। यह समय की मांग है कि हम सामाजिक असमानताओं को दूर करने के लिए ऐसी योजनाएं लागू करें, विशेष रूप से उन बच्चों के लिए जो हाशिए पर हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार इस योजना के विस्तार की व्यवहार्यता का अध्ययन करेगी और जल्द ही पंजाब में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा सकता है।
क्या है ‘मुख्यमंत्री ब्रेकफास्ट स्कीम’?
तमिलनाडु सरकार ने यह योजना सबसे पहले 2022 में कुछ जिलों में पायलट के तौर पर शुरू की थी। इसके अंतर्गत राज्य के शहरी क्षेत्रों में स्थित सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को मुफ्त और पौष्टिक नाश्ता दिया जाता है।
योजना का मुख्य उद्देश्य है:
- भूख से शिक्षा में रुकावट को रोकना
- स्कूल में छात्रों की उपस्थिति और एकाग्रता को बढ़ाना
- बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना
- सामाजिक बराबरी को प्रोत्साहित करना
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नेतृत्व में इस योजना को अब पूरे तमिलनाडु में लागू किया जा रहा है और इसके शुरुआती परिणाम बेहद सकारात्मक रहे हैं।
पंजाब में संभावनाएं और चुनौतियां
पंजाब में इस योजना को लागू करना एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि कैसे यह योजना राज्य की सामाजिक और आर्थिक संरचना में फिट बैठ सके।
पंजाब पहले ही ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ जैसे मॉडल के माध्यम से शिक्षा में सुधार की दिशा में बड़े बदलाव कर रहा है। अब यदि नाश्ता योजना भी स्कूलों में शुरू होती है, तो यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए लाभदायक होगी।
AAP सरकार की प्राथमिकताएं — शिक्षा और स्वास्थ्य
भगवंत मान ने अपने संबोधन में एक बार फिर दोहराया कि आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकारें शिक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देती हैं। दिल्ली और पंजाब, दोनों राज्यों में शिक्षा क्षेत्र में किए गए बदलावों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे लिए वोट बैंक नहीं, भविष्य की पीढ़ी मायने रखती है। हम चुनाव जीतने के लिए नहीं, बदलाव लाने के लिए काम कर रहे हैं।”
उन्होंने बताया कि पंजाब के सरकारी स्कूलों को ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ में बदला जा रहा है, जहां विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके परिणामस्वरूप पंजाब ने राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) में केरल को पीछे छोड़कर शिक्षा प्रदर्शन में पहला स्थान हासिल किया है।
‘रंगला पंजाब’ की ओर बढ़ते कदम
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पंजाब सरकार “रंगला पंजाब” के सपने को साकार करने के लिए मिशनरी भावना से काम कर रही है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, रोजगार और सामाजिक कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर तमिलनाडु जैसा राज्य सामाजिक और शैक्षिक नवाचार कर सकता है, तो पंजाब में भी वह क्षमता है। उन्होंने तमिलनाडु सरकार के प्रयासों की खुलकर सराहना की और मुख्यमंत्री स्टालिन को पंजाब आने का निमंत्रण भी दिया