मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार बाईपास रोड स्थित कारगी ग्राण्ट में सतर्कता अधिष्ठान निदेशालय द्वारा आयोजित ‘सत्यनिष्ठा की संस्कृति से राष्ट्र की समृद्धि’ विषय पर सतर्कता जागरूकता सप्ताह एवं प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं, जिनका उद्देश्य सतर्कता विभाग की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाना है।
विशेषज्ञों की टीम गठित करने की घोषणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सतर्कता विभाग की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सर्विलांस, तकनीकी और वित्तीय विशेषज्ञों की एक टीम गठित की जाएगी। यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत फ्रंट बनाने के लिए उठाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस शिविर के माध्यम से सतर्कता अधिष्ठान में सराहनीय कार्य करने वाले कार्मिकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिससे उनके प्रयासों को मान्यता मिलेगी।
सरदार पटेल की जयंती और पारदर्शिता का महत्व
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद किया, जिन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष उनकी जयंती के अवसर पर लोक प्रशासन को पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाने के लिए ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ का आयोजन किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने यह आशा व्यक्त की कि इस सप्ताह का आयोजन पारदर्शिता के उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सत्य, ईमानदारी, नैतिकता और पारदर्शिता की संस्कृति को विकसित करने की आवश्यकता है, जिससे हर कोई अपने कार्य में उचित तरीके से काम कर सके।
जन-जागरूकता का महत्व
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘सतर्कता जन-जागरूकता सप्ताह एवं प्रशिक्षण शिविर’ का मुख्य उद्देश्य जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और लोक प्रशासन को पारदर्शी और उत्तरदायी बनाना है। उन्होंने सुझाव दिया कि सतर्कता अधिष्ठान में ऐसे अधिकारियों को भी शामिल किया जाए, जो इस क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हों।
प्रधानमंत्री मोदी का 2047 का संकल्प
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प की बात करते हुए कहा कि इस दिशा में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश आर्थिक, सामाजिक और नैतिक रूप से समृद्ध हो रहा है।
मोदी जी द्वारा शुरु की गई ई-गवर्नेंस की पहल ने सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है। मुख्यमंत्री ने नोटबंदी, जीएसटी और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली का उल्लेख करते हुए कहा कि ये सभी कदम भ्रष्टाचार को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस नीति
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार में दोषी पाया गया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है।
निदेशक सतर्कता का रिपोर्ट
इस अवसर पर निदेशक सतर्कता वी. मुरूगेशन ने जानकारी दी कि 2022 में टोल-फ्री नंबर 1064 जारी किया गया था, जिसके तहत अब तक 7800 शिकायतें दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि सतर्कता विभाग ने पिछले तीन वर्षों में 66 ट्रैप किए हैं और 75 लोगों पर कार्रवाई की गई है।
उपस्थित
इस कार्यक्रम में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव गृह शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा, ए.पी. अंशुमन, पुलिस अधीक्षक सतर्कता रेनू लोहनी और सतर्कता विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।