
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों के बीच मंगलवार को एक ऐतिहासिक मुलाकात हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरिंदर सिंह ढिल्लों और उनके उत्तराधिकारी जसदीप सिंह गिल का मुख्यमंत्री आवास पर गरिमामयी स्वागत किया। यह मुलाकात हरियाणा की राजनीति और समाजिक जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखी जा रही है, खासकर मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सिंह सैनी और गुरिंदर सिंह ढिल्लों की यह पहली मुलाकात है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया डेरा प्रमुख का स्वागत
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने आधिकारिक ट्विटर (अब एक्स) अकाउंट से इस मुलाकात के बाद एक पोस्ट जारी की। उन्होंने लिखा, “आज मुख्यमंत्री आवास संत कबीर कुटीर में राधा स्वामी सत्संग ब्यास डेरा के प्रमुख संत बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों जी का स्वागत सत्कार किया। साथ ही, उनका स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त किया।”
नायब सिंह सैनी ने आगे कहा, “समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने में संत-महापुरुषों का अतुलनीय योगदान हमेशा से ही रहा है। राधा स्वामी सत्संग ब्यास द्वारा मानवता की सेवा और सामाजिक सद्भाव हेतु निरंतर किए जा रहे कार्य अपने आप में अद्भुत और प्रेरणादायी हैं।”
सीएम सैनी ने इस अवसर पर संत जनों से आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना की और उनके आशीर्वाद से राज्य के लोगों की सुख-समृद्धि की कामना की। इस मुलाकात ने राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से एक नया विमर्श शुरू किया है, जिसमें सामाजिक और धार्मिक सहयोग की महत्ता को बढ़ावा दिया गया है।
डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास का सामाजिक योगदान
राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने हमेशा समाज में फैली कुरीतियों और असमानताओं को समाप्त करने की दिशा में निरंतर प्रयास किए हैं। यह संगठन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके सामाजिक कार्य भी उल्लेखनीय रहे हैं। डेरा का मुख्य उद्देश्य मानवता की सेवा और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है।
गुरिंदर सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने कई सामाजिक कार्यों की शुरुआत की है, जिनमें गरीबों और जरूरतमंदों की मदद, शिक्षा के क्षेत्र में योगदान, और समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में कई पहलें शामिल हैं। इनके आशीर्वाद से न केवल हरियाणा, बल्कि भारत के विभिन्न हिस्सों में शांति और सामाजिक सौहार्द की भावना को बढ़ावा मिला है।
डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुखों का इतिहास
डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास की गद्दी पर अब तक कई प्रमुख विराजमान रहे हैं, जिन्होंने न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से डेरा को स्थापित किया, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
- जैमल सिंह (1878-1903): डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के पहले प्रमुख थे, जिन्हें 1878 में डेरा की गद्दी पर विराजमान किया गया। उन्होंने डेरा के सिद्धांतों और उपदेशों को मजबूत किया और समाज में फैलाने का कार्य किया।
- सावन सिंह (1903-1948): सावन सिंह जी को 1903 में डेरा का प्रमुख बनाया गया। उन्होंने 45 वर्षों तक डेरा की गद्दी संभाली और अपने कार्यकाल में डेरा को एक नई दिशा दी। उनकी शिक्षाओं ने लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया।
- जगत सिंह (1948-1951): सावन सिंह के बाद डेरा की गद्दी जगत सिंह को सौंपी गई, हालांकि उनका कार्यकाल केवल तीन वर्षों तक ही रहा। उन्होंने डेरा के सिद्धांतों का पालन किया और संगठन को स्थिरता दी।
- चरण सिंह (1951-1990): चरण सिंह ने 1951 से लेकर 1990 तक डेरा की गद्दी संभाली और डेरा को एक नया आकार दिया। उनके नेतृत्व में डेरा ने कई सामाजिक कार्यों की शुरुआत की और बहुत बड़ी संख्या में अनुयायी जुटाए।
- गुरिंदर सिंह ढिल्लों (1991-2024): गुरिंदर सिंह ढिल्लों जी ने 1991 से लेकर अब तक डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास की गद्दी संभाली। उन्होंने संगठन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाया और डेरा के सामाजिक और धार्मिक कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाया। उन्होंने हाल ही में जसदीप सिंह गिल को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है, जिससे डेरा में एक नए युग की शुरुआत हो रही है।
गुरिंदर सिंह ढिल्लों का उत्तराधिकारी जसदीप सिंह गिल
गुरिंदर सिंह ढिल्लों द्वारा जसदीप सिंह गिल को अपना उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के अनुयायियों के बीच एक नई दिशा देखने को मिल रही है। जसदीप सिंह गिल के नेतृत्व में डेरा को और अधिक स्थिरता और विकास की ओर बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
गिल को एक योग्य और समर्पित नेता के रूप में देखा जा रहा है, जो डेरा के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने में सक्षम हैं। उनके नेतृत्व में, डेरा और भी अधिक धार्मिक और सामाजिक कार्यों में जुटने की योजना बना सकता है, जिससे समाज में और अधिक सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।