
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से भेंट कर राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान राज्य के पहाड़ी और दूरदराज़ क्षेत्रों में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार, नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण, ट्रॉमा सेंटर की स्थापना, और आयुष्मान भारत योजना में केंद्रीय अंशदान बढ़ाने सहित कई अहम मांगें रखीं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक विषमताओं को देखते हुए यहां पर आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाना अत्यंत आवश्यक है। इस दिशा में उन्होंने एम्स ऋषिकेश से संचालित एयर एंबुलेंस सेवा के विस्तार के साथ ही एक अतिरिक्त हेलीकॉप्टर की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया, ताकि राज्य के दुर्गम और पर्वतीय क्षेत्रों में त्वरित आपातकालीन चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
आपातकालीन सेवाओं के लिए मांगा अतिरिक्त हेलीकॉप्टर
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य में प्राकृतिक आपदाओं, सड़क दुर्घटनाओं और तीव्र बीमारियों के मामलों में तेजी से उपचार और जीवनरक्षक सेवाएं पहुंचाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में केंद्र सरकार से अतिरिक्त हेलीकॉप्टर की मांग न केवल एक औपचारिक अनुरोध है, बल्कि हजारों जानों को बचाने की दिशा में एक ठोस कदम भी है।
आयुष्मान भारत योजना में केंद्रीय अंशदान बढ़ाने की मांग
आयुष्मान भारत योजना को लेकर भी मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। उन्होंने प्रति SECC (Socio-Economic Caste Census) परिवार के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि को ₹1,052 से बढ़ाकर ₹1,500 करने की मांग की। धामी ने कहा कि बढ़ती स्वास्थ्य सेवाओं की लागत और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक प्रभावी कवरेज सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि केंद्र सरकार अपना योगदान बढ़ाए।
चारधाम यात्रा में एम्स ऋषिकेश की भूमिका पर जताया आभार
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा के दौरान एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाओं के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर लगातार स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना केवल धार्मिक यात्रा की सुगमता ही नहीं, बल्कि तीर्थयात्रियों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी विषय है।
इस क्रम में उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि स्नातकोत्तर चिकित्सकों (PG doctors) की रेजिडेंसी (Doctor Residency Program) में यात्रा ड्यूटी को शामिल करने से न केवल स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हुई हैं, बल्कि युवा डॉक्टरों को जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण का भी अवसर मिला है।
दो नए मेडिकल कॉलेजों के लिए केंद्र से मांगी मंजूरी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार राज्य में स्वास्थ्य शिक्षा और चिकित्सा संसाधनों के विस्तार को प्राथमिकता दे रही है। इसी क्रम में जगजीवन राम मेडिकल कॉलेज, पिथौरागढ़ और पं. राम सुमेर शुक्ल मेडिकल कॉलेज, रुद्रपुर का निर्माण युद्धस्तर पर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह दोनों संस्थान शैक्षणिक सत्र 2026-27 से शिक्षण कार्य प्रारंभ करने के लिए तैयार रहेंगे। उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) और भारत सरकार इन कॉलेजों को अनिवार्य मंजूरी शीघ्र प्रदान करें ताकि समय पर शिक्षा शुरू की जा सके।
टिहरी मेडिकल कॉलेज के लिए भी मांगी स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि टीएचडीसी (Tehri Hydro Development Corporation) के सहयोग से टिहरी मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी प्रगति पर है। इस संस्थान को राज्य में चिकित्सा शिक्षा का नया केंद्र बनाने की योजना है। उन्होंने निर्माणाधीन कॉलेज को जल्द से जल्द आवश्यक स्वीकृतियां देने की मांग भी रखी।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना की अपील
स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक मजबूती देने के क्रम में मुख्यमंत्री ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में एक अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज का ट्रॉमा सेंटर न केवल आसपास के क्षेत्रों के लिए बल्कि चारधाम यात्रा मार्ग पर आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें एक ऐसे ट्रॉमा सेंटर की ज़रूरत है जो हाईवे दुर्घटनाओं, तीव्र बीमारियों और अचानक उत्पन्न स्वास्थ्य संकटों के समय तत्काल सुविधा दे सके। केंद्र सरकार से अनुरोध है कि इसके लिए तत्काल सहायता प्रदान की जाए।”
केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा का आश्वासन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सभी बातों को गंभीरता से सुना और उन्हें हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को केंद्र सरकार की प्राथमिकता में रखा गया है। नड्डा ने कहा कि मंत्रालय की टीमें जल्द ही प्रस्तावों का निरीक्षण करेंगी और आवश्यक अनुमोदन की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।