मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज अपने शासकीय आवास पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर उन्होंने इन दो महान नेताओं के योगदान को याद किया, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और देश की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
महात्मा गांधी का योगदान
महात्मा गांधी, जिन्हें ‘राष्ट्रपिता’ के नाम से भी जाना जाता है, ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी। उनके सिद्धांतों ने न केवल भारत में स्वतंत्रता की लहर पैदा की, बल्कि उन्होंने दुनिया भर में अहिंसा और सत्याग्रह की एक नई परिभाषा दी। सीएम धामी ने कहा, “महात्मा गांधी ने हमें सिखाया कि सच्चाई और अहिंसा का मार्ग हमेशा सबसे प्रभावी होता है। उनका जीवन हमें प्रेरित करता है कि हम अपने अधिकारों के लिए लड़ने के साथ-साथ समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का भी पालन करें।”
लाल बहादुर शास्त्री का योगदान
लाल बहादुर शास्त्री, भारत के दूसरे प्रधानमंत्री, ने ‘जय जवान – जय किसान’ का उद्घोष करके देश के कृषि और रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने का कार्य किया। उन्होंने भारत की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने और किसानों के कल्याण के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए। सीएम धामी ने कहा, “शास्त्री जी का जीवन एक उदाहरण है कि कैसे कर्तव्यनिष्ठता और समर्पण के साथ किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।”
श्रद्धांजलि अर्पित करते समय का माहौल
मुख्यमंत्री धामी ने श्रद्धांजलि देते हुए दोनों नेताओं के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके विचारों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस मौके पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी सचिवालय में गांधी जी और शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण किया और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “आज का दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अपने महान नेताओं के सिद्धांतों को अपनाना चाहिए और एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए प्रयास करना चाहिए।”
वैष्णव जन तो.. का गायन
इस अवसर पर भारतखंडे संगीत महाविद्यालय के छात्रों ने महात्मा गांधी के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो..’ का गायन किया। इस भजन ने उपस्थित लोगों में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया और कार्यक्रम का माहौल भक्ति और श्रद्धा से भर दिया। भजन के दौरान उपस्थित लोगों ने भी सामूहिक रूप से भाग लिया, जिससे एकता और समर्पण की भावना और भी मजबूत हुई।
महात्मा गांधी के विचारों की प्रासंगिकता
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अपने संबोधन में गांधी जी के विचारों की वर्तमान प्रासंगिकता पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “गांधी जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ सामाजिक उत्थान भी आवश्यक है। हमें उनके सिद्धांतों को अपनाकर अपने जीवन को दिशा देनी चाहिए।” राधा रतूड़ी ने यह भी कहा कि गांधी जी के विचारों का पालन करना आज के समय में और भी अधिक महत्वपूर्ण है, जब समाज में विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
युवाओं को प्रेरित करने की आवश्यकता
सीएम धामी ने युवाओं से भी अपील की कि वे गांधी जी और शास्त्री जी के सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारें। उन्होंने कहा, “युवाओं को यह समझना चाहिए कि एक व्यक्ति के प्रयास से समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। हमें अपने कर्तव्यों को निभाते हुए समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए।”
समाज में बदलाव का आह्वान
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम गांधी जी के सिद्धांतों का पालन करें, तो हम अपने समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। “हमें सत्य, अहिंसा और प्रेम के मार्ग पर चलकर एक ऐसा समाज बनाना होगा जहां हर व्यक्ति को सम्मान मिले,”